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Gulzar Films: आपकी तन्हाई का सहारा बनेंगी गुलजार की ये 10 सदाबहार फिल्में

Gulzar Films गुलजार के लिखे गीत आज भी श्रोताओं के भीतर नई ऊर्जा और उत्साह को भर देते हैं। उनकी शायरी-गजल और गीतों के मुखड़े वाकई शानदार होते। इस आर्टिकल में हम गुलजार की इसी खूबी और उन फिल्मों की बात करेंगे। जिसमें उन्होंने फिल्मों के सहारे समाज के भीतर एक नई ऊर्जा और उत्साह की ओर प्रेरित किया है।

By Prince SharmaEdited By: Prince SharmaUpdated: Wed, 18 Oct 2023 07:01 AM (IST)
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Gulzar Films: आपकी तनहाई का सहारा बनेंगी गुलजार साहब की ये 10 सदाबहार फिल्में
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। गुलजार के लिखे गीत आज भी श्रोताओं के भीतर नई ऊर्जा और उत्साह को भर देते हैं। उनकी शायरी-गजल और गीतों के मुखड़े वाकई शानदार होते। यूं तो गुलजार का पूरा नाम संपूर्ण सिंह कालरा (Sampooran Singh Kalra) है, शायरों का अक्सर एक तखल्लुस होता है, इसलिए वह गुलजार हैं... 

गुलजार साहब वह आर्टिस्ट हैं, जो नेपथ्य में रहकर पूरे रंगमंच की बागडोर संभालते हैं। सिर्फ गीत या गजलों तक ही गुलजार सीमित नहीं रहे, बल्कि उनकी लिखी फिल्में भी हिंदी सिनेमा पर एक बड़ी छाप छोड़ती रही हैं। इस आर्टिकल में हम गुलजार साहब की इसी खूबी और उन फिल्मों की बात करेंगे, जिसमें उन्होंने सिनेमा के सहारे समाज को एक दर्पण दिखाने का प्रयास किया। इसी क्रम में पेश है गुलजार साहब की लिखीं कुछ फिल्मों की फेहरिस्त...

1. परिचय (Parichay) 1972

1972 में आई गुलजार साहब की फिल्म परिचय एक फैमिली के प्लॉट पर घूमती नजर आती है और सामाजिक मुद्दों का यथार्थ चित्रण करती है। फिल्म के मुख्य किरदार जया भादुड़ी और जीतेंद्र थे।

2. कोशिश (Koshish) 1972

1972 में ही गुलजार की दूसरी फिल्म कोशिश आई थी, फिल्म के मुख्य किरदार संजीव कुमार और जया बच्चन थे। यह एक सोशल ड्रामा फिल्म थी, जिसमें कपल को मूक-बधिर के रूप में दिखाया गया था। उस दौरान यह फिल्म दर्शकों को खूब पसंद आई थी।

3. मेरे अपने (Mere Apne) 1971

मेरे अपने फिल्म 1971 में आई थी। फिल्म में विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा और मीना कुमारी मुख्य किरदारों में से थे।यह पिक्चर बांग्ला फिल्म आपनजन का हिंदी रूपांतरण है।

कोई होता जिसको अपना, हम अपना कह लेते यारों, पास नहीं तो दूर ही होता... गाना खूब सुप्रसिद्ध है।

4. अंगूर (Angoor) 1982

अंगूर 1982 में रिलीज़ हुई। इस फिल्म में गुलजार साहब ने हास्य की रूपरेखा रखी थी। यह फिल्म शेक्सपियर के नाटक 'कॉमडी ऑफ एरर्स' पर आधारित थी।

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5. किताब (Kitaab) 1977

गुलजार साहब ने किताब मूवी का निर्देशन किया और इसे पर्दे पर 1977 में उतारा। फिल्म में उत्तम कुमार, विद्या सिन्हा, असित सेन ने प्रमुख किरदार अदा किये थे। यह पिक्चर समरेश बसु की बंगाली कहानी पथिक पर आधारित थी। फिल्म में बाल जीवन को केंद्र में रखा गया था।

6. माचिस (Maachis) 1996

माचिस फिल्म का मैसेज बहुत ही बेहतरीन था। इसमें दिखाया गया कि आम आदमी को एक माचिस की तरह भ्रष्ट नेता राजनीतिक स्वार्थ के लिए किस प्रकार इस्तेमाल करते हैं। फिल्म में एक साधारण व्यक्ति आतंकवादी बन जाता है। फिल्म में चंद्रचूड़ सिंह, ओम पुरी, तब्बू और जिमी शेरगिल प्रमुख भूमिकाओं में थे। फिल्म 1996 में आई थी।

7. मौसम (Mausam) 1975

मौसम में डॉ. अमरनाथ गिल की प्रेम कहानी दिखायी गयी थी। एक डॉक्टर की प्रेम कहानी के साथ गुलजार ने फिल्म का डायरेक्शन किया था। संजीव कुमार और शर्मिला टैगोर प्रमुख किरदार थे।

8. आंधी (Aandhi) 1975

1975 में देश के अंदर लगी इमरजेंसी के समय यह फिल्म काफी विवादस्पद रही थी, ऐसे दावे किये गये थे कि फिल्म की नायिका सुचित्रा सेन का किरादर इंदिरा गांधी के जीवन से प्रेरित है। सुचित्रा के साथ संजीव कुमार ने मुख्य किरदार निभाया था।

9. इजाजत (Ijaazat) 1987

इजाजत 1987 में रिलीज हुई थी। गुलजार निर्देशित फिल्म की कहानी सुबोध घोष ने लिखी थी। रेखा, अनुराधा पटेल और नसीरूद्दीन शाह मुख्य किरदारों में थे।

10. खुशबू (Khushboo) 1975

खुशबू फिल्म शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की कहानी पंडित मोशाय पर आधारित थी। इसमें जीतेंद्र और हेमा मालिनी मुख्य किरदारों में थे। 

गुलजार के लिखे गानों पर ट्यून बनाई गई थी- ओ मांझी रे... अपना किनारा, नदिया की धारा है, साहिलों पे बहने वाले

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