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Dharmendra: धर्मेंद्र-शर्मिला टैगोर की पहली ही फिल्म को मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार, चार मानी जाती हैं क्लासिक

Dharmendra Sharmila Taogre Films धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत ब्लैक एंड व्हाइट सिनेमा से की थी और तकरीबन साठ सालों के करियर में उन्होंने अपने अभिनय से तमाम रंग भरे हैं। शर्मिला टैगोर के साथ उनकी फिल्मों को दर्शकों का भी प्यार मिला।

By Manoj VashisthEdited By: Updated: Tue, 06 Dec 2022 08:43 PM (IST)
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Dharmendra Worked With Sharmila Tagore in 8 Films. Photo-screenshot
नई दिल्ली, जेएनएन। 8 दिसम्बर को उम्र का 87वां पड़ाव छू रहे धर्मेंद्र उन कलाकारों में शामिल हैं, जो सिनेमा के लिए धरोहर बन चुके हैं। फिल्म इंडस्ट्री में छह दशक से ज्यादा बिता चुके धर्मेंद्र ने अपने करियर में तमाम हिट, सुपर हिट और ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जिन्हें आज क्लासिक फिल्मों का दर्जा हासिल है। धर्मेंद्र पर्दे पर वैसे तो हेमा मालिनी के साथ अपनी जोड़ी के लिए जाने जाते हैं, मगर उन्होंने अपने जमाने की तकरीबन सभी अभिनेत्रियों के साथ यादगार फिल्में की हैं।

इनमें शर्मिला टैगोर भी शामिल हैं, जो धर्मेंद्र के साथ अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करती हैं। धर्मेंद्र और शर्मिला ने आठ फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें से चार फिल्में हिंदी सिनेमा की क्लासिक मानी जाती हैं। दोनों की यादें सिनेमा के श्वेत-श्याम दौर से तक जाती हैं। 

अनुपमा

धर्मेंद्र और शर्मिला की जोड़ी पहली बार 1966 की फिल्म अनुपमा के लिए साथ आयी थी। ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित इस फिल्म की कहानी राजिंदर सिंह बेदी ने लिखी थी, जो उर्दू लेखकों की उस जमात में शामिल थे, जिसे प्रगतिवादी माना जाता था। पिता और बेटी के संबंधों पर बनी इस फिल्म में धर्मेंद्र ने एक संकोची युवा लेखक का किरदार निभाया था। अनुपमा को बेस्ट फीचर फिल्म इन हिंदी केटेगरी में उस साल का नेशनल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

देवर

इसके बाद ये जोड़ी मोहन सेगल निर्देशित देवर के साथ बड़े पर्दे पर लौटी। देवर उस साल की बड़ी हिट फिल्मों में शामिल रही और इसका संगीत सुपर हिट रहा। धर्मेंद्र और शर्मिला के अभिनय को खूब सराहा भी गया। हिंदी फिल्मों में अक्सर कॉमिक किरदारों में नजर आये देवेन वर्मा ने देवर में नेगेटिव रोल निभाया था।

Photo- screenshot/YouTube

मेरे हमदम मेरे दोस्त

1968 में धर्मेंद्र और शर्मिला की वापसी मेरे हमदम मेरे दोस्त के साथ हुई। यह रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी, जिसमें धर्मेंद्र ने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स फर्म में काम करने वाले मध्यमवर्गीय युवक का रोल निभाया था, जबकि शर्मिता अमीर घराने की लड़की के रोल में थीं। बेहतरीन गानों से सजी यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। 

सत्यकाम और यकीन

1969 में धर्मेंद्र और शर्मिला टैगोर की दो फिल्में रिलीज हुई थीं, जिनमें से एक 'सत्यकाम' थी। इस फिल्म को धर्मेंद्र खुद अपने करियर की बेस्ट फिल्म मानते हैं। ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित फिल्म में धर्मेंद्र ने एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया था, जो ईमानदार है और कभी झूठ नहीं बोलता। शर्मिला धर्मेंद्र की पत्नी के रोल में थीं, जबकि संजीव कुमार दोस्त बने थे।  ऋषिकेश मुखर्जी डायरेक्टिड फ़िल्म में धर्मेंद्र ने ईमानदार और हमेशा सच बोलने वाले इंसान सत्यप्रिय का किरदार निभाया था। संजीव कुमार इस फ़िल्म में धर्मेंद्र के दोस्त के रोल में थे। दूसरी फिल्म यकीन एक स्पाइ एक्शन फिल्म थी। यह विशुद्ध मसाला फिल्म थी। यह फिल्म भी हिट रही थी।

Photo- Screenshot/YouTube

चुपके-चुपके, एक महल हो सपनों का, सनी

1975 में धर्मेंद्र और शर्मिला को एक बार फिर साथ लेकर आये ऋषिकेश मुखर्जी। सोशल कॉमेडी 'चुपके-चुपके' में इन दोनों कलाकारों की कॉमिक और ह्यूमरस साइड देखने क मिली। अमिताभ बच्चन और जया बच्चन भी इस फिल्म का हिस्सा थे। 1975 में ही धर्मेंद्र और शर्मिला की 'एक महल हो सपनों का' रिलीज हुई, मगर यह फिल्म सफल नहीं हो सकी। इस जोड़ी की आखिरी फिल्म 1984 में आई 'सनी' है। 

गुलजार धर्मेंद्र, शर्मिला टैगोर और हेमा मालिनी को लेकर देवदास बनाने वाले थे, मगर यह फिल्म घोषणा से आगे नहीं बढ़ सकी। धर्मेंद्र देवदास ना बन सके और शर्मिला उनकी पारो बनते-बनते रह गयीं।

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