Happy Birthday Nawazuddin Siddiqui नवाजुद्दीन सिद्दीकी फिल्म इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकार माने जाते हैं। लेकिन जैसा कि सभी जानते हैं कि जितना बड़ा मुकाम चाहिए होता है संघर्ष की भट्टी में खुद को उतना जलाना भी होता है। नवाजुद्दीन का फिल्मी सफर भी कुछ ऐसा ही रहा।
By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Fri, 19 May 2023 01:20 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Nawazuddin Siddiqui Birthday Special: नवाजउद्दीन सिद्दीकी इस दौर के कलाकारों के बीच एक सक्षम अभिनेता माने जाते हैं। किरदारों में जिस तरलता के साथ वो समा जाते हैं, उसे पर्दे पर देखने के अनुभव ही अलग होता है। नवाज फिल्मों के साथ ओटीटी स्पेस में भी निरंतर सक्रिय हैं। नवाज आज जहां पर खड़े हैं, वहां उन्हें देखकर यकीन करना भी मुश्किल है कि उन्होंने कितना संघर्ष किया होगा।
दुष्यंत कुमार की पंक्तियां
'कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों' नवाजुद्दीन पर सटीक बैठती है, जिन्होंने बुढ़ाना जैसे छोटे शहर से निकलकर मायानगरी मुंबई में अपना मुकाम हासिल किया है।आज नवाजुद्दीन सफलता की जिस बुलंदी पर हैं, वहां से पीछे मुड़कर देखा जाए, तो ढेर सारा संघर्ष और वर्षों की कड़ी मेहनत नजर आएगी।
नवाजुद्दीन को 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'मंटो' और 'मुन्ना माइकल' जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।
उनके खाते में ढेर सारी ऐसी फिल्में हैं, जिसमें उनके काम को काफी सराहा गया। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्होंने आमिर खान, संजय दत्त जैसे अभिनेताओं की फिल्मों में काम तो किया, मगर स्क्रीन पर उनकी प्रेजेंस न के बराबर रही। 19 मई को नवाजुद्दीन का बर्थ डे है। इस मौके पर जानेंगे उन फिल्मों के बारे में, जिनमें नवाजुद्दीन ने स्टारडम हासिल करने से पहले काम किया था।
सरफरोश (1999)
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने पहली बार 'सरफोरश' फिल्म के लिए कैमरा फेस किया था। यह आमिर खान की मूवी थी, जिसमें नवाजुद्दीन ने क्रिमिनल का रोल किया था। फिल्म में नवाजुद्दीन का रोल तो छोटा सा था, लेकिन कुछ मिनटों की झलक में भी उन्होंने कमाल की एक्टिंग की।
शूल (1999)
ईश्वर निवास द्वारा डायरेक्ट की गई 'शूल' नवाजुद्दीन सिद्दीकी की दूसरी मूवी थी। इस फिल्म में उन्होंने वेटर का रोल किया था, जो कि एक सीन में मनोज बाजपेयी से खाने का ऑर्डर लेते हैं।
मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003)
संजय दत्त और अरशद वारसी की हिट फिल्मों में से एक 'मुन्नाभाई एमबीबीएस' में भी नवाजुद्दीन ने एक्टिंग की थी। यह नवाजुद्दीन की वो फिल्म है, जिसमें इससे पहले की गई फिल्मों की तरह उन्हें क्रेडिट तो कुछ नहीं मिला, लेकिन डायरेक्टर राजकुमार हिरानी उनकी एक्टिंग से इम्प्रेस जरूर हुए।
ब्लैक फ्राइडे (2004)
मुंबई ब्लास्ट पर आधारित इस फिल्म में नवाजुद्दीन ने आतंकी का किरदार निभाया था। यह
अनुराग कश्यप की फिल्म थी, जिसमें नवाजुद्दीन की स्क्रीन प्रेजेंस नाम मात्र की थी। नवाजुद्दीन ने एक्टिंग इतनी दमदार की थी धीरे-धीरे अब वह मेकर्स के नोटिस में आने लगे थे।
मनोरमा सिक्स फीट अंडर (2007)
नवदीप सिंह की थ्रिलर फिल्म 'मनोरमा सिक्स फीट अंडर' का हाईलाइटिंग प्वाइंट मनोरमा (सारिका) है, जो अपने पति के एक्सट्रा मैरिटल अफेयर का पता लगाने के लिए सत्यवीर को उनके पीछे लगा देती है। वैसे तो फिल्म की कहानी पूरी तरह से सारिका, अभय देओल, गुल पनाग और राइमा सेन के कैरेक्टर के इर्दगिर्द घूमती है, मगर नवाजुद्दीन की स्क्रीन प्रेजेंस भी कमाल की थी। उन्होंने मूवी में लोकल गुंडे का रोल किया था।
देव डी (2009)
नवाजुद्दीन 2009 में आई फिल्म देव डी के 'इमोशनल अत्याचार' सॉन्ग में नजर आए थे, और फिर कबीर खान की फिल्म 'न्यूयॉर्क' में वो नज़र आए। 'न्यूयॉर्क' में नवाजुद्दीन ने एक ऐसे शख्स का किरदार निभाया था, जिस पर आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाया था।
इन फिल्मों में नवाजुद्दीन ने किरदार तो छोटे निभाए, लेकिन इन्हीं फिल्मों ने बड़ा मूवीज के लिए उनका रास्ता भी साफ किया। नवाजुद्दीन को पहली बार पहचान 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' से मिली, जो 22 जून, 2012 को रिलीज हुई थी। इस फिल्दम से उन्होंने दर्शकों के दिलों में पक्की जगह बना ली, जिसके बाद उनकी कोई भी फिल्म बतौर लीड एक्टर या सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर सामने आई।