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Kalki 2898 AD: इस टेक्नोलॉजी से अमिताभ बच्चन बने 'अश्वत्थामा', जानें कौन है महाभारत का ये श्रापित योद्धा?

बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन अपकमिंग फिल्म कल्कि 2898 एडी को लेकर चर्चा में बने हैं। जब से फिल्म से उनका लुक रिवील किया गया है तब से वह सोशल मीडिया की ट्रेंडिंग लिस्ट में बने हुए हैं। अमिताभ को अश्वत्थामा बनाने के लिए मेकर्स को कड़ी मेहनत जरूर करनी पड़ी लेकिन इसके लिए उन्हें वीएफएक्स का यूज नहीं करना पड़ा था।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Tue, 23 Apr 2024 03:22 PM (IST)
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'कल्कि 2898 एडी' से अमिताभ बच्चन. फोटो क्रेडिट- एक्स प्लेटफॉर्म
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) फिल्म 'कल्कि 2898 एडी' में अश्वत्थामा बनकर छाए हुए हैं। फिल्म के टीजर में अमिताभ एक पुराने मंदिर में शिवलिंग की पूजा करते नजर आ रहे हैं। टीजर के साथ ही बिग बी का लुक सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। हर कोई यह जानने का इच्छुक है कि आखिर अमिताभ को किस टेक्नोलॉजी से यंग दिखाया गया।

'अश्वत्थामा' बनकर छाए अमिताभ बच्चन

टीजर में अमिताभ बच्चन का चेहरा ढका हुआ नजर आ रहा है। उनके पेट से खून निकलता है। फिर एक बच्चा उनसे पूछता है कि क्या तुम मर नहीं सकते? तुम भगवान हो? कौन हो तुम? इसके बाद 'अश्वत्थामा' बने बिग बी का यंग और ओल्ड लुक दिखाया जाता है। अमिताभ बच्चन कहते हैं, ''द्वापर युग में मैं इस अवतार की प्रतीक्षा कर रहा हूं। द्रोणाचार्य का पुत्र अश्वत्थामा''। 

कौन थे अश्वत्थामा?

ऋषि द्रोणाचार्य का विवाह कृपाचार्य की बहन कृपि से हुआ था। संतान की प्राप्ति के लिए द्रोणाचार्य और कृपि ने भगवान शिव की कठोर तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया। इस तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया। जब यह पुत्र पैदा हुआ, तो उसका नाम अश्वत्थामा रखा गया। कहा जाता है कि जब अश्वत्थामा का जन्म हुआ, तब उनके माथे पर मणि थी। यह मणि उन्हें थकान, भूख, प्यास से बचाती थी। यह मणि उन्हें दैत्य, दानव, शस्त्र, व्याधि, देवता, नाग आदि से भी निर्भय रखती थी।

बिना वीएफएक्स के यंग दिखाए गए हैं अमिताभ

'कल्कि 2898 एडी' से जब से बिग बी का लुक रिवील हुआ है, तब से वह सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। सवाल ये है कि अमिताभ को ये लुक कैसे दिया गया। आपको बता दें कि बिग बी को यंग दिखाने के लिए किसी VFX का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बल्कि ये डी-एजिंग टेक्नोनॉजी (De-Aging Technology) का कमाल है। इस तकनीक का इस्तेमाल कई फिल्मों में किया गया है।

क्या होती है डी-एजिंग टेक्नोलॉजी?

डी-एजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किसी एक्टर या एक्ट्रेस को यंग दिखाने के लिए किया जाता है। अमूमन इसका यूज फ्लैशबैक सीन में किया जाता है। ये सब सीजीआई (कम्प्यूटर जेनरेटेड इमेज) या टच अप से किया जाता है। वह सीन जिसमें अश्वत्थामा का यंग लुक दिखाया गया है, वह 80 के दशक वाले अमिताभ से मिलता जुलता है।

एक्टर के चेहरे का ऐसे बनता है 3डी मॉडल

फिल्मों की कहानी अलग-अलग टाइमलाइन और पीरियड में सेट की जाती है। इसे तकनीकी भाषा में मल्टीवर्ष कहा जाता है। इस टेक्नोलॉजी के आने से पहले एक्टर्स को मेकअप से यंग रंग रूप देने का काम किया जाता था। या किसी चाइल्ड एक्टर को कास्ट किया जाता था। अब डी-एजिंग टेक्नोलॉजी से उसी एक्टर को ये रूप देना आसान हो गया है।

इस तकनीक के साथ शूटिंग करने के लिए सितारों के चेहरे पर काले रंग की बिंदु बनाई जाती है। जिसके जरिये एक्टर का 3डी मॉडल बनाया जाता है। इसके बाद एक्टर के सिर के मूवमेंट के अनुसार उसे मूव कराया जाता है। बाद में इन बिंदुओं को एक्टर के चेहरे के साथ जोड़ा जाता है।

इन फिल्मों में हुआ है डी-एजिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

इस टेक्नोलॉजी का यूज हॉलीवुड से लेकर बॉलीवुड तक की कई फिल्मों में किया गया है। इसे शाह रुख खान की फिल्म 'रा.वन' में किंग खान को यंग दिखाने के लिए किया गया था। फिर 'फैन' में भी इस टेक्नोलॉजी का यूज किया गया था। रजनीकांत की 'थलाइवर 171' में भी डी-एजिंग टेक्नोलॉजी का यूज गया है।

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