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Hema Committee Report: सेक्शुअल हैरेसमेंट का शिकार होती हैं एक्ट्रेसेज, मना करने पर फिल्म से कट जाता है पत्ता

मलायलम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर इस वक्त चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जिसने सिनेमा जगत में सनसनी मचा दी है। केरल सरकार के समक्ष ITR के जरिए पेश की गई जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट (Hema Committee Report) में मलयालम इंडस्ट्री को लेकर एक्ट्रेसेज की हालत को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। जिनमें यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच जैसे कई गंभीर आरोप शामिल हैं।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Tue, 20 Aug 2024 08:54 PM (IST)
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मलयालम सिनेमा जगत में बवाल (Photo Credit-Jagran)

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म मामले के बाद देशभर में महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा गरमाया हुआ है। इसको लेकर जनाक्रोश भी देखने को मिल रहा है। इसके बीच मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर ऐसे खुलासे हुए हैं, जिन पर यकीन करना भी मुश्किल है। इसमें सिनेमा जगत में अभिनेत्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की गई है। 

हाल ही में केरल सरकार की तरफ से आईटीआर के माध्मय से जारी की गई जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का काला सच बाहर आ गया है। एक्स्ट्रेसेज के साथ यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच जैसे सनसनीखेज आरोपों ने सनसनी मचा दी है। 232 पन्नों की इस रिपोर्ट ने मलयालम फिल्मी जगत को शर्मसार कर दिया है। 

महिलाओं की स्थिति दयनीय

मलयालम सिनेमा जगत की दिग्गज एक्ट्रेस रंजिनी इंडिस्ट्री में अभिनेत्रियों की दयनीय स्थिति को लेकर पिछले 5 सालों से लड़ाई लड़ रही हैं। उनके नेतृत्व में पेश की गई जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट में बताया गया है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक्ट्रेसेज के साथ यौन उत्पीड़न, कास्टिंग काउच और शोषण की घटनाएं खूब हो रही हैं, जिसकी वजह से उनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होते हैं। 

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एक तबका कर रहा है कंट्रोल

इस रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को कुछ निर्देशक, अभिनेताओं और निर्माताओं का एक तबका फुल ऑन कंट्रोल करता है, जिसके आधार पर ये लोग खुद तय करते हैं कि मूवी में किस हीरोइन को लिया जाए और किसे नहीं। इतना ही नहीं अभिनेत्रियों के साथ-साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार जैसी घटनाएं बेहद आम हैं। हीरो अपनी मनमानी करते हैं, जिसकी वजह से युवा उम्र की अभिनेत्रियों को काम का अवसर मिलता है। जबकि सीनियर एक्ट्रेसेज काम से वंचित रहती हैं।

नर्क जैसी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री

हेमा कमेटी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि बेशक मलयालम फिल्म इंडस्ट्री सिल्वर स्क्रीन पर ग्लैमर से भरपूर दिखती हो, लेकिन सच्चाई की पिच पर ये एक नर्क से कम नहीं हैं। जो एक्ट्रेसेज सेक्सुएल फेवर से इनकार कर देती हैं, उन्हें तुरंत ही फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। उन्हें ऐसे धमकाया जाता है कि पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से भी डरती हैं। 

हालांकि, हेमा कमेटी रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब मलयालम सिनेमा जगत को लेकर क्या एक्शन लिया जाता है, ये देखना काफी दिलचस्प रहेगा।

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