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Hindi Diwas 2024: अमिताभ बच्चन ने बनाया था 12 मिनट का रिकॉर्ड, इस फिल्म के लिए खुद लिखा था मोनोलॉग

दुनियाभर में हिंदी भाषा का क्रेज देखने को मिलता है। विदेशी एक्टर भी जब किसी इंडियन फैन या फिर एक्टर से मिलते हैं तो वह अक्सर नमस्कार के साथ उनका अभिवादन करते हैं। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को हिंदी में महारथ हासिल है वह अक्सर एक्स अकाउंट पर हिंदी में ही ट्वीट करते हैं। हाल ही में हिंदी भाषा की महत्वता के बारे में कई सितारों ने बात की।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Fri, 13 Sep 2024 06:00 AM (IST)
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हिंदी दिवस 2024- ये सितारे हिंदी में है माहिर/ फोटो- X Account

प्रियंका सिंह/ दीपेश पांडेय, मुंबई। हॉलीवुड सुपरहीरो फिल्म डेडपूल में राज कपूर के क्लासिक सिनेमा श्री 420 का गाना मेरा जूता है जापानी...सुनाई देता है तो ऑस्कर से सम्मानित अंग्रेजी फिल्म एटर्नल सनशाइन ऑफ द स्पॉटलेस माइंड में नायक-नायिका के एकांत के लम्हों की पृष्ठभूमि में बजता है बालीवुड फिल्म गैंबलर का गाना वादा ना तोड़...।

वहीं निकोल किडमैन की हालीवुड फिल्म माओलिन रग में गाने छम्मा छम्मा...(फिल्म चाइना गेट) का प्रयोग देखकर सुखद अनुभूति होती है। वैश्विक स्तर पर हिंदी की धूम बढ़ी है तो इसके प्रसार में सिनेमा की भी अहम भूमिका है। देश की भाषा का मान बढ़ाने वाले कुछ फिल्मकार व कलाकार हिंदी दिवस पर साझा कर रहे हैं अपने विचार...

मेरे देश की भाषा ऊंच-नीच को नहीं मानती

इसमें कोई कैपिटल या स्मॉल लेटर नहीं होता है और हां आधे अक्षर को भी सहारा देने के लिए पूरा अक्षर हमेशा तैयार रहता है। कुछ इस अंदाज में हिंदी दिवस पर मातृभाषा के लिए प्रेम प्रदर्शित करते हैं महानायक अमिताभ बच्चन। अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट पर अक्सर वह पिता व कवि हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियां उद्धृत करते हैं तो प्रेमचंद के साहित्य से चुने गए शब्दरूपी मोती की शोभा भी दिखती है।

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उत्कृष्टता के लिए भाषा पर हो पकड़

द कश्मीर फाइल्स और द ताशकंद फाइल्स फिल्मों के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ रखते हैं। वह कहते हैं, ‘भाषा पर जितनी अच्छी पकड़ होगी, काम के संदर्भ में उतना ही उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकेंगे। मैं हिंदी में कविताएं लिखता हूं। शुद्ध हिंदी बोलता हूं। चूंकि हमारे देश में मिश्रित बोली प्रयोग की जाती है तो अपनी फिल्मों में वही भाषा रखने का मेरा प्रयास होता है।

कई बार कलाकारों को हिंदी के संवाद भी अंग्रेजी में समझाने पड़ते हैं। मेरी एक फिल्म में संवाद था कि बड़ी विडंबना है। मुझे कलाकार को यह लाइन अंग्रेजी में समझानी पड़ी थी। यह हमारी शिक्षा प्रणाली की भी समस्या है। बहरहाल कलाकारों को मेरी फिल्म के संवाद सही तरीके से बोलने के लिए मेहनत करनी पड़ती है।’

अमिताभ ने हिंदी में स्वयं लिखा मोनोलॉग

जो कलाकार अच्छी हिंदी बोलते और समझते हैं, वह गलत हिंदी को तुरंत पकड़ लेते हैं। इसी कारण अभिनेता अमिताभ बच्चन को चेहरे फिल्म में अपना एकालाप (मोनोलॉग) स्वयं लिखना पड़ गया था। निर्माता आनंद पंडित किस्सा सुनाते हैं, ‘चेहरे फिल्म में बच्चन साहब का एक मोनोलॉग था, जिसे मैंने बड़े लेखकों से लिखवाया था, लेकिन बच्चन साहब को वह ठीक नहीं लगा।

उन्होंने शूटिंग रुकवाई और अपनी वैनिटी वैन में जाकर पूरा मोनोलॉग स्वयं लिखा। वह 12 मिनट का एक रिकॉर्ड है। हिंदी पर उनकी जोरदार पकड़ है। मैं स्वयं हिंदी को प्राथमिकता देता हूं। एक बार मैं एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अहमदाबाद गया था। कई बड़े लोगों ने अंग्रेजी में भाषण दिया। मेरी बारी आई तो मैंने कहा कि मैं हिंदी में भाव व्यक्त करना चाहूंगा। दो मिनट तक मेरे लिए तालियां बजती रहीं।

amitabh bachchan

अभिनय को मिलती है धार

रंगमंच और फिल्मों में सक्रिय अभिनेता मनोज जोशी कहते हैं कि हिंदी हमारी राजभाषा और हमारे राष्ट्र की बिंदी है। भाषा पर पकड़ के बिना अभिनेता के अभिनय की धार तेज नहीं हो सकती है। भाषा ही प्रतिभा को निखारती है। मैं चाणक्य नाटक पिछले 35 वर्ष से निरंतर करता आ रहा हूं।

उसमें कई संस्कृत शब्द हैं। उन्हें सहज हिंदी में मैंने नाटक के कलाकारों को समझाया है। कुछ कलाकारों को लगता हैं कि हिंदी क्लिष्ट हो गई है, लेकिन वे सामान्य शब्द होते हैं। चाणक्य नाटक का प्राण ही उसकी कर्णप्रिय भाषा है। मुझे लोगों ने बताया कि अपने हिंदी ज्ञान को समृद्ध करने के लिए इस नाटक को उन्होंने कई बार देखा। मेरा मानना है कि कोई भी कृति, चाहे वह नाटक, नृत्य हो, भाषा ही उसका प्राण है। दर्शकों के चित्त को शब्द आकार देते हैं। हिंदी में एक शब्द के अनेक पर्यायवाची शब्द हैं। इतनी समृद्ध भाषा और कहां मिलेगी।

लगान के सेट पर अंग्रेजों को सिखाई हिंदी

अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा की ना सिर्फ हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ है, बल्कि उन्होंने हिंदी में कई पुस्तकें भी लिखी हैं। ब्रिटिश शासन के दौर में सेट फिल्म लगान में अर्जन की भूमिका निभाने वाले अखिलेंद्र उस फिल्म से जुड़ी स्मृतियां साझा करते हैं, ‘लगान के सेट पर तो हमने अंग्रेजों को भी हिंदी सिखा दी थी। लगान के सेट पर उन्होंने करीब ढाई महीने का समय बिताया था।

हमारे बीच काम करते हुए धीरे-धीरे वे भी हिंदी के कुछ शब्द और वाक्य जैसे- धन्यवाद और मैं अच्छा हूं, बोलने लगे थे। आशुतोष गोवारिकर और आमिर खान ने अंग्रेज कलाकारों संग लंदन में वर्कशॉप की थी। शूटिंग शुरू होने से दो महीने पहले ही उन्हें पटकथा दे दी गई थी।

वे हिंदी सीखने के इच्छुक दिखते थे। आप कैसे हैं? और मेरा नाम फलां है, जैसे सरल वाक्य वे हिंदी में ही बोलते थे। मैं फिल्म में कैप्टन एंड्रयू रसेल की भूमिका निभाने वाले अभिनेता पॉल ब्लैकथॉर्न को हिंदी सिखाता था। मैंने उन्हें यह भी बताया था कि ब्लैक थार्न का मतलब काला कांटा होता है। हिंदी वैश्विक भाषा बन चुकी है। किसी भी देश के एयरपोर्ट से बाहर निकलिए आपको कम से कम दस लोग हिंदी बोलने-समझने वाले मिल जाते हैं।’

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