Heeramandi: 'लज्जो' बनने के लिए ऋचा चड्ढा ने 'हीरामंडी' में छोड़ा बड़ा रोल, इस वजह से चुना ये छोटा किरदार
हीरामंडी द डायमंड बजार (Heeramandi The Diamond Bazaar) में ऋचा चड्ढा ने तवायफ लज्जो का रोल अदा किया है लेकिन संजय लीला भंसाली ने पहले उन्हें ये किरदार ऑफर नहीं हुआ था। उन्होंने एक्ट्रेस को दूसरे कैरेक्टर के लिए अप्रोच किया था जिसका स्क्रीन टाइम भी ज्यादा था लेकिन ऋचा चड्ढा ने उसे ठुकरा कर लज्जो बनने का फैसला किया।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। हीरामंडी: द डायमंड बाजार रिलीज के साथ ही चर्चा बटोर रहा है। बॉलीवुड में अब तक कई शानदार फिल्में दे चुके हैं। हीरामंडी के साथ उन्होंने ओटीटी स्पेस में डेब्यू किया है। रिलीज के 24 घंटे के अंदर ही सीरीज ट्रेंड करने लगी। हीरामंडी एक मल्टीस्टारर सीरीज है, लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान ऋचा चड्ढा के किरदार ने खींचा।
हीरामंडी में ऋचा चड्ढा ने तवायफ लज्जो का रोल अदा किया है, लेकिन पहले उन्हें ये किरदार ऑफर नहीं हुआ था। संजय लीला भंसाली ने उन्हें दूसरे कैरेक्टर के लिए अप्रोच किया था, जिसका स्क्रीन टाइम भी ज्यादा था, लेकिन एक्ट्रेस ने लज्जो को चुना।
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ठुकराया बड़ा रोल
फिल्म और सीरीज में स्टार्स के बीच ज्यादा दिखने की होड़ होती है। स्टार्स हमेशा ज्यादा स्क्रीन टाइम वाले कैरेक्टर की ओर भागते हैं। वहीं, ऋचा चड्ढा ने ऐसा किरदार चुना, जिसकी कहानी हीरामंडी के दूसरे या तीसरे एपिसोड में ही खत्म हो जाती है। इसके पीछे वजह थी किरदार की रेंज। पिंकविला के साथ बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा कि उन्हें लज्जो का किरदार बिल्कुल अलग लगा, जिससे दर्शक सबसे ज्यादा कनेक्ट कर सकते थे। इसलिए कम स्क्रीन टाइम होने के बावजूद उन्होंने लज्जो को चुना।
क्या बोलीं ऋचा चड्ढा ?
ऋचा चड्ढा ने कहा, "जब मुझसे हीरामंडी के लिए कॉन्टैक्ट किया गया था, उस समय संजय सर शोरनर थे और मुझे कोई और रोल ऑफर किया गया था, जिसका स्क्रीन टाइम ज्यादा था, लेकिन बतौर एक्टर मुझे ये देखना था कि मेरे लिए यहां क्या नया हैं, तो मैंने लज्जो को चुना। मैंने ऐसे किरदारों के साथ एक्सपेरीमेंट किया है जो ग्रे शेड थे, जैसे मैडम चीफ मिनिस्टर में ताया या भोली पंजाबन।"
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