कहानी 'हवस' के आइकॉनिक गाने की: मजरूह सुल्तानपुरी के इनकार ने सावन कुमार को बना दिया था गीतकार
सावन कुमार टाक हिंदी सिनेमा को वो दिग्गज फिल्ममेकर थे जिन्होंने मीना कुमारी से लेकर सलमान खान तक कई कलाकारों करियर को आगे बढ़ाया। 50 साल पहले उन्होंने एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम हवस था। इस मूवी के एक पॉपुलर गाने से सावन ने इंडस्ट्री में मजबूरी में एक गीतकार के तौर पर काम करना शुरू किया। आइए पूरे मसले को विस्तार से जानते हैं।
कैसे गीतकार बने सावन कुमार टाक
1972 में बतौर निर्देशक सावन कुमार टाक ने अपने करियर की शुरुआत की थी। साल 70 के दशक में उन्होंने एक फिल्म बनाई जिसका नाम हवस था।इसके बाद जिंदगी प्यार का गीत है, शायद मेरी शादी का ख्याल जैसे गीत सावन कुमार की कलम से ही निकले थे। इसके अलावा बतौर डायरेक्टर वह सलमान खान की फिल्म सनम बेवफा के लिए जाने जाते हैं।3 घंटे तक मैं उनके घर पर रुका, इस दौरान हमने साथ में लंच भी किया। मेरे बार-बार निवेदन करने के बाद भी उन्होंने अपनी फीस कम नहीं की। गुस्से में आकर मैं वहां से चल पड़ा और जाते-जाते मैंने उनको बोला तेरी गलियों में आज के बाद कदम नहीं रखूंगा।
निराश होकर मैं उषा (ऊषा खन्ना) जी के पास जो फिल्म की संगीतकार थीं, मैंने उनको वही आखिरी लाइन बोलीं और उससे वो इंप्रेस हुई। इसके तुरंत बाद उन्होंने उस पर पूरी धुन बना दी और मुझे मुखड़े के साथ पूरा गाना लिखने को बोला। इस तरह से हवस का तेरी गलियों में नहीं रखेंगे कदम गाना बनकर तैयार हुआ।