Bollywood News: 'फिल्में जीवन जीने के तरीकों को नहीं बदल सकती हैं', रामगोपाल वर्मा ने एनिमल की तारीफ में कही ये बात
फिल्मकार रामगोपाल वर्मा ने कहा कि एनिमल फिल्म देखने के बाद मैं वाकई काफी प्रभावित हुआ हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि 35 साल के फिल्म करियर के बाद मैं दोबारा स्कूल पहुंच गया हूं। आगे बोले कि लोग कोई फिल्म खत्म होने के बाद फिर भूल जाते हैं। कोई भी फिल्म किसी के जीवन जीने के तरीके या जीवन को लेकर उसके निर्णयों को नहीं बदल सकती है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कलाकार और फिल्मकार भी दूसरों की फिल्में देखकर प्रभावित होते हैं और उस तरह का काम करना चाहते हैं। सत्या, कंपनी, सरकार फिल्मों के निर्देशक राम गोपाल वर्मा भी इन दिनों रणबीर कपूर अभिनीत फिल्म एनिमल से बेहद प्रभावित हैं। गैंगस्टर ड्रामा वाली कई फिल्में बना चुके राम गोपाल वर्मा जल्द ही ऐसी कोई फिल्म बना सकते हैं।
एनिमल फिल्म देखने के बाद प्रभावित हुआ हूं- रामगोपाल
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम समय के प्रतिबिंब होते हैं। वह समय कैसा है और उस दौरान आपके दिमाग में क्या चल रहा है, उसके अनुसार आप कंटेंट बनाते हैं। हो सकता है कि मैं अपनी अगली फिल्म बना लूं, हो सकता है पांच साल बाद बनाऊं या हो सकता है कि कभी भी न बनाऊं। एनिमल फिल्म देखने के बाद मैं वाकई काफी प्रभावित हुआ हूं। मुझे ऐसा लग रहा है कि 35 साल के फिल्म करियर के बाद मैं दोबारा स्कूल पहुंच गया हूं। इस फिल्म ने मुझे उकसाया है कि मैं अगली फिल्म बनाऊं।
एनिमल के दृश्यों पर बोले रामगोपाल
एनिमल फिल्म के कई हिंसक दृश्यों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। इस पर राम गोपाल वर्मा कहते हैं कि मुझे लगता है कि फिल्म केवल फिल्म होती है। आप तीन घंटे के लिए जब फिल्म देखते हैं, तो अपनी दुनिया से निकलकर कुछ समय के लिए उस दुनिया में चले जाते हैं। फिल्म खत्म होने के बाद फिर भूल जाते हैं। कोई भी फिल्म किसी के जीवन जीने के तरीके या जीवन को लेकर उसके निर्णयों को नहीं बदल सकती है।
हिंसा को लेकर कही ये बात
आगे बोले कि जब मेरी फिल्म सत्या रिलीज हुई थी, तब भी यही कहा गया था कि मैं हिंसा को ग्लोरीफाइ कर रहा हूं। लेकिन उसमें सच्चाई भी दिखाई गई थी कि ऐसे लोगों का अंजाम क्या होता है। शोले फिल्म देखने के बाद कोई डाकू तो नहीं बन गया ना या हम आपके है कौन फिल्म देखकर हर कोई संयुक्त परिवार में नहीं रहने लग गया।