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Birthday Special: 2018 में भी दिल लुभाती हैं दिलीप कुमार की ये 5 आइकॉनिक फ़िल्में

कहते हैं कि अगर आप बॉलीवुड के किसी भी अभिनेता की एक्टिंग को बारीकी से देखेंगे तो आपको उसमें एक लेजेंड अभिनेता की झलक ज़रूर दिखाई देगी और यह शख्स हैं यूसुफ़ ख़ान यानी दिलीप कुमार।

By Shikha SharmaEdited By: Updated: Tue, 11 Dec 2018 05:36 PM (IST)
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Birthday Special: 2018 में भी दिल लुभाती हैं दिलीप कुमार की ये 5 आइकॉनिक फ़िल्में
मुंबई। कहते हैं कि अगर आप बॉलीवुड के किसी भी अभिनेता की एक्टिंग को बारीकी से देखेंगे तो आपको उसमें एक लेजेंड अभिनेता की झलक ज़रूर दिखाई देगी और यह शख्स हैं यूसुफ़ ख़ान यानी दिलीप कुमार।

दिलीप साहब का जन्म पेशावर में हुआ था और भारत के बंटवारे के बाद उनके पिता मुंबई आ गए। बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक फ़िल्में देने वाले दिलीप कुमार ने कभी एक्टिंग ट्रेनिंग नहीं ली मगर, ये बॉलीवुड के एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जिन्हें अब तक बेस्ट एक्टर के लिए 8 फ़िल्म फेयर अवार्ड मिले है। दिलीप साहब ने अपनी हर फ़िल्म में अपने अभिनय की एक नई छाप छोड़ी है। बॉलीवुड के टॉप एक्टर्स हो या आने वाले एक्टर्स हर कोई दिलीप साहब के अभिनय को फॉलो करता है। ये हैं दिलीप साहब की वो 5 फ़िल्में जो आपके दिल को साल 2018 में भी लुभाएंगी।

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1. देवदास (1955)

सरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की ब्लॉकबस्टर नॉवेल 'देवदास' को हिंदी सिनेमा ने कई बार पर्दे पर उतारा। लेकिन, बिमल रॉय की दिलीप कुमार स्टारर फ़िल्म को आज भी क्लासिक फ़िल्म की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इस फ़िल्म के लिए दिलीप साहब को फ़िल्मफेयर अवार्ड्स में बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया था।

2. नया दौर (1957)

दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला स्टारर 'नया दौर' हिंदी सिनेमा की क्लासिक और बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है। बी आर चोपड़ा की इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़े थे और एक बार फिर फ़िल्मफेयर के बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिलीप कुमार को मिला।

3. मधुमती (1958)

डायरेक्टर बिमल रॉय और दिलीप कुमार की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई हिट फ़िल्में दीं जिसमें से सबसे बेस्ट फ़िल्म है 'मधुमती'। ट्रेजेडी, रोमांस और थ्रिल से भरी इस फ़िल्म में एक बार फिर दिलीप वैजयंतीमाला के साथ दिखाई दिए। इसके गाने 'दिल तड़प तड़प के कह रहा है...', 'सुहाना सफ़र और ये मौसम...' को लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं।

4. मुग़ल-ए'आज़म (1960)

हिंदी सिनेमा की कल्ट-क्लासिक फ़िल्मों में से एक है दिलीप कुमार की यह फ़िल्म। कोई कैसे भूल सकता सलीम और अनारकली का वह प्यार? साल 2006 में इस फ़िल्म को रंगीन करके फिर से रिलीज़ किया गया था।

5. बैराग (1976)

दिलीप कुमार और सायरा बानो की हिट जोड़ी ने ऑनस्क्रीन भी लोगों को खूब इम्प्रेस किया है। इसके गाने ‘छोटी सी उमर में...’, ‘मैं बैरागी नाचूं गाऊं..’ सुपरहिट थे।

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