Gulzar Birthday: इजाजत, आंधी, लिबास... क्लासिक मानी जाती हैं गुलजार की ये फिल्में, बेचैन रिश्तों की कहानियां
Gulzar Birthday गुलजार सहाब आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनके नाम का ज़िक्र भर करने से दिल को छू जाने वाले गीतों को लोग मन ही मन गुनगुनाने लगते हैं। मशहूर लेखक शायर निर्देशक गीतकार गुलजार ने एक से बढ़कर एक गीत लिखे हैं। उन्होंने अपने गानों से इंसानी रिश्तों की जटिलताओं को समझाने की कोशिश की। आज उनके जन्मदिन पर पढ़िए उनकी निर्देशित फिल्मों के बारे में।
नई दिल्ली, जेएनएन। Gulzar Birthday: गुलजार के गीत हो या फिल्में, उनका हर अंदाज बेहतरीन होता है। भारतीय सिनेमा में गुलजार का योगदान काफी बड़ा रहा है। वो जितने अच्छे लेखक, गीतकार हैं, वो उतने ही अच्छे निर्देशक भी रहे हैं।
गुलजार निर्देशित ज्यादातर फिल्मों में रिश्तों की बेचैनी और इंसानी जज्बात की झलक देखने को मिलती है। इनमें कुछ को हिंदी सिनेमा की क्लासिक फिल्में भी माना जाता है। दिग्गज फिल्मकार के जन्मदिन के मौके पर आइये जानते हैं उनकी कुछ बेहतरीन मूवीज के बारे में। प्यार एक तरफा हो या मुश्किलों भरा, गुलजार के कैमरे ने उसे काफी बेहतरीन तरीके से कैप्चर कर दर्शकों के सामने रखा।
कोशिश
संजीव कपूर और जया बच्चन की फिल्म 'कोशिश' गुलजार के बेहतरीन फिल्मों में से एक है। एक ऐसे जोड़े की कहानी जो बोल और सुन नहीं सकता। फिर भी उनका साथ, उनका प्यार और समाज में सभी संघर्षों का एक साथ सामना करने का जज्बा बखूबी इस फिल्म में देखने को मिल सकता है।
दोनों ही कलाकारों की एक्टिंग इस फिल्म में जान डाल देती है। इसके लिए गुलजार ने बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवार्ड भी अपने नाम कर लिया था, वहीं संजीव कुमार को बेस्ट एक्टर के लिए अवॉर्ड दिया गया था।
आंधी
'आंधी' एक राजनीतिक ड्रामा है, जिसमें संजीव कुमार और सुचित्रा सेन मुख्य भूमिकाओं में थे। कथित तौर पर इस फिल्म को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी जीवन से प्रेरित माना गया था। आंधी पति-पत्नी के बीच रिश्तों के उतार-चढ़ाव की कहानी भी है।
गुलजार ने बाद में स्पष्ट किया था कि इसका उनके निजी जीवन से कोई लेना-देना नहीं है और यह सिर्फ इंदिरा गांधी का लुक है, जो मिलता-जुलता है। फ़िल्म हिट साबित हुई और गुलजार को बेस्ट फिल्म-क्रिटिक्स का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला, वहीं संजीव कुमार को बेस्ट एक्टर चुना गया था।
इजाजत
'इजाजत' 1987 की एक म्यूजिकल रोमांस फिल्म है, जिसमें रेखा, नसीरुद्दीन शाह और अनुराधा पटेल हैं। इसे गुलजार की सबसे संवेदनशील फिल्मों में से एक माना जाता है। यह कहानी है विवाहित जोड़े की है, जो तलाक के बाद फिर एक बार ट्रेन के वेटिंग रूम में आमने-सामने आ जाता हैं।
उसके बाद कैसे वो अपने पुराने दिनों की यादों में खो जाते हैं और उनके मन की कसक कैसे सामने आती है, कुछ इसी विषय पर है यह फिल्म। 'मेरा कुछ सामान' गाना साल का सबसे पसंदीदा गाना बन गया। इस गाने के लिए गुलजार और आशा भोंसले दोनों को सर्वश्रेष्ठ गीतकार और सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक गायिका की श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
लिबास
नसीरुद्दीन शाह, राज बब्बर और शबाना आजमी अभिनीत, लिबास गुलजार की शॉर्ट कहानी 'सीमा' पर आधारित थी और यह एक महिला की कहानी है, जो अपनी शादी-शुदा जिंदगी में खुश नहीं थी और उससे निकलने की तलाश में थी।
फिल्म ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा हासिल की और जिस समय यह फिल्म बनाई गई थी, उस समय के हिसाब से यह काफी बोल्ड विषय रहा था। इससे यह पता चलता है कि गुलजार एक रिस्क टेकर रहे हैं और वो कुछ नया करने से कभी पीछे नहीं हटते हैं।
अचानक
1958 के प्रसिद्ध मर्डर केस केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य से प्रेरित 'अचानक' में विनोद खन्ना ने मुख्य भूमिका निभाई और गुलजार को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में नामांकन मिला। आज भी इसे बेहतरीन क्राइम ड्रामा में से एक माना जाता है। यह फिल्म इस कारण भी चर्चित रही थी, क्योंकि इसमें एक भी गाना नहीं था।
यह फिल्म एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर पर आधारित थीष साल 2016 में इसी केस से प्रेरित एक और फिल्म बनी थी, जिसका नाम 'रुस्तम' था। इसमें अक्षय कुमार, इलियाना डिक्रूज मुख्य भूमिकाओं में थे। गुलजार की हर फिल्म की कहानी में कुछ नयापन देखने को मिल जाता है।