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फिल्मों में कैसे होती है गोलीबारी वाले सीन्स की शूटिंग, बंदूक असली होती या नकली, जानिए हर एक डिटेल्स

एक फिल्म को तैयार करने के लिए मेकर्स को काफी प्लानिंग करनी पड़ती है। खासतौर पर अगर वो मूवी एक एक्शन थ्रिलर है तो उसके लिए फाइट और गोलीबारी वाले सीक्वेंस के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं। ऐसे में हम आपको इस लेख में ये बताएंगे कि फिल्मों में गोलीबारी सीन कैसे शूट होते हैें और किस तरह की बंदूकों का इसमें इस्तेमाल होता है।

By Ashish Rajendra Edited By: Ashish Rajendra Updated: Sat, 16 Mar 2024 07:34 PM (IST)
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मूवी में इस्तेमाल होने वाली गन्स कौन सी होती हैं (Photo Credit-X)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जब हम सिनेमाघरों में 3 या 2 घंटे की कोई एक्शन थ्रिलर फिल्म देखकर निकलते हैं तो उसके बाद मूवी के बारे में खूब चर्चा की जाती है। इसमें स्टार कास्ट की एक्टिंग, कहानी, स्क्रीनप्ले, एक्शन सीक्वेंस और डायलॉग जैसे टॉपिक शामिल रहते हैं। लेकिन इसके बारें में बहुत कम लोग जिक्र करते हैं कि मूवी में एक्शन के दौरान कौन सी बंदूक का इस्तेमाल हुआ और गोलीबारी सीन्स कैसे शूट हुए। 

ऐसे में आज इस लेख में हम आपको इस मसले पर डिटेल्स में हर एक छोटी-बड़ी जानकारी देने जा रहे हैं और बताएंगे कैसे मूवीज में गोलीबारी वाले दृश्यों को फिल्माया जाता है। ऐसे सीन की शूटिंग के लिए प्रयोग में आने वाली गन्स कौन सी होती हैं। 

शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली बंदूकें

आधुनिक युग में एक्शन फिल्मों का क्रेज काफी बढ़ गया है। इन एक्शन थ्रिलर में बड़ी-बड़ी बंदूकों से गोलीबारी के सीन्स मौजूद न हो तो मजा थोड़ा किरकिरा सा लगता है। बड़े पर्दे पर देखने पर ऐसा लगता है कि मानो फिल्म के हीरो और विलेन हकीकत में असली गन्स चला रहे हैं।

लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और होती है। दरअसल जिस तरह की बंदूकों को फिल्ममेकर्स शूटिंग के दौरान इस्तेमाल में लाते हैं वह असल में नकली होती है। इनमें हाई क्वालिटी वाली एयर गन्स भी शामिल होती हैं।

इस मूवी में हुआ था असली गन्स का उपयोग

पुराने जमाने में शोले जैसी कई फिल्मों में बंदूकों वाले सीन्स दिखाए जा चुके हैं। बताया जाता है कि इस तरह कई पुरानी मूवीज में मेकर्स की ओर पहले असली बंदूकों का प्रयोग किया जाता था। हांलाकि की उनमें गोलियों का इस्तेमाल नहीं किया जाता था।

लेकिन जैसे-जैसे वक्त बदला तो रियल गन्स के साथ शूट करना बहुत बड़ा रिस्क साबित होने लगा और फिर असली बंदूकों की जगह नकली हथियार ने ली है। हांलाकि साल 2006 में रिलीज होने वाली फिल्म काबुल एक्सप्रेस में फिल्म निर्माताओं ने असली बंदूकों का उपयोग किया था। ईटाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में फिल्म के निर्देशक कबीर खान ने इसका खुलासा किया था।

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कैसे शूट होते हैं गोलीबारी वाले सीन्स

फिल्मों में गोलाबारी वाली सीन्स को फिल्माने के लिए गानों की तरह कोरियोग्राफी की जाती है। फिल्म की शूटिंग के दौरान स्टंट डायरेक्टर इसके लिए स्टार कास्ट को एक्शन सीक्वेंस की खास ट्रेनिंग देते हैं। फिल्मी सितारे इन दृश्यों के लिए काफी रिहर्सल करते हैं, ताकि फाइनल शूट एक दम परफेक्ट रहे।

इसके अलावा शूटिंग के वक्त बंदूकों से गोली नहीं निकलती है। उसकी जगह पर सिर्फ चिंगारी दिखाई देती है। ऐसे में जो भी गोली दिखने वाले सीन्स होते हैं उन्हें स्पेशल इफ्केट्स (SFX) और वीएफएक्स (VFX) की सहायता से तैयार किया जाता है।

मूवी में गोली लगने पर कैसे निकलता है खून

फिल्मों में देखा जाता है कि अगर कोई किसी के गोली मारता है तो सामने वाले के शरीर से तुरंत खून की धारा बहने लगती है। ऐसे सीन्स को फिल्माने के लिए मेकर्स गोली लगने वाली जगह पर एक्टर के बॉडी पार्ट पर फोम बोर्ड का यूज करते हैं। इसमें एक स्क्विब में नकली खून को स्टोर किया जाता है और टेप से कलाकार के कपड़ो के पीछे छिपाया जाता है।

इसका कनेक्शन एक रिमोट के माध्यम से जोड़ा जाता है। जैसे ही गोली लगती है तो वह गुब्बारे जैसा स्क्विब फूट रिमोट की मदद से ब्लॉस्ट होता है और खून बहने लगते है। देखने पर ऐसा लगता है कि ये सब असलियत में हो रहा है।

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