'जो जीता वही सिकंदर' के लिए पहली पसंद नहीं थीं आयशा जुल्का, 75 प्रतिशत शूटिंग कर मिलिंद सोमन ने भी छोड़ दी थी फिल्म
आमिर खान और आयशा जुल्का स्टारर ये फिल्म 22 मई 1992 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अभिनेत्री आयशा जुल्का मुख्य भूमिका में थीं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयशा इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थीं। बल्कि एक साउथ इंडियन एक्ट्रेस फिल्म के लिए चुनी गई।
By Pratiksha RanawatEdited By: Updated: Sat, 22 May 2021 07:47 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। 90 के दशक की सुपरहिट फिल्मों में से एक 'जो जीता वही सिकंदर' की रिलीज को पूरे 29 साल हो गए हैं। आमिर खान और आयशा जुल्का स्टारर ये फिल्म 22 मई 1992 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में अभिनेत्री आयशा जुल्का मुख्य भूमिका में थीं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयशा इस फिल्म के लिए पहली पसंद नहीं थीं। बल्कि एक साउथ इंडियन एक्ट्रेस फिल्म के लिए चुनी गई थीं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म 'जो जीता वही सिकंदर' के लिए आयशा जुल्का मेकर्स की पहली पसंद नहीं थीं। फिल्म में आयशा से पहले साउथ इंडियन इंडस्ट्री की अभिनेत्री गिरिजा शेट्टार को लिया गया था। गिरिजा फिल्म की शूटिंग भी शुरू कर चुकी थीं। लेकिन गिरिजा के कुछ पुराने कमिटमेंट्स की वजह से फिल्म की शूटिंग काफी लेट हो रही थी। जिसके चलते फिल्म में गिरिजा की जगह आयशा जुल्का को लिया गया।
हालांकि इसके बाद भी गिरिजा इस फिल्म का हिस्सा बनीं। दरअसल फिल्म का एक गाना 'अरे यारों मेरे प्यारों' गिरिजा के साथ ही शूट किया गया था। गिरिजा के फिल्म छोड़ देने के बाद भी इस गाने को दोबारा से आयशा जुल्का के साथ शूट नहीं किया गया। मेकर्स ने इस गाने को गिरिजा के साथ ही फिल्म में रखा। इसके अलावा फिल्म में दीपक तिजोरी के द्वारा निभाया गया किरदार भी पहले मिलिंद सोमन निभाने वाले थे।
इस बारे में एक इंटरव्यू के दौरान बात करते हुए दीपक तिजोरी ने बताया था कि फिल्म में उनका किरदार पहले मिलिंद सोमन निभाने वाले थे। मिलिंद ने फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग भी कर ली थी। लेकिन उन्होंने इसके बाद फिल्म को छोड़ दिया और फिल्म में शेखर मल्होत्रा का किरदार दीपक तिजोरी ने निभाया।बता दें कि फिल्म में आमिर खान और आयशा जुल्का मुख्य किरदार में थे। इनके अलावा मामिक इमाम, पूजा बेदी, दीपक तिजोरी भी अहम किरदार में नजर आए थे। ये फिल्म अंग्रेजी फिल्म ब्रेकिंग अवे से पूरी तरह से प्रेरित थी। फिल्म को 1993 में बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था। फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिला था और इसे आज भी एक क्लासिक फिल्म माना जाता है।