95 साल के हुए दिलीप कुमार, आज तक कोई नहीं तोड़ पाया उनका यह रिकॉर्ड
दूल्हा बने दिलीप कुमार की घोड़ी की लगाम पृथ्वीराज कपूर ने थामी थी और दाएं-बाएं राज कपूर तथा देव आनंद नाच रहे थे।
By Hirendra JEdited By: Updated: Wed, 13 Dec 2017 08:34 AM (IST)
मुंबई। भारतीय सिनेमा के कैनवास पर कई रंग बिखरे हुए हैं। इन रंगों में एक गाढ़ा रंग यूसुफ़ ख़ान यानी दिलीप कुमार भी भरते हैं। 11 दिसंबर को दिलीप कुमार साहब का जन्मदिन होता है! दिलीप कुमार इस साल अपने जीवन के 95 साल पूरे कर रहे हैं!
दिलीप कुमार का जन्म पेशावर में हुआ था। उनके पिता देश के बंटवारे के बाद मुंबई आ गए थे। दिलीप कुमार ने एक्टिंग की कोई ट्रेनिंग कभी नहीं ली, वे एक स्वाभाविक अभिनेता रहे हैं। उनकी लाइफ की कहानी भी कम फ़िल्मी नहीं है। पिछले साल ही एक लंबे इंतज़ार के बाद दिलीप कुमार की आत्मकथा 'दिलीप कुमार: सब्स्टंस ऐंड द शैडो' आई। सायरा बानो के मुताबिक दिलीप कुमार मतलब वह आदमी जिसने करीब-करीब अकेले दम पर हिंदी सिनेमा का मतलब और उसका स्वरुप भी बदल डाला! उनकी यादों के पन्ने बेहद ही हसीन हैं और जो हसीं और ख़ास नहीं है, वह दिलीप कुमार के काम का नहीं।यह भी पढ़ें: दिलीप कुमार का जन्मदिन सोमवार को, बिरयानी और वनीला आइसक्रीम की तैयारी
आज़ादी के बाद के पहले दो दशकों में ही 'मेला', 'शहीद', 'अंदाज़', 'आन', 'देवदास', 'नया दौर', 'मधुमती', 'यहूदी', 'पैगाम', 'मुगल-ए-आजम', 'गंगा-जमना', 'लीडर' और 'राम और श्याम' जैसी फ़िल्मों के नायक दिलीप कुमार लाखों युवा दर्शकों के दिलों की धड़कन बन गए थे। एक नाकाम प्रेमी के रूप में उन्होंने विशेष ख्याति पाई, लेकिन यह भी सिद्ध किया कि हास्य भूमिकाओं में भी वे किसी से कम नहीं हैं। वो 'ट्रेजेडी किंग' कहलाए लेकिन, वो एक हरफनमौला अभिनेता थे।
दिलीप कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर में मात्र 54 फ़िल्में की हैं लेकिन, उन्होंने हिंदी सिनेमा में अभिनय की कला को नई परिभाषा दी है। 25 वर्ष की उम्र में दिलीप कुमार देश के नंबर वन अभिनेता के रूप में स्थापित हो गए थे। शीघ्र ही राजकपूर और देव आनंद के आने के बाद 'दिलीप-राज-देव' की प्रसिद्ध त्रिमूर्ति का निर्माण हुआ। कमाल की बात यह भी कि ये तीनों ही देश के विभाजन के बाद पकिस्तान से इंडिया आये थे!दिलीप कुमार फ़िल्म निर्माण संस्था 'बॉम्बे टॉकिज' की देन हैं, जहां देविका रानी ने उन्हें काम और नाम दिया। यहीं वे यूसुफ़ सरवर ख़ान से दिलीप कुमार बने। 44 साल की उम्र में अभिनेत्री सायरा बानो से विवाह करने तक दिलीप कुमार वे सब फ़िल्में कर चुके थे, जिनके लिए आज उन्हें याद किया जाता है।दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है! तब, सायरा का दिल जुबिली कुमार यानी राजेन्द्र कुमार पर फिदा था, वे तीन बच्चों वाले शादीशुदा व्यक्ति थे। सायरा की मां नसीम को जब यह भनक लगी, तो उन्हें अपनी बेटी की नादानी पर बेहद गुस्सा आया। नसीम ने अपने पड़ोसी दिलीप कुमार की मदद ली और उनसे कहा कि सायरा को वे समझाएं कि वो राजेंद्र कुमार से अपना मोह भंग करे। दिलीप कुमार ने बड़े ही बेमन से यह काम किया क्योंकि वे सायरा के बारे में ज्यादा जानते भी नहीं थे। जब दिलीप साहब ने सायरा को समझाया कि राजेन्द्र के साथ शादी का मतलब है पूरी ज़िन्दगी सौतन बनकर रहना और तकलीफें सहना। तब पलटकर सायरा ने दिलीप साहब से सवाल किया कि क्या वे उससे शादी करेंगे?दिलीप कुमार के पास तब इस सवाल का जवाब नहीं था। लेकिन, समय को कुछ और ही मंज़ूर था। 11 अक्टूबर 1966 को 25 साल की उम्र में सायरा ने 44 साल के दिलीप कुमार से शादी कर ली। कहते हैं कि दूल्हा बने दिलीप कुमार की घोड़ी की लगाम पृथ्वीराज कपूर ने थामी थी और दाएं-बाएं राज कपूर तथा देव आनंद नाच रहे थे। दिलीप कुमार को बेहतरीन अभिनय के लिए भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्मभूषण की उपाधि से नवाज़ा और 1995 में फ़िल्म का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान 'दादा साहब फाल्के अवॉर्ड' भी प्रदान किया। पाकिस्तान सरकार ने भी उन्हें 1997 में 'निशान-ए-इम्तियाज' से नवाजा था, जो पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। दिलीप कुमार साहब 1980 में मुंबई के शेरिफ नियुक्त किए गए थे।क्या आप जानते हैं 1953 में जब फ़िल्म फेयर पुरस्कारों की शुरुआत हुई तब दिलीप कुमार को ही फ़िल्म 'दाग' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया था। अपने जीवनकाल में दिलीप कुमार कुल 8 बार फ़िल्म फेयर से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार पा चुके हैं और यह एक ऐसा कीर्तिमान है जिसे अभी तक तोड़ा नहीं जा सका है। हां, शाह रुख़ ख़ान ने 8 फ़िल्मफेयर अवार्ड जीतकर उनकी बराबरी ज़रूर कर ली है! शाह रुख़ को दिलीप साहब अपना बेटा मानते हैं। बताते चलें कि साल 2000 से 2006 तक दिलीप कुमार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।यह भी पढ़ें: करण जौहर के दोनों बच्चों यश और रूही की इससे साफ़ तस्वीरें पहले नहीं आईं, यहां देखेंदिलीप कुमार के साथ तीन बेहतरीन ब्लॉकबस्टर फ़िल्में देने वाले फ़िल्ममेकर सुभाष घई ने दिलीप कुमार साहब को बर्थडे पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि- ''दिलीप कुमार मेरे आदर्श, मेरे हीरो रहे हैं। 'विधाता', 'कर्मा' और 'सौदागर' तीनों ही फ़िल्मों में दिलीप कुमार को डायरेक्ट करने के दौरान मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है, वो अपने आप में एक संस्थान हैं।"
दिलीप कुमार अब खामोश हैं। पत्नी सायरा उनका दिलो-जान से ध्यान रख रही हैं! दिलीप कुमार और सायरा बानो की ज़िन्दगी एक मिसाल है। मायानगरी में जहां रोज़ संबंध बनते और बिगड़ते हैं वहां अपनी शादी के 50 साल पूरी कर चुका यह दम्पति वाकई में नायाब है। उम्र के इस पड़ाव पर सायरा अल्जाइमर और अन्य बीमारियों से लड़ रहे दिलीप साहब की तीमारदारी में लगी हैं और वही उनकी आवाज़ भी बनी हुई हैं और धड़कन भी।Happy birthday n prayers for My ideal my hero my favourite #Dilip kumar @TheDilipKumar I learnt so much from him while directing him in #vidhata #karma #saudagar all blockbusters n deeper experience to know art of screen acting in relation with writer director of a film 👍🎥 pic.twitter.com/SJBnvyUfbd
— Subhash Ghai (@SubhashGhai1) December 11, 2017