Gangaajal 20 Years: गंगाजल ने पूरे किए 20 साल, एक हफ्ते के लिए रोक दी गई थी फिल्म की स्क्रीनिंग
प्रकाश झा के निर्देशन में बनी फिल्म गंगाजल को आज 20 साल पूरे हो गए हैं। इस फिल्म में अजय देवगन ने आईपीएस अमित कुमार का किरदार निभाया था लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्म को रिलीज होने के बाद कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा था जिसके बावजूद भी ये सुपरहिट साबित हुई। आज हम आपको इस फिल्म से जुड़े कुछ अनसुने किस्से बताने वाले हैं।
By Jagran NewsEdited By: Rajshree VermaUpdated: Tue, 29 Aug 2023 10:43 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी सिनेमा में अक्सर देखने को मिलता है कि पुलिस वालों को काफी महत्व दिया जाता है। किसी फिल्म में वो अच्छे अधिकारी बनते हैं, तो किसी में सिस्टम को भ्रष्ट करने वाले होते हैं। ऐसी कई फिल्में है जिनकी स्टोरी अच्छे और बुरे पुलिस वालों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है।
इन मूवी को मनोरंजन के लिए बनाया जाता है, लेकिन कुछ ऐसी भी फिल्में हैं, जो लोगों को हिला कर रख देती हैं। 29 अगस्त 2003 को आज से 20 साल पहले एक ऐसी ही एक्शन-क्राइम फिल्म रिलीज हुई थी, जिसका नाम था 'गंगाजल'। इस फिल्म को प्रकाश झा ने बनाया था।
फिल्म में मुख्य किरदार अजय देवगन ने निभाया था। लोगों ने इसे खुब पसंद किया और ये सुपरहिट साबित हुई। गंगाजल मूवी से जुडे़ ऐसे कई किस्से हैं, जो शायद बहुत कम लोगों को पता होंगे। चलिए जानते हैं उनके बारे मे।
क्या थी फिल्म की कहानी
इस फिल्म का नाम 'गंगाजल' है, जिसका मतलब है गंगा नदी का पानी। हमारे भारत में गंगाजल को पवित्र माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसके छूने से ही इंसान पवित्र हो जाता है, लेकिन इस फिल्म में जिस तेजाब (एसिड) का इस्तेमाल पुलिस वाले संदिग्ध अपराधियों की आंखों में डालने के लिए करते हैं, उसे उन्होंने गंगाजल नाम दिया होता है।
पुलिस वालों ने ऐसा नाम इसलिए दिया क्योंकि वे कथित तौर पर समाज को साफ कर रहे थे। इसके बाद फिल्म में एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर अमित कुमार को शहर में अपराध दर कम करने के लिए नियुक्त किया जाता है। वहां उसे क्रूर अपराधियों से निपटने के दौरान भ्रष्ट साथी अधिकारियों और राजनेताओं का सामना भी करना पड़ता है।
एक सप्ताह तक बंद रही स्क्रीनिंग
ये फिल्म रिलीज होने के बाद विवादों से घिर गई थी। फिल्म में विलेन का किरदार साधु यादव ने निभाया था। यह नाम एक नेता से मिलता-जुलता था। उन्हें जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।उनके समर्थकों ने पटना में वीणा और अप्सरा सिनेमा में तोड़फोड़ भी की, जिसकी वजह से वहां एक सप्ताह तक फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करनी पड़ी। इसके बाद प्रकाश झा सामने आए और उन्होंने यह साफ किया कि उस किरदार का किसी से कोई संबंध नहीं है, जिसके बाद फिल्म की स्क्रीनिंग शुरू हुई और बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की।
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