The Elephant Whispers: 39 मिनट की फिल्म को बनने में लगे 5 साल, दिलचस्प है ऑस्कर विनिंग मूवी को बनाने का किस्सा
The Elephant Whispers 13 मार्च की सुबह भारतवासियों के लिए कई अच्छी खबर लेकर आई। पहला आरआरआर से नाटू-नाटू को बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग में ऑस्कर मिला। इसके अलावा बेस्ट डॉक्युमेंट्री फिल्म की श्रेणी में द एलिफेंट व्हिस्पर्स ने बाजी मारी।
By Karishma LalwaniEdited By: Karishma LalwaniUpdated: Mon, 13 Mar 2023 06:44 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। The Elephant Whispers: ऑस्कर अवॉर्ड्स में जीत का परचम लहराने वाली डॉक्युमेंट्री शॉर्ट फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' की हर ओर तारीफ हो रही है। ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद फिल्म सोशल मीडिया पर छाई हुई है। 39 मिनट की इस फिल्म में इंसान और जानवर के बीच के खूबसूरत रिश्ते को दिखाया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मूवी को बनाने का सफर काफी दिलचस्प रहा है।
क्या है फिल्म की कहानी का थीम?
'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' को कार्तिकी गोंजाल्विस ने डायरेक्ट किया है, जबकि इसकी प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा हैं। कुछ मिनटों की इस फिल्म की कहानी दक्षिण भारतीय कपल बोमन और बेली की है, जो रघु नाम के छोटे अनाथ हाथी की देखभाल करते हैं। इस डॉक्युमेंट्री फिल्म को तमिल भाषा में बनाया गया है, जिसे नेटफ्लिक्स पर देखा जा सकता है।
कितने साल लगे फिल्म को बनने में?
कहने को तो 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' 39 मिनट की पिक्चर है। लेकिन इसे बनाने में कार्तिकी गोंजाल्विस और गुनीत मोंगा ने पूरे पांच साल तक मेहनत की है। फिल्म की डायरेक्टर ने पांच साल तक बोमन और बेली की जिंदगी को करीब से देखा। छोटी से छोटी किसी भी जानकारी को बारीकी से गौर किया, जिसका परिणाम यह मिला कि उसे बड़ी ही खूबसूरती से फिल्म में दिखाया गया।
(Photo Credit: ANI)रघु के शॉट कैप्चर करने के लिए उसके अलग-अलग मोमेंट्स को रिकॉर्ड किए गए। इस तरह से करीब 450 घंटे के फुटेज कैप्चर हुए।