'मुझ पर दवाब था....', Heeramandi की इस एक्ट्रेस ने बताया संजय लीला भंसाली की रिश्तेदार होने का सबसे बड़ा नुकसान
Sanjay Leela Bhansali की डेब्यू सीरीज हीरामंडी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। अब से बस कुछ ही घंटो के अंदर ये सीरीज दर्शकों के हवाले हो जाएगी। हीरामंडी में मनीषा कोइराला से लेकर सोनाक्षी सिन्हा तक कई अभिनेत्रियां दमदार अभिनय दिखाएंगी। हाल ही में संजय लीला भंसाली की भांजी ने बताया कि निर्देशक की रिश्तेदार होना उनके लिए फायदे के साथ-साथ नुकसान भी है।
दैनिक जागरण न्यूज, मुंबई। संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) ने फिल्मी पर्दे पर अपने अभिनय का जादू हमेशा बिखेरा है। पद्मावत से लेकर रामलीला और बाजीराव-मस्तानी जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले बहु-प्रतिभाशाली निर्देशक संजय लीला भंसाली अब अपना डिजिटल डेब्यू करने जा रहे हैं।
उनके निर्देशन में बनी पहली वेब सीरीज 'हीरामंडी' आज यानी कि 1 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हो रही है। इस सीरीज में अदिति राव हैदरी से लेकर सोनाक्षी सिन्हा और मनीषा कोइराला सहित कई एक्ट्रेस नजर आएंगी।
हीरामंडी में संजय लीला भंसाली की भांजी शर्मिन सहगल भी काम कर रही हैं। हाल ही में शर्मिन ने बताया कि उनकी भांजी होने के फायदे ज्यादा है या नुकसान।
संजय लीला भंसाली की भांजी होने का है नुकसान- शर्मिन सहगल
ऐसा कहा जाता है कि अगर फिल्म के सेट पर कोई अपना हो, तो काम करने में आसानी हो जाती है। हालांकि मलाल फिल्म अभिनेत्री शर्मिन सहगल के साथ ऐसा नहीं रहा। शर्मिन ने हीरामंडी वेब सीरीज में पहली बार अपने मामा संजय लीला भंसाली के निर्देशन में काम किया है। इससे पहले वह उनकी प्रोडक्शन कंपनी की फिल्म मलाल में काम कर चुकी हैं।
दैनिक जागरण से बातचीत में शर्मिन कहती हैं,
‘संजय सर की भांजी होने के नाते मुझे तो तीन गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ी ताकि उनके जुनून की बराबरी कर सकूं। मैं उनकी कई फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी काम कर चुकी हूं। इसलिए उनके नजरिये को अच्छे से समझती हूं। उन्हें सेट पर काम करते हुए देखा है। दूसरे कलाकारों रणवीर सिंह, प्रियंका चोपड़ा, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट को उतनी मेहनत करते हुए देखा है"।
मुझ पर था ये दबाव- शर्मिन सहगल
शर्मिन सहगल ने संजय लीला भंसाली के फिल्मों को बनाने के जुनून के बारे में बात करते हुए आगे कहा, "सिनेमा और मेरी नानी उनकी पूरी दुनिया हैं। वह सिनेमा खाते-पीते और जीते हैं। ऐसे में मैं कहीं न कहीं मुझपर दवाब था कि अगर मैं उनके विजन के अनुसार काम नहीं कर पाई, तो कहीं उन्हें निराश न कर दूं। अगर उनकी भांजी होने के फायदे हैं इसके कुछ नुकसान भी हैं।
भांजी होने की वजह से मैं आसानी से लोगों की नजरों में आ सकती हूं"। आपको बता दें कि हीरामंडी एक ऐसे शाही मोहल्ले की कहानी है, जिनकी तवायफों के पास इतनी पावर है, जिससे वह नवाबों पर भी पकड़ रखती हैं। जब आजादी की लड़ाई लड़ी जाती हैं तो वहां रहने वाली महिलाएं भी उसमें हिस्सा लेती हैं।
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