इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) का आगाज गोवा में बीते दिन 20 नवंबर को हुआ। इस मौके पर सिनेमाप्रेमियों को सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि दुनियाभर की सैकड़ों फिल्में देखने का मौका मिलेगा। इस साल भारतीय सिनेमा के दिग्गजों की विरासत को याद करते हुए गोवा में चल रहे इस फिल्म फेस्टिवल में एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया गया है।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। राज कपूर , मोहम्मद रफी, तपन सिन्हा, ए नागेश्वर राव की शताब्दी वर्ष मौके पर जारी हुए विशेष डाक टिकट-आस्ट्रेलिया के फिल्म बनी समारोह की उदघाटन में बालीवुड के साथ भाषायी सिनेमा की हस्तियां भी जुटीं। सिनेमा के नए दौर की गूंज के बीच 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह(IFFI) के उद्घाटन मौके पर भारतीय सिनेमा के चार दिग्गजों राजकपूर, मोहम्मद रफी, तपन सिन्हा और ए नागेश्वर राव की विरासत के सम्मान ने फिल्म प्रेमियों का मन मोह लिया।
बोमन ईरानी ने बांधा फिल्म फेस्टिवल में समां
अपनी अदाकरी के अलग-अलग रंगों से हिन्दी सिनेमा को समृद्ध करने वाले प्रसिद्ध अभिनेता बोमन ईरानी ने साहित्यक अंदाज में इन महान कलाकारों की स्मृतियों को ताजा कर उद्घाटन समारोह में समा बांध दिया। आस्ट्रेलिया फिल्मकार माइकल ग्रेसी की निर्देशित फिल्म 'बेटर मैन' के रेड-कार्पेट प्रीमियर के साथ फिल्म समारोह की शुरूआत हुई।
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इशान खट्टर से लेकर मानुषी छिल्लर जैसे बालीवुड के सितारों ने अपने नृत्य संगीत के जरिए भारत के सिनेमा और संस्कृति के रंगों की छटा बिखेरी। प्रसिद्ध अभिनेता नागार्जुन, नित्या मेनन, आमला, विक्रांत मैसी, रकुल प्रीत, राजकुमार राव, जयदीप अहलावत, रणदीप हुडा आदि भी इस दौरान मौजूद थे।
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सिनेमा जगत के दिग्गजों का यह जमघट सर्वश्रेष्ठ भारतीय व अंतरराष्ट्रीय फिल्म प्रतिभाओं को एक साथ लाने के इस समारोह के लक्ष्य को इंगित करता है।
सिनेमा के दिग्गजों को याद करते हुए विशेष डाक टिकट किया जारी
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के इस संस्करण की सबसे खास बात यही रही कि सिनेमा के दिग्गजों के योगदान को याद करने की नई परंपरा शुरू हुई। इसके तहत मोहम्मद रफी, राज कपूर, ए नागेश्वर राव और तपन सिन्हा के शताब्दी वर्ष के मौके पर उन्हें याद करते हुए उनकी स्मृति में विशेष डाक टिकट भी जारी किए गए।
समारोह में मुख्य अतिथि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, फिल्म समारोह के निर्देशक अभिनेता शेखर कपूर और केंद्रीय सूचना प्रसारण सचिव संजय जाजू के साथ इन चारों महान कलाकरों के परिवारजनों ने विशेष सम्मान डाक टिकट का अनावरण किया।
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समारोह की खास बात यह भी है कि केवल हिन्दी सिनेमा ही नहीं बल्कि तमिल, तेलगू, कन्नड, मलयालम समेत सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं की फिल्मों और उनके कलाकारों की भागीदारी पहले से कहीं ज्यादा है। तमिल सुपर स्टार शरथ कुमार सरीखे कलाकारों की इस दौरान मौजूदगी भारतीय सिनेमा के बढ़ते आकार को रेखांकित करती है।
इस दौरान शरथ ने कहा भी कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म कंटेट निर्माता ही नहीं इसका दर्शक भी है और अब वक्त है कि विश्व में चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए हम अपनी कहानियां उन्हें बताएं। उन्होंने कहा कि दुनिया में लड़ाई और संघर्षों को रोकने का एक ही रास्ता है सिनेमा जो मानवीय रिश्तों की कहानी बयान करता है।
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भूमि पेडनेकर और अभिषेक बनर्जी ने भी लगाए चार चांद
संजय जाजू ने भी इससे सहमति जताते हुए फिल्मकारों से भारत के सिनेमा को विश्व बाजार तक पहुंचाने के लिए आगे आने को कहा। इस दिशा में एनएफडीसी के फिल्म बाजार की पहल को सूचना प्रसारण सचिव ने इसके लिए कारगर प्लेटफॉर्म बताते हुए फिल्मकारों से इसमें सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। समारोह का संचालन कर रही अभिनेत्री भूमि पेडनेकर और अभिषेक बनर्जी ने अपने अंदाज से बड़ी संख्या में मौजूद सिने प्रेमियों को घंटों बांधे रखा।
इस दौरान बालीवुड के प्रसिद्ध फिल्मकार सुभाष घई ने समारोह में गुरुवार को प्रदर्शित होने वाली अपनी लघु फिल्म ''गांधी एक दृष्टिकोण'' बनाने की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि आज नई पीढ़ी कई बार महात्मा गांधी के योगदान को लेकर ही सवाल उठा देती है। इस फिल्म के जरिए ऐसे उठाए जाने वाले सवालों का जवाब दिया गया है और अभिनेता मनोज वाजपेयी इसमें केंद्रीय भूमिका में हैं।
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28 नवंबर तक दिखाई जाएंगी दुनियाभर की फिल्में
इस मौके पर प्रसार भारतीय के नए मनोजंन एप '''वेभस'' को भी गोवा के सीएम ने लांच किया। 28 नवंबर तक चलने वाले फिल्म समारोह के दौरान देश दुनिया की सैकड़ों फिल्में दिखाई जाएंगी। भारतीय पैनोरमा खंड में 25 फीचर और 20 गैर फीचर फिल्में शामिल की गई हैं।विश्व सिनेमा खंड में इस बार 101 देशों से 1676 फिल्मों की रिकार्ड एंट्री आयी थी। समारोह में इस बार विशेष फोकस देश ऑस्ट्रेलिया है। समारोह के दौरान भारतीय सिनेमा के विकास की यात्रा पर भी प्रकाश डाला जाएगा जो मूक युग से लेकर आधुनिक सिनेमा की मंजिल छू चुकी है।
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