Happy Friendship Day : परितोष त्रिपाठी के लिए खास है दोस्ती, कहा- बुरे वक्त में साथ देने वाला ही सच्चा दोस्त
लूडो और जनहित में जारी फिल्मों के अभिनेता परितोष त्रिपाठी दोस्ती को ध्यान में रखते हुए शेर लिखा है कि मुझे हंसता हुआ देखकर वो रो पड़ता है। उससे बेहतर मुझे और कौन जानता है। मित्रता दिवस के मौके पर दैनिक जागरण से बातचीत में परितोष कहते हैं वही सबसे अच्छी और प्यारी दोस्ती होती है जो पुरानी होती है।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Sun, 06 Aug 2023 04:00 AM (IST)
लूडो और जनहित में जारी फिल्मों के अभिनेता परितोष त्रिपाठी दोस्ती को ध्यान में रखते हुए शेर लिखा है कि मुझे हंसता हुआ देखकर, वो रो पड़ता है। उससे बेहतर मुझे और कौन जानता है। मित्रता दिवस के मौके पर दैनिक जागरण से बातचीत में परितोष कहते हैं, वही सबसे अच्छी और प्यारी दोस्ती होती है,जो तब से होती है,जब आप किसी लायक नहीं थे और कुछ हासिल करने के बाद भी वैसी ही रहे। उन्होंने बताया कि वैसे कई दोस्त होते हैं, लेकिन सच्चे दोस्त वही हैं, जो अच्छे और बुरे, हर वक्त में हमेशा साथ रहे।
मैंने कही बोला था कि त्योहार नहीं व्यवहार है दोस्ती। हम दोस्ती को अपने व्यवहार में कैसे लाते हैं, वो चीज ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। आज मैं जो कुछ भी हूं, मुझे तो बनाने में ही में दोस्तों का बहुत बड़ा हाथ है। काम, पहनावे और व्यवहार समेत वह मुझे हर चीज में जमीन से जोड़कर रखते हैं। मेरे कई पुराने दोस्तों के साथ आज भी दोस्ती वैसी ही है। जब कभी देवरिया जाना होता है, तो आज भी उनसे अऊर बे, कइसे हो बे.. इस तरीके से बात होती है। दोस्ती में इम्तिहान देने वाले मौके मेरी जिंदगी में कई बार आए हैं। मेरे कई दोस्तों ने मुश्किल परिस्थिति में मेरा साथ दिया है।
जब मेरे पिता जी का निधन हुआ था, उस समय मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था। तब मेरे एक दोस्त ने मुंबई से दिल्ली और दिल्ली से गोरखपुर तक का मुझे मोबाइल पर ही टिकट भेज दिया था। वो मुझे दिल्ली एयरपोर्ट पर भी मिला, जिससे मुझे एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। वहीं एक दूसरा दोस्त भी था, जो मेरे लिए गोरखपुर एयरपोर्ट के बाहर गाड़ी लेकर खड़ा था।’