एक ऐसी ही अभिनेत्री ने 80 के दशक में बॉलीवुड में एंट्री की थी, नाम था हुमा खान। पाकिस्तान की रहने वाली हुमा ने हिंदी सिनेमा में मुख्य अभिनेत्री के तौर पर अपनी जगह बनाने के लिए काफी हाथ पैर मारे, लेकिन उन्हें वैसी सफलता नहीं मिली जैसी उन्हें चाह थी।
न तो उनका करियर अच्छा रहा और न ही उन्हें पति का साथ मिला। इतना ही नहीं, नौकरानी ने भी उन पर आरोप लगाकर उन्हें जेल भेज दिया। पाई-पाई के लिए तरसती हुमा की जिंदगी में कैसे सलमान खान रोशनी बनकर आए और उनकी जिंदगी बचाई, चलिए जानते हैं उनकी दर्द भरी ये दास्तां-
कौन हैं हुमा खान?
हुमा खान ने जिंदगी में क्या कुछ झेला ये हम जानेंगे, लेकिन उससे पहले उनके बारे में थोड़ा जानते हैं कि वह कौन हैं और कहां से ताल्लुक रखती हैं। हुमा का जन्म 26 दिसंबर 1954 में पाकिस्तान में हुआ था। उनके वालिद गुलाम फरीद खान का स्टील का बिजनेस था और मां सईदा बेगम हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री थीं।
यह भी पढ़ें: Throwback Thursday: क्यों राजनीति में कदम रखते ही धर्मेंद्र को बोलने लगे थे 'गुमशुदा', थाने में लग गए थे पोस्टर माता-पिता के अलावा हुमा खान की एक बड़ी बहन हैं, जो पकिस्तान की मशहूर अदाकारा भी रह चुकी हैं। मां और बड़ी बहन को एक्टिंग करते देख हुमा के अंदर भी अभिनेत्री बनने की इच्छा पैदा हुई और बचपन में ही उन्होंने कई पाकिस्तानी फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया।
जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश आपने भी गुनगुनाया होगा
हुमा की मां सईदा बेगम पहले से ही हिंदी सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री थीं, ऐसे में 80 के दशक में वह भी अपनी मां के साथ इंडिया आ गईं। तबस्सुम टॉकीज के मुताबिक, इंडस्ट्री में आना हुमा के लिए कठिन नहीं था, लेकिन यहां पर पहचान बनाने के लिए उन्हें काफी पापड़ बेलने पड़े।
साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म 'जीने की आरजू' से उन्होंने शुरुआत की, फिल्म में उनका किरदार काफी छोटा सा था,जिसमें उनके काम को देखना तो दूर लोगों ने उन्हें नोटिस भी नहीं किया। इसके बाद मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म 'गुलामी' में उन पर एक गाना फिल्माया गया, जिसके बोल थे 'जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश...' ये गाना तो पॉपुलर हुआ, लेकिन हुमा के करियर को उड़ान नहीं मिली।
इसके बाद भी काफी समय तक उनका संघर्ष जारी रहा। उन्हें इंडस्ट्री में पहचान 'कलयुग और रामायण' से मिली, जिसमें उनका रोल भी बड़ा था और ऑडियंस ने उसे नोटिस भी किया था।
सलमान खान के साथ भी दो फिल्मों में किया काम
हुमा को मेन स्ट्रीम रोल्स तो ऑफर नहीं हुए, लेकिन उनके काम को अब नोटिस किया जाने लगा था।
सलमान खान की 1989 में रिलीज हुई फिल्म 'मैंने प्यार किया' में हुमा ने एक अहम भूमिका निभाई थी, उनके किरदार का नाम था 'गुलबिया'। फिल्म में वह लक्ष्मीकांत बेर्डे के अपोजिट नजर आई थीं।
इसके बाद उन्होंने फरिश्ते, इंसान बना शैतान जैसी फिल्में साइन की। सलमान खान की फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' में उन्होंने रिहाना बेगम का किरदार निभाया था, जो आलोक नाथ की सेक्रेटरी बनी थीं, जिन पर शक्ति कपूर दिल हार बैठते हैं।
पति छोड़कर अमेरिका में हुआ सेटल
हुमा खान की जब प्रोफेशनल लाइफ ट्रैक पर आने लगी थी, उसी दौरान उन्हें अपने पड़ोसी से प्यार हो गया और जल्द ही उन्होंने उनसे शादी कर ली। उनके शौहर नहीं चाहते थे कि हुमा निकाह के बाद काम करें। पति की बात मानकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हालांकि, उन्हें ये नहीं पता था कि ये उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती होगी।
हुमा के पति शेफ थे और वह अमेरिका जाना चाहते थे। अपने शौहर के शेफ बनने के ख्वाब को पूरा करने के लिए हुमा ने अपने गहने और पैसे सब दांव पर लगा दिए। उनके पति ने उन्हें ये विश्वास दिलाया था कि जैसे ही वह यूएस में सेटल हो जाएंगे उन्हें वहां बुला लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ समय तक उनके पति ने उन्हें पैसे भेजे, लेकिन बाद में वह भी बंद कर दिए।
नौकरानी ने भी भेजा जेल
पहले से ही पैसों की तंगी झेल रहीं हुमा खान पर दुखों का पहाड़ तब टूटा, जब उनकी नौकरानी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया और उन्हें छह महीने तक जेल में रहना पड़ा। जब वह बाहर आईं तो उन्होंने अपनी बहन से कहा कि वह जब भी अमेरिका जाए तो वह उनके पति को कुछ पैसे भेजने के लिए कह दे।
उनकी बहन भी उनकी माली हालत देखकर उनका काम करने को राजी हो गईं, लेकिन जैसे ही उनकी बहन अमेरिका पहुंचीं वैसे ही उन्होंने उन्हें धोखा दे दिया। हुमा खान के कानों तक ये बात पहुंच गई कि उनके पति और बहन का अफेयर चल रहा है। इंडस्ट्री के रास्ते बंद हो जाने, पैसों की तंगी, पति और बहन से धोखे के बाद तो हुमा इस कदर टूट गईं कि वह सुसाइड जैसा कदम उठाने के लिए निकल पड़ीं।
सलमान खान ने दी दूसरी जिंदगी
उनके सबसे मुश्किल दौर में जिन्होंने उनका साथ दिया वो थे सुपरस्टार सलमान खान। किसी दोस्त ने हुमा खान को सलमान खान के पास जाकर उन्हें अपनी मुश्किलें बताने के लिए कहा। जब वह दबंग खान के पास पहुंचीं तो वह अपना दर्द बताते हुए बिलख पड़ीं।अपनी को-स्टार की आंखों में सलमान खान भी आंसू नहीं देख सके और उन्होंने आर्थिक तौर पर उनकी काफी मदद की। हुमा खान नवी मुंबई में अपने छोटे से घर पर अकेले रहती हैं और ऐसा कहा जाता है कि सलमान खान आज भी उनकी हेल्प करते हैं।
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