'असफलता ने सिखाया कि हंसना चाहिए...', कॉमेडियन Vir Das ने कई कठिनाइयों से गुजरकर पाई कामयाबी
Comedian वीर दास को अपने काम के लिए एमी अवार्ड्स भी मिला है। उन्होंने कहा कि मैं जो चीजें अपने लिए स्टेज पर बोल देता हूं उतना दुनिया नहीं बोल पाएगी। मैं अपने फेलियर्स के बारे में आसानी से बात कर पाता हूं। वीर दास हिंदी के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स का भी हिस्सा बनते हैं। उनका कहना है कि इस पेशे ने भी उन्हें कई चीजें सिखाई हैं।
सफल होने के लिए कई असफलताओं के रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। गो गोवा गान फिल्म के अभिनेता वीर दास ने पिछले दिनों अपने शो वीर दास : लैंडिग के लिए एमी अवार्ड्स जीता है। वह भी कई कठिनाओं से गुजरकर सफलता तक पहुंचे हैं।
वीर दास स्टैंडअप कामेडी भी करते हैं। उनका कहना है कि इस पेशे ने भी उन्हें कई चीजें सिखाई हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में वीर दास कहते हैं कि असफलता ने मुझे यही सिखाया कि हंसते रहना चाहिए। हर इंसान को फेलियर सबसे ज्यादा सिखाता है। मैंने भी अपनी असफलताओं से सीखा है।
खुल अपने विचार प्रकट करता हूं...
अभिनेता होने के साथ ही मैं एक स्टैंड अप कामेडियन भी हूं। मैं खुल अपने विचार प्रकट करता हूं। मुखर हूं, यह नहीं सोचता हूं कि कोई मुझे जज कर लेगा। जितना एक कामेडियन किसी शो में खुद को जज करके कामेडी करता है, उससे ज्यादा लोग नहीं कर पाएंगे। मैं जो चीजें अपने लिए स्टेज पर बोल देता हूं, उतना दुनिया नहीं बोल पाएगी। मैं अपने फेलियर्स के बारे में आसानी से बात कर पाता हूं।वीर दास हिंदी के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स का भी हिस्सा बनते हैं। क्या काम करने का तरीका उन्हें यहां के मुकाबले अलग लगता है? इस पर वह कहते हैं कि ऐसा नहीं हैं। वहां भी सब इतने ही जुनूनी हैं, जितने की यहां। हर कोई विपरीत परिस्थितियों में काम कर रहा है।यह भी पढ़ेंः Pakistan: चुनाव से पहले इमरान खान को एक और झटका, 15 दिनों की हिरासत में भेजे गए पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी