आतंकी हमले में इस अभिनेता के पिता की गई थी जान, परिवार के साथ होमटाउन छोड़ रिफ्यूजी कैम्प में गुजारे दिन
संजय सूरी (Sanjay Suri Birthday) को सिनेमा में 25 साल हो गए हैं। अभिनेता ने साल 1999 में फिल्म प्यार में कभी कभी से डेब्यू किया था। उन्होंने बतौर अभिनेता और प्रोड्यूसर सिने जगत में खूब नाम कमाया। हालांकि उनकी जिंदगी तकलीफों से भरी रही। एक आतंकी हमले में संजय सूरी ने अपने पिता को खो दिया था। तब वह सिर्फ 19 साल के थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Sanjay Suri Birthday Special: संजय सूरी सिनेमा जगत के उन अभिनेताओं में शुमार हैं, जिनका टैलेंट बोलता है। 25 साल के करियर में अभिनेता ने सिर्फ अभिनय नहीं किया, बल्कि कई शानदार फिल्मों का निर्माण भी किया। साल 2011 में संजय को फिल्म 'आई एम' (I Am) के लिए नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
संजय सूरी ने प्रोफेशनल लाइफ में खूब नाम कमाया, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ कभी दर्द से भरी रही। उन पर उस वक्त दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था, जब उन्होंने अपने पिता को एक आतंकी हमले में खो दिया था। मजबूरन घर छोड़ने और रिफ्यूजी कैम्प में गुजारने के बाद वह कैसे फिल्मों में आए। चलिए इस बारे में जानते हैं...
आतंकियों ने पिता को छीना
6 अप्रैल 1971 को श्रीनगर में जन्मे संजय सूरी एक कश्मीरी पंडित हैं। उनका 19 साल श्रीनगर में बीता। मगर एक दिन उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। 1 अगस्त 1990 वह काला दिन था, जब एक आतंकी हमले में संजय सूरी ने हमेशा-हमेशा के लिए अपने पिता को खो दिया था। आतंकियों ने घर में घुसकर अभिनेता के पिता को गोलियों से भून दिया था। यह वही साल है, जब जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ था।पिता को खोने का आज भी है द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में संजय सूरी ने इस समय को बहुत दर्दभरा बताया था। उन्होंने कहा था, "यह दर्दनाक समय था। मैं उस वक्त 19 साल का था। हम श्रीनगर में अपने पिता का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।"
पिता की मौत के तुरंत बाद संजय सूरी ने अपने परिवार के साथ श्रीनगर छोड़ दिया था और भागकर जम्मू आ गए। संजय और उनका परिवार कुछ समय के लिए रिफ्यूजी कैम्प में रहा और फिर दिल्ली में शिफ्ट हो गए।
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