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बर्थडे: 76 साल के हुए अमिताभ बच्चन, ये हैं उनके बेस्ट 10 डायलॉग्स

आइये जानते हैं अमिताभ बच्चन की 76 वीं बर्थडे पर उनके 10 सुपरहिट डायलॉग्स..

By Hirendra JEdited By: Updated: Thu, 11 Oct 2018 10:23 AM (IST)
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बर्थडे: 76 साल के हुए अमिताभ बच्चन, ये हैं उनके बेस्ट 10 डायलॉग्स
मुंबई। आज अमिताभ बच्चन का जन्मदिन है। इस साल वो 76 साल के हो गए। इन दिनों बिग बी अपनी आने वाले फ़िल्म ‘ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान’ के लिए चर्चा में हैं। अमिताभ बच्चन एक किवंदती हैं। उनकी तारीफ़ में ऐसा कोई ही स्टार या सुपरस्टार होगा जो नतमस्तक न हो जाता हो। 'एंग्री यंग मैन' से लेकर बूढ़े पिता तक के किरदार में जान डाल देने वाले अमिताभ बच्चन ने बड़े पर्दे से लेकर छोटे पर्दे तक एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिस पर पैर रखना भी हर किसी के बूते की बात नहीं।

बच्चन के फ़िल्मों की तरह ही उनके कुछ डायलॉग्स भी बेहद पॉपुलर हुए। 'शोले' फ़िल्म का उनका मज़ाकिया भरा एक संवाद -'तुम्हारा नाम क्या है बसंती' को ही देख लीजिये। यह डायलॉग हर किसी के ज़ुबान पर रहता है, जिसने यह फ़िल्म देखी है। आइये जानते हैं अमिताभ बच्चन की 76 वीं बर्थडे पर उनके 10 सुपरहिट डायलॉग्स..

* हम भी वो हैं जो कभी किसी के पीछे खड़े नहीं होते, जहां खड़े हो जाते हैं लाइन वहीं शुरु होती है। (फ़िल्म- कालिया)

* विजय दीनानाथ चौहान पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उमर 36 साल, नौ महीना आठ दिन सालवां घंटा चालू है। (फ़िल्म- अग्निपथ)

* तुम लोग मुझे ढूंढ रहे हो और मैं तुम्हारा यहां इंतजार कर रहा हूं... इसे अपनी जेब में रख ले पीटर, अब ये ताला मैं तेरी जेब से चाबी निकाल कर ही खोलूंगा। (फ़िल्म- दीवार)

* हां, मैं साइन करूंगा, लेकिन... जाओ पहले उस आदमी का साइन लेकर आओ जिसने मेरे हाथ में ये लिख दिया था, उसके बाद ..... (फ़िल्म- दीवार)

* मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता। (फ़िल्म- दीवार)

* दैट आई कैन अंग्रेज लीव बिहाइंड, आई कैन टॉक इंग्लिश, आई कैन वॉक इंग्लिश, आई कैन लॉफ इंग्लिश, बिकोज इंग्लिश इज ए वैरी फन्नी लैंग्वेज! (फ़िल्म- नमक हलाल)

* जब तक बैठने का ना कहा जाए शराफत से खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है, तुम्हारे बाप का घर नहीं, इसीलिए सीधी तरह खड़े रहो। (फ़िल्म- जंजीर)

* डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। (फ़िल्म- डॉन)

* मुझे जो सही लगता है मैं करता हूं, फिर चाहे वो भगवान के खिलाफ हो, कानून के खिलाफ हो या पूरे सिस्टम के खिलाफ! (फ़िल्म- सरकार)

* परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन! ये इस गुरुकुल के तीन स्तंभ हैं। ये वो आदर्श हैं जिनसे हम आपका आने वाला कल बनाते हैं। (फ़िल्म -मोहब्बतें)

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