FTII के लिए बड़ी उपलब्धि, Cannes Film Festival 2024 में कॉम्पीट करेगी स्टूडेंट्स की फिल्म
कान्स फिल्म फेस्टिवल दुनिया के सबसे मशहूर फिल्म फेस्टिवल्स में से एक है। इस अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दुनियाभर से फिल्में पहुंचती हैं। उनकी स्क्रीनिंग की जाती है। फेस्टिवल में गई फिल्मों को अंतरराष्ट्रीय दर्शक मिलते हैं और उन्हें बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना आसान हो जाता है। कुछ फिल्में कॉम्पिटीशन सेक्शन में जाती हैं जो अवॉर्ड्स के लिए रेस लगाती हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) ने अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। यहां के स्टूडेंट्स की शॉर्ट फिल्म Sunflowers Were First Ones To Know को 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के La Cinef सेक्शन में कॉम्पीट करने के लिए चुना गया है।
La Cinef फेस्टिवल का ऑफिशियल सेक्शन है, जिसमें दुनियाभर के फिल्म स्कूलों के विद्यार्थियों को अपना हुनर दिखाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
2000 में स 18 फिल्मों का चयन
एफटीआईआई द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, इस सेक्शन में कॉम्पीट करने के लिए दुनियाभर से 2263 फिल्में आई थीं, जिनमें से 18 का चयन किया गया। इनमें 14 लाइव एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्में हैं। La Cinef सेक्शन में चुनी जाने वाली यह अकेली भारतीय फिल्म है। बुनुएल थिएटर में 23 मई को स्क्रीनिंग के बाद ज्यूरी अवॉर्ड प्रदान करेगी।यह भी पढ़ें: Pushpa 2: 'पुष्पा पुष्पा' में अल्लू अर्जुन के स्वैग ने बढ़ाई धड़कनें, रिलीज होते ही गाने ने मचाया धमाल
इस फिल्म का निर्माण एफटीआईआई ने टीवी विंग के एक प्रोजेक्ट के तहत किया है। स्टूडेंट चिदानंद नाइक ने फिल्म का निर्देशन किया है। सूरज ठाकुर ने कैमरा संभाला और मनोज वी ने फिल्म का सम्पादन किया। अभिषेक कदम ने साउंड डिजाइन किया।The Film was produced as part of FTII’s year end coordinated exercise of TV- wing.
Many congratulations to our talented students Mr. Chidanand Naik (Direction), Suraj Thakur (Camera), Manoj V (Editing) and Abhishek Kadam (Sound), for this big achievement. pic.twitter.com/0Q07lmEve3
— FTII (@FTIIOfficial) April 24, 2024
सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वंस टू नो एक वृद्ध महिला की कहानी है, जो गांव में मुर्गे चुराती है। इसके चलते पूरी कम्यूनिटी में बवाल मच जाता है। मुर्गों को वापस लाने के लिए भविष्यवाणी की जाती है, जिसके चलते महिला के परिवार को निष्कासित कर दिया जाता है।