एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Bollywood 1st Sequel Movie and Hunterwali ki Beti: आज के दौर में सिनेमा जगत में फिल्मों के सीक्वल का ट्रेंड काफी कॉमन हो गया है। उदाहरण के तौर पर आप बाहुबली 2, फिर हेरा फेरी, और दंबग 3 जैसी कई मूवीज के नाम ले सकते हैं, जिनके पहले पार्ट के साथ-साथ दूसरे भाग ने भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। आने वाले समय में अजय देवगन की
सिंघम 3 और
अल्लू अर्जुन स्टारर पुष्पा 2 सीक्वल के इस चलन को और भी आगे की तरफ बढ़ाएंगें।
एक तरफ देश में स्वंत्रता की क्रांति जोरों-शोरों से चल रही थी और दूसरी ओर बॉलीवुड में बदलावों के दौर की नींव शुरू हो गई थी। ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों के शुरुआती समय में साल 1935 में एक फिल्म आई
हंटरवाली। इस मूवी में ऑस्ट्रेलिया मूल की एक्ट्रेस फीयरलेस नाडिया ने मुख्य भूमिका अदा की।
नाडिया का पूरा नाम मेरी एन इंवास उर्फ मेरी इंवास वाडिया था, जो हिंदी फिल्मों में काम करने के बाद निडर वाडिया के नाम से फेमस हुईं। साल
1943 में नाडिया की हंटरवाली का सीक्वल
हंटरवाली की बेटी बना और इस तरह से आजादी से पहले भारतीय सिनेमा जगत में सीक्वल के चलन की शुरुआत हुई।
क्या थी 'हंटरवाली की बेटी' की कहानी
इंडिया की पहली स्टंट आर्टिस्ट्स वूमेन के तौर पर अपनी छाप छोड़ने वाली
फीयरलेस नाडिया ने फिल्म जगत में हंटरवाली से पुरुषों के वर्चस्व को कड़ी चुनौती पेश की।
8 साल के अंतराल के बाद नाडिया की इस मूवी की दूसरी किस्त हंटरवाली की बेटी को बड़े पर्दे पर रिलीज किया गया।
इस फिल्म की कहानी गौर किया जाए तो जुर्म के खिलाफ आवाज उठाने के लिए एक नायिका (निडर नाडिया) आती है।
भूरी आंखें, उन पर काला मास्क और हाथ में हंटर इस तरह से वह नायिका असहायों पर होने वाले अन्याय को रोकती हुई दिखती है।
अपनी अदाकारी और शानदार स्टंट सीक्वेंस के जरिए नाडिया ने हर किसी की दिल जीता। हालांकि हंटरवाली के बेटी के बाद सिनेमा जगत में सीक्वल के दौर पर एक तरह से ब्रेक से लग गया। हालांकि 1967 में आई फिल्म
ज्वेल थीफ के जरिए सीक्वल का उदय दोबारा शुरू हुआ और फिर डॉन और नगीना जैसी मूवीज से ये आगे की तरफ चल पढ़ा।
क्यों बनाए जाते हैं सीक्वल
फिल्मों के सीक्वल को लेकर कई तरह के मत हैं, एक बड़ा सवाल ये भी रहता है कि आखिर सीक्वल क्यों बनाए जाते हैं, तो उसका सीधा-सीधा जवाब है मुनाफा। दरअसल फिल्मी जगत में सीक्वल को बनाए जाने की असली वजह कलेक्शन से लेकर फिल्मों की कहानी को पूरा करने तक होती है।
मूवी का पहले पार्ट अगर बिजनेस के नजरिए से सफल साबित होता है तो यकीनन तौर पर उसका पार्ट 2 बनना निश्चित होता है। बशर्तें फिल्म की कहानी दमदार होनी चाहिए।
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बदला सीक्वल का दौर
पहले क्या होता था कि अगर फैंस को फिल्म की पहली किस्त पसंद आती थी तो फिल्म निर्माता उसका दूसरा पार्ट या तीसरा पार्ट लेकर आते हैं। उदाहरण के लिए हम ऋतिक रोशन स्टारर फिल्म
कोई मिल गया, कृष और कृष 3 का नाम ले सकते हैं। देखा जाए तो डायरेक्टर राकेश रोशन की ये तीनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई हैं।
लेकिन आधुनिक युग में फिल्ममेकर्स पहले से इस चीज की प्लानिंग पहले से ही कर के चलते हैं को वह अपनी मूवी को सीक्वल और फ्रेंचाइजी की तरफ ले जाते हैं। इसके लिए हम
बाहुबली, हाउसफुल, केजीएफ और धूम जैसी कई मूवीज के नाम ले सकते हैं।
हिंदी सिनेमा के पॉपुलर सीक्वल और फ्रेंचाइजी
कई ऐसी फिल्में हैं, जो सिर्फ पार्ट 2 तक की सीमित नहीं, उन्होंने अपने अलग-अलग भाग के जरिए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया है। इस मामले में हम आपको बॉलीवुड की पॉपुलर फिल्मों के सीक्वल और फ्रेंचाइजी की जानकारी देने जा रहे हैं।
धूम (2004), धूम 2 (2006), धूम 3 (2013)डॉन (1978), डॉन (2006), डॉन 2 (2011)हेरा-फेरी (200), फिर फेरा-हेरी (2006)हाउसफुल (2010), हाउसफुल-2 (2012), हाउसफुल-3 (2013), हाउसफुल-4 (2019)गोलमाल (2006), गोलमाल रिटर्न्स (2008), गोलमाल 3 (2010), गोलमाल अगेन (2017)मर्डर (2004), मर्डर-2 (2011), मर्डर-3 (2013)एक था टाइगर-2012, टाइगर जिंदा है (2017), टाइगर 3 (2023)गदर एक प्रेम कथा (2002), गदर 2 (2023)इन तमाम मूवीज के अलावा अन्य कई ऐसी फिल्में हैं, जिनके कहानी को दर्शकों ने एक से अधिक किस्तों में पसंद किया है।
आने वाली फिल्मों के सीक्वल
इसके अलावा गौर किया जाए आने वाले समय सीक्वल के बारे में तो उसमें भी कई दिलचस्प फिल्मों के नाम शामिल हैं। इस मामले में अजय देवगन की सिंघम 3, अल्लू अर्जुन की
पुष्पा 2, अक्षय कुमार की वेलकम 3 और हाउसफुल 5, डॉन 3 और भूल भुलैया 3 का एलान किया जा चुका है।
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