Independence Day 2024: जंगे-आजादी के गुमनाम हीरो, क्या फिल्मों से पहले इन्हें पहचानते थे आप?
भारत को अंग्रेजो से आजादी दिलाने के लिए शूरवीरों ने बलिदान दिए। 15 अगस्त को उन्हीं शहीदों को याद करते हुए हर देशवासी उन्हें श्रद्धांजलि देता है। इस साल हम 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। भगत सिंह-महात्मा गांधी जैसी हस्तियों के जज्बे के किस्से तो हमने किताबों में खूब पढ़े लेकिन हम आपको उन हीरोज के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में फिल्मों से पता चला।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के पर्व पर हम उन शहीदों और क्रांतिकारियों को याद करते हैं, जिन्होंने आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। अंग्रेजों के खिलाफ उन्होंने आजादी की जो जंग लड़ी, वो कहानियां आज भी रोंगटे खड़े कर देती हैं।
बॉलीवुड ने भी स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों को अलग-अलग फिल्मों के जरिये दर्शकों तक पहुंचाया है। भगत सिंह, महात्मा गांधी इन दिग्गजों पर तो अलग-अलग फिल्में बनी हैं, लेकिन आज के समय में कई मेकर्स उन स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां लोगों तक पहुंचा रहे हैं, जिन्होंने अंग्रेजो के सामने खड़े होकर भले ही जंग न लड़ी हो, लेकिन उनका देश को आजादी दिलवाने में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
15 अगस्त के खास मौके पर आज हम जंगे-आजादी के उन्हीं गुमनाम हीरोज के बारे में बता रहे हैं, जिनका नाम फिल्मों से पहले शायद ही आपको पता होगा।
सूर्य सेन- अभिषेक बच्चन
3 दिसंबर 2010 में रिलीज हुई आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'खेलें हम जी जान से' एक ऐतिहासिक एक्शन एडवेंचर फिल्म थी, जिसमें अभिषेक बच्चन और दीपिका पादुकोण ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस मूवी में अभिषेक बच्चन ने सूर्य सेन का किरदार निभाया था।
यह भी पढ़ें: 88 साल पहले एक अंग्रेज ने बनाई थी भारत की पहली देशभक्ति फिल्म, लीड रोल में थे Ashok Kumar
पेशे से एक स्कूल टीचर रहें सूर्य सेन भारतीय क्रांतिकारी भी थे, जो भारत की आजादी के लिए काम करते थे। वह अन्य क्रांतिकारियों से भी जुड़े हुए थे, जो उन्हें अपना नेता मानते थे। प्यार से उन्हें लोग 'मास्टर दा' भी कहते थे।
कल्पना दत्ता - दीपिका पादुकोण
खेलें हम जी जान में अभिषेक बच्चन के अलावा दीपिका पादुकोण भी मुख्य भूमिका में दिखाई दी थीं, जिन्होंने कल्पना दत्ता का किरदार निभाया था। 27 जुलाई 1913 में जन्मीं कल्पना दत्ता भी सूर्या सेन के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन कार्यकर्ता रही हैं। उन्होंने बाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ज्वाइन कर ली थी।
गौर हरी दास्तान - विनय पाठक
14 अगस्त साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म 'गौर हरी दास्तान' भी ओडिशा के एक स्वतंत्रता सेनानी की कहानी हैं, जिन्होंने खुद की देशभक्ति को साबित करने के लिए अपनी ही सरकार के खिलाफ 32 साल लड़ाई लड़ी। उनकी इस कहानी को विनय पाठक ने अपने अभिनय के जरिये दुनिया तक पहुंचाया था। फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया था।
उषा मेहता- सारा अली खान
सारा अली खान ने भी उनकी अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फिल्म 'ए वतन मेरे वतन' में उषा मेहता का किरदार अदा किया था, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 'भारत छोड़ो आंदोलन' के तहत वह खुफिया कांग्रेस रेडियों चलाने की वजह से लोगों के बीच काफी मशहूर हुईं।
हालांकि, उनका बिना लड़े अहिंसा के पथ पर चलकर देश को आजाद करवाने में कितना बड़ा योगदान था, ये लोगों को तब पता चला जब फिल्म 'ए वतन मेरे वतन' अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई।
राम मनोहर लोहिया - इमरान हाशमी
सारा अली खान के अलावा 'ए वतन मेरे वतन' में इमरान हाशमी ने भी अहम भूमिका निभाई थी। फिल्म में उनका किरदार काफी छोटा था, उन्होंने मूवी में राजनेता और स्वतंत्रता सेनानी 'राम मनोहर लोहिया' का किरदार अदा किया था। दरअसल राम मनोहर लोहिया के पिता गांधी जी के फॉलोवर थे। जब भी वह उनसे मिलने जाते थे, तो वह उन्हें भी साथ ले जाते थे, जिसका गहरा असर उनके जीवन पर भी पड़ा।
झलकारी बाई- अंकिता लोखंडे
रानी लक्ष्मीबाई के बारे में तो हम सबने किताबों में पढ़ा है, लेकिन उनके नियमति सेना में शामिल झलकारी बाई के बारे में कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका' की रिलीज से पहले बहुत ही कम लोग जानते थे।
ब्रिटिश सेना के विरुद्ध सन 1857 के युद्ध में उन्होंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह रानी लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थीं, इस वजह से कई बार वह रानी के वेश में युद्ध करती थीं।