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मोहब्बत, सियासत और विरासत...'हीरामंडी', जहां रानियों जैसा था तवायफों का रुतबा, कभी था लाहौर का शाही मोहल्ला

Sanjay Leela Bhansali Web Series Heeramandi The Diamond Bazar संजय लीला भंसाली अपने हर प्रोजेक्ट के साथ एक गंभीर कहानी कहने की कोशिश करते हैं। अब हीरामंडी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इस सीरीज का सब्जेक्ट बेहद खास है क्योंकि इसके तार इतिहास के पन्नों से जुड़े हुए है। हीरामंडी के टीजर रिलीज के साथ ही एक बात साफ हो गई है कि ये एपिक सीरीज होगी।

By Vaishali Chandra Edited By: Vaishali Chandra Updated: Thu, 01 Feb 2024 07:39 PM (IST)
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मोहब्बत, सियासत और विरासत... हीरामंडी, (X Image)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। संजय लीला भंसाली हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के ऐसे डायरेक्टर हैं, जिनकी फिल्मों का एक- एक फ्रेम किसी पेंटिग से कम नहीं होता है। बड़े पर्दे पर अपनी कलाकारी दिखाने के बाद अब निर्देशक ओटीटी की दुनिया में शामिल होने जा रहे हैं। संजय लीला भंसाली वेब सीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' लेकर आ रहे है, जो लगातार चर्चा में बना हुआ है।

संजय लीला भंसाली अपने हर प्रोजेक्ट के साथ एक गंभीर कहानी कहने की कोशिश करते हैं। अब 'हीरामंडी' के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इस सीरीज का सब्जेक्ट बेहद खास है, क्योंकि इसके तार इतिहास के पन्नों से जुड़े हुए है।

'हीरामंडी' के टीजर रिलीज के साथ ही एक बात साफ हो गई है कि ये तवायफों और नर्तकियों पर आधारित एक एपिक सीरीज होगी। आइए जानते हैं आखिर 'हीरामंडी' की असल कहानी है क्या...

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क्या है हीरामंडी का इतिहास ?

हीरामंडी, पाकिस्तान के लाहौर में बसा हुआ है और वहां रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट के नाम से मशहूर है। इस एरिया को लेकर एक और कहानी है, जिसके अनुसार कभी ये इलाका शाही मोहल्ला कहा जाता था। बस यही बात हर किसी का ध्यान खींच रही है कि आखिर ये शाही मोहल्ला वेश्यालय में कैसे तब्दील हो गया?

शाही मोहल्ला कैसे बना हीरामंडी ?

इतिहास की एक कहानी ये भी कहती है कि यहां पर राजा रंजीत सिंह राज करते थे। उनके बाद इस शाही मोहल्ले की बागडोर हीरा सिंह ने संभाली, जिन्हें इतिहास में कहीं रंजीत सिंह की सेना का जनरल, तो कुछ जगह रंजीत सिंह का बेटा बताया गया है। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम हीरामंडी पड़ा।

क्या है 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' ?

कुछ इतिहासकार ऐसा भी मानते थे कि हीरा सिंह ने इस मोहल्ले को हीरामंडी नाम यहां की खूबसूरत तवायफों के कारण दिया था, जो खूबसूरत हीरों से कम नहीं थीं। इस कहानी का एक पक्ष ये भी है कि महाराज रणजीत सिंह यहां की एक तवायफ के इश्क में पड़ गए थे और शादी भी कर ली थी। वहीं, दूसरा पक्ष कहता है कि प्यार हुआ था, लेकिन शादी नहीं की थी।

जब तवायफें नहीं थी वेश्या

हीरामंडी कभी अपनी तमीज और तहजीब के लिए जाना जाता था, लेकिन ये वो दौर था जब तवायफ और वेश्या में फर्क होता था। तवायफें कोठों में रहती जरूर थीं, लेकिन एक गायिका और नर्तकी के तौर पर। यहां वो अपनी कला से मुगलों और राजाओं का दिल बहलाती थीं। यहां तक कि समाज में उन्हें अपनी कला के लिए सम्मान भी मिलता था, लेकिन समय का नियम है कि ये बदल जाता है।

शाही इलाका कैसे बना जिस्मफरोशी का अड्डा

एक ऐसा दौर आया जब शाही मोहल्ले की शान और शौकत को नजर लग। मुगलों का शासन बदला और इस इलाके की किस्मत भी बदल गई। तवायफों की कला के लिए पहचाने जाने वाला ये शाही मोहल्ला जिस्मफरोशी का अड्डा बन गया। गुजरते दौर के साथ इलाके का नाम बदलकर हीरामंडी पड़ गया। ब्रिटिश शासन ने तो इस मोहल्ले की हालत और बदत्तर कर दी। तवायफों को उन्होंने सीधा प्रॉस्टिट्यूट का नाम दे दिया। तब से ये इलाका बदनामी की अंधेरी गालियों में खोता चला गया।

'हीरामंडी' की खूबसूरत तवायफें

संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' कोठों में प्यार, राजनीति, विश्वासघात और उत्तराधिकार की कहानी को दिखाएगी। सीरीज में मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, संजीदा शेख, ऋचा चड्ढा और शरमिन सहगल अहम किरदार निभा रही हैं, ये सभी तवायफों के रोल में नजर आएंगी। 'हीरामंडी' 8 एपिसोड्स की सीरीज है और ये नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। हालांकि, अभी रिलीज डेट का एलान नहीं किया गया है।  

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