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कहानी 'हवस' के आइकॉनिक गाने की: मजरूह सुल्तानपुरी के इनकार ने सावन कुमार को बना दिया था गीतकार

सावन कुमार टाक हिंदी सिनेमा को वो दिग्गज फिल्ममेकर थे जिन्होंने मीना कुमारी से लेकर सलमान खान तक कई कलाकारों करियर को आगे बढ़ाया। 50 साल पहले उन्होंने एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम हवस था। इस मूवी के एक पॉपुलर गाने से सावन ने इंडस्ट्री में मजबूरी में एक गीतकार के तौर पर काम करना शुरू किया। आइए पूरे मसले को विस्तार से जानते हैं।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Thu, 01 Aug 2024 05:38 PM (IST)
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मोहम्मद रफी और अनिल धवन का गाना (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी अपने जमाने में किसी फिल्म के गानों को लिखने के लिए 25 हजार रुपये लेते थे। निर्देशक सावन कुमार टाक उनके साथ गोमती के किनारे फिल्म में काम कर चुके थे, जिसकी लीड एक्ट्रेस मीना कुमारी थीं।

गोमती के किनारे के फ्लॉप होने के बाद सावन ने अगली फिल्म के लिए मजरूह साहब के साथ काम करने को बोला और अपने रेट कम करने की बात की, लेकिन मजरूह साहब ने एक न सुनी और गुस्से में सावन कुमार उनसे ये बोल कर चले आए कि अंकल तुम्हारी गलियों में कदम नहीं रखूंगा और यहां से सावन के एक गीतकार बनने का सफर शुरू हुआ। 

कैसे गीतकार बने सावन कुमार टाक

1972 में बतौर निर्देशक सावन कुमार टाक ने अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 70 के दशक में उन्होंने एक फिल्म बनाई जिसका नाम हवस था।

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इस मूवी के लिए गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी के साथ डील करने के लिए सावन उनके घर पहुंचे। उन्होंने 25 हजार का रेट बताया, निर्देशक ने उनसे कुछ पैसे घटाने को बोला। सिटी लाइव यूट्यूब चैनल पर मौजूद वीडियो में सावन कुमार ने कहा था- 

3 घंटे तक मैं उनके घर पर रुका, इस दौरान हमने साथ में लंच भी किया। मेरे बार-बार निवेदन करने के बाद भी उन्होंने अपनी फीस कम नहीं की। गुस्से में आकर मैं वहां से चल पड़ा और जाते-जाते मैंने उनको बोला तेरी गलियों में आज के बाद कदम नहीं रखूंगा।

निराश होकर मैं उषा (ऊषा खन्ना) जी के पास जो फिल्म की संगीतकार थीं, मैंने उनको वही आखिरी लाइन बोलीं और उससे वो इंप्रेस हुई। इसके तुरंत बाद उन्होंने उस पर पूरी धुन बना दी और मुझे मुखड़े के साथ पूरा गाना लिखने को बोला। इस तरह से हवस का तेरी गलियों में नहीं रखेंगे कदम गाना बनकर तैयार हुआ।

इसके बाद जिंदगी प्यार का गीत है, शायद मेरी शादी का ख्याल जैसे गीत सावन कुमार की कलम से ही निकले थे। इसके अलावा बतौर डायरेक्टर वह सलमान खान की फिल्म सनम बेवफा के लिए जाने जाते हैं। 

मोहम्मद रफी ने दी गाने को आवाज

हवस के इस गाने से सावन कुमार टाक का बतौर गीतकार सफर शुरू हो गया। हालांकि, दिग्गज सिंगर मोहम्मद रफी की जादुई आवाज की वजह से भी तेरी गलियों में न रखेंगे कदम... गाना आज फैंस की पसंद बना हुआ है। लोग अक्सर इससे सुनना पसंद करते हैं। वरुण धवन के ताऊ जी यानी अभिनेता अनिल धवन, नीतू सिंह और बिंदु पर ये गीत फिल्माया गया। 

हवस के 50 साल 

साल 1974 में सावन कुमार टाक निर्देशित हवस को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया था। कामयाबी के पैमाने पर ये फिल्म उतनी खरी नहीं उतर पाई, जितनी उससे उम्मीद थी। हालांकि, मूवी के एक गाने ने इतनी सफलता हासिल की, जिसके बारे में जितनी चर्चा की जाए उतनी कम होती है। बता दें कि बतौर डायरेक्टर उन्होंने फिल्म खलनायिका, साजन की सहेली, सौतन, सौतन की बेटी, बेवफा सेवफा और प्यार की जीत जैसी कई फिल्मों का निर्माण किया था।

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