शाहरुख खान के फैंस ने बनाया उन्हें 'किंग खान', 54वें जन्मदिन पर फैंस ने बयां की अपनी दीवानगी
किंग खान के जन्मदिन के खास मौके पर उनके प्रति उनके फैंस की दीवानगी सामने आती है। कुछ फैंस जहां उनके बंगले के सामने घंटो इंतज़ार करते हैं तो कुछ अपने अंदाज़ में सेलिब्रेट करते हैं।
By Ifat QureshiEdited By: Updated: Sat, 02 Nov 2019 12:30 PM (IST)
स्मिता श्रीवास्तव। बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने अपनी एक्टिंग और व्यवहार से सिर्फ भारतीयों को ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देश के लोगों को अपना दिवाना बना दिया है। शाहरुख के बंग्ले के बाहर लगी उनके प्रशंसको की भीड़ और उनके चाहने वालों की दीवानगी इस बात को साबित करती है कि वो वाकई बादशाह हैं।
‘मन्नत’ में शाह रुख की झलक पाने की होती है हसरत-किंग खान शाह रुख खान के जन्मदिन पर उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में प्रशंसक उनके घर के बाहर इंतजार करते हैं। उम्र, भाषा, संस्कृति और मजहब की विविधता के बावजूद इनमें सिर्फ एक समानता है, वह है शाह रूख के प्रति दीवानगी और अपनी पसंदीदा एक्टर की एक झलक की आस। आम दिनों में भी शाह रूख के बांद्रा स्थित बंगले ‘मन्नत’ के बाहर तस्वीरें खिंचवाने के लिए रोजाना बड़ी संख्या में प्रशंसक आते हैं। शाह रुख की झलक न मिलने की सूरत में उनके बंगले के बाहर फोटो खिंचाकर भी लोग खुशी के अहसास से सरोबर हो जाते हैं।
मुंबई आकर सबसे पहले मन्नत आता हूं-महाराष्ट्र के नांदेड़ के रहने वाले 24 वर्षीय लक्ष्मीकांत मनियार मुंबई आने के बाद सबसे पहले शाह रुख के बंगले मन्नत को देखने जाते हैं। हर बार लक्ष्मीकांत की यही आशा होती है कि शायद आते-जाते शाह रुख उन्हें िदख जाएं। साल 2016 में लक्ष्मीकांत शाह रुख के जन्मदिन के दिन उनसे मिलने की आस में सुबह 7 बजे से शाम के 4 बजे तक उनके बंगले के सामने खड़े रहें। लेकिन बदकिस्मती से उस दिन शाह रुख शाम के 7 बजे के करीब अपनी बालकनी पर आए, और लक्ष्मीकांत को उस दिन भी बिना अपने पसंदीदा एक्टर से मिले लौटना पड़ा। लक्ष्मीकांत इस बार भी शाह रुख के जन्मदिन पर मन्नत पर जाएंगे। ‘मोहब्बतें’ और ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ लक्ष्मीकांत की पसंदीदा फिल्में हैं, वह इन फिल्मों को कई दफा देख चुके हैं।
विदेशी भी फोटो खिचाने को बेताब- शाह रुख के बंगले ‘मन्नत लैंड्स इंड’ के बाहर तस्वीरें खिंचवाने के लिए सिर्फ भारतीय प्रशंसक ही नहीं विदेशी प्रशंसक भी आते हैं। इंग्लैंड से आए एल्फ और लुइस ने भी मन्नत के सामने तस्वीरें ली। हालांकि उन्होंने अभी तक शाह रुख की कोई फिल्म नहीं देखी है लेकिन एल्फ और लुइस को पता था कि शाह रुख देश के सुपस्टार हैं। उन दोनों ने लोगों से शाह रुख की कुछ अच्छी फिल्मों का सुझाव भी मांगा और अपने वतन लौटकर शाह रुख की फिल्में देखने की इच्छा जताई। इसके अलावा दिन में कई विदेशी मन्नत के सामने अपनी तस्वीरें खिंचवाते हैं।
दीवानगी की उम्र नहीं -शाह रुख के प्रशंसको में 95 साल की मनोरमा आचार्य का नाम भी शुमार है। उड़ीसा से आई मनोरमा उम्र ज्यादा होने के कारण ज्यादा चल नहीं पाती हैं। विशेष आग्रह पर शाह रुख के बंगले पर उपस्थित सुरक्षाकर्मियों ने मनोरमा की गाड़ी को मन्नत के गेट के बाहर खड़ी करने की इजाजत दे दी। इसकी बाद मनोरमा गाड़ी से उतरी और अपने पसंदीदा अभिनेता शाह रुख खान के बंगले के सामने तस्वीरें खिंचवाई। बात करने पर मनोरमा ने बताया कि वो अपने समकालीन अभिनेताओं दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की प्रशंसक हैं। घर में बच्चों के साथ वह भी शाह रुख की फिल्में देखने लगी। धीरे-धीरे बच्चों के साथ वह शाह रुख की फैन हो गई। ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ मनोरमा की पसंदीदा फिल्में हैं। ‘सर्कस’ से बने प्रशंसक-हाल में दिल्ली से आए सुरेंद्र कुमार गढ़ी शाह रुख के बड़े फैन हैं। शाह रुख के प्रति उनकी दीवानगी टीवी धारावाहिक सर्कस से पैदा हुई। इसके बाद से सुरेंद्र शाह रुख खान की हर फिल्में देखते हैं। सुरेंद्र बीते 25 वर्षों से अपने पसंदीदा एक्टर शाह रुख खान से मिलना चाहते थे। लेकिन शाह रूख से उनकी मुलाकात न हो सकी, मुलाकात की आस में सुरेंद्र दिल्ली से मुंबई आए और शाह रुख के बंगले पर गए। यहां उनकी मुलाकात शाह रुख तो से न हो सकी लेकिन शाह रुख के घर के सामने फोटो खिंचवा कर ही उन्हें खुशी मिली।
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