Prem Parbat: बॉलीवुड की एक ऐसी फिल्म जो कभी रिलीज नहीं हुई, फिर भी गानों ने बनाई टॉप लिस्ट में जगह
फिल्मों में गाने उसकी जान होते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि फिल्म को हम भूल जाते हैं लेकिन इसके गानों को हिट होने की वजह से याद रखते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी फिल्म के बारे में बताएंगे जोकि ना तो कभी रिलीज हुई और ना ही इसके गाने को स्क्रीन मिला। सिर्फ ऑडियो ने ही इसे हिट बना दिया।
एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। पुराने गानों में जो मिठास थी, उनके लिरिक्स में जो अपनापन था वो उन्हें एपिक सॉन्ग्स की कैटेगरी में डालता है। फिर चाहें प्रेमिका से मोहब्बत का इजहार करना हो या दूर बैठे किसी आशिक की तरह उसकी तारीफ करना या फिर दिल टूटे आशिक के गम को व्यक्त करना हो। बॉलीवुड ने हमें एक से बढ़कर एक गाने दिए हैं। आज बात करेंगे गुजरे जमाने के ऐसे ही एक मशहूर गाने की।
इस गाने को लता जी ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है। लता जी बॉलीवुड इंडस्ट्री की ऐसी कलाकार थीं जिनकी आवाज सीधे रूह में उतरती है। यूट्यूब पर अगर आप इस गाने को सर्च करेंगे तो आपको एक वीडियो दिखाई देगा जिसमें दिलीप कुमार और वैजयंती माला नजर आएंगे। लेकिन आपको बता दें कि ये ऑरिजनल गाना नहीं है।
दूसरे गाने पर लगाया गया ऑडियो
इस गाने के ऑडियो पर किसी और गाने को लगा दिया है। जी हां, इस गाने में आप जो सीन्स देख रहे हैं वो मधुमती के गाने आजा रे परदेसी पर फिट कर दिया है। दरअसल उस गाने की सिचुएशन इस गाने से उतनी मैच कर रही है कि जो गाना सुपरइम्पोज किया गया है उसमें अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल सा है।
कहां चले गए ऑरिजनल रील्स
अब आपको बताते हैं कि ऑरिजनल गाने क्या हुआ। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये गाना जिस फिल्म का है वो फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हुई थी। चलिए इसे सरल शब्दों में समझते हैं। ये गाना फिल्म प्रेम पर्बत का हैं जिसे डायरेक्ट किया था वेद राही ने। इस फिल्म के हीरो रहे सतीश कौल हिंदी और पंजाबी फिल्मों के मशहूर एक्टर हैं जिन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है।
लेकिन ये गाना सिर्फ रेडियो तक ही रह गया और कभी स्क्रीन पर नहीं आ सका। दरअसल इस फिल्म के प्रिंट स्टॉक रूम में जल गए थे। उस समय फिल्मों की बैकअप कॉपी नहीं हुआ करती थी जिसकी वजह से ये फिल्म कभी रिलीज ही नहीं हुई, लेकिन ऑल इंडिया रेडियो के पास गाने की रील थी जिसकी वजह से ये कीमती संगीत बचा रह गया।
यह भी पढ़ें: मां करती थी यतीमखाने में काम, पढ़ाई छोड़ टीन-पतंग बनाने लगे थे एक्टर, पहली फिल्म मिली थी सड़क पर
लोगों के दिलों में बनाई जगह
वैसे तो इस फिल्म में कई गाने थे लेकिन इसका गाना ये दिल और उनकी निगाहों के साए काफी ज्यादा पॉपुलर हुआ। बिनाका गीत माला में इस गाने को शीर्ष स्थान मिला।
फिल्म में काम करने वाले कलाकारों के बारे में जानकारी
इस फिल्म में सतीश कौल, रेहाना सुल्तान, हेमा मालिनी, नाना पालसिकर और आगा नजर आए थे। सतीश कौल को पंजाबी सिनेमा का अमिताभ बच्चन कहा जाता था। फिल्म में संगीत दिया था जयदेव ने और गीत लिखे थे जावेद अख्तर के पिता जान निसार अख्तर और पद्मा सचदेव ने। इस फिल्म का गाना 'रात पिया के संग' को मीनू पुरुषोत्तम ने गाया था बाकी तीन अन्य गाने मेरा छोटा सा घर बार, ये दिल और उनकी निगाहों के साए और ये नीर कहां से बरसे है को लता मंगेशकर ने अपने सुरों से सजाया था।
क्या थी फिल्म की कहानी?
प्रेम पर्वत एक बोल्ड सब्जेक्ट पर बनी फिल्म थी जिसमें एक नौजवान लड़की की वफादारी एक बूढ़े सौहर और एक नौजवान फॉरेस्ट ऑफिसर में बंटी हुई थी। दरअसल महिला को इस फॉरेस्ट ऑफिसर से प्यार हो जाता है लेकिन बूढ़े चौधरी की पत्नी होने के नाते वह दूसरे पुरुष के प्रति अपने प्रेम को जाहिर नहीं कर पाती है।
यह भी पढ़ें: सेंसर बोर्ड ने दी थी Tridev को बैन करने की धमकी, 'ओये-ओये' गाने का इन फिल्मों में बना रीमेक