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इरफ़ान ने किया अपनी बीमारी का ख़ुलासा, विदेश में होगा ईलाज

इरफ़ान के इस बयान से स्पष्ट है कि उनके बीमारी गंभीर है लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात की अटकलों को भी विराम दे दिया है कि उनका मर्ज़ दिमाग से जुड़ा है।

By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Sun, 18 Mar 2018 09:32 AM (IST)
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इरफ़ान ने किया अपनी बीमारी का ख़ुलासा, विदेश में होगा ईलाज
मुंबई। फिल्म अभिनेता ने उनको हुई 'दुर्लभ' बीमारी का ख़ुलासा करते हुए एक बयान जारी कर अपनी बीमारी के बारे में बताया है और लोगों से अपील की है कि वो उनकी बीमारी को लेकर अफवाहों के फेर में ना आयें।

इरफ़ान ने अपने इस बयान में लिखा है – जैसा कि कुछ दिनों से हो रहा है, कुछ अप्रत्याशित होना हमें आगे बढ़ने का अवसर देता है l मुझे पता चला है कि मुझे 'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर' (Neuroendocrine Tumour) है। और इस बात पर विश्वास करना सचमुच मुश्किल है। लेकिन मेरे आसपास के लोगों के प्यार और प्रार्थनाओं और मेरे भीतर के विश्वास ने उम्मीदों को जगाये रखा है। मैं अब अपना ईलाज कराने के लिए विदेश जा रहा हूं और मेरी सबसे अपील है कि वो मेरे लिए अपनी विशेज भेजते रहें l जैसा कि हर जगह इस तरह की अफवाहें फैली हैं कि न्यूरो का संबंध हमेशा ब्रेन (मस्तिष्क) से ही होता है और गूगल ही इसके सर्च का आसान रास्ता है l जिन लोगों ने मेरी बीमारी के बारे में मेरे बयान के आने का इंतज़ार किया, उनके लिए मैं ये कहे जा रहा हूं कि मैं आपको और भी बहुत सारी कहानियां सुनाने के लिए वापस आऊंगा”। इरफ़ान के इस बयान से स्पष्ट है कि उनकी बीमारी गंभीर है लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात की अटकलों को भी विराम दे दिया है कि उनका मर्ज़ दिमाग (ब्रेन) से ही जुड़ा है। पोस्ट आप यहां पढ़ सकते हैं -

 

है क्या ये बीमारी

'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर'  एक अलग प्रकार का कैंसर होता है। इसे पता लगाने के लिए विशेष प्रकार की जांच प्रक्रिया ''क्रोमोग्राफिन एेसे'' और ''क्रोमेटिन टेस्ट'' किया जाता है। इसके बाद इसके प्रायमरी या सेकंडरी स्टेज का पता लगाया जा सकता है। इसमें पीनेट ट्यूमर की उत्पत्ति अमूमन कोलोन, फेफड़ों में या फिर शरीर के किसी और भाग में होती है। अगर इसे डायग्नोस किया जा चुका है तो यह देखना जरूरी हो जाता है कि यह लोकलाइज्ड(सिर्फ  किसी सीमित दायरे में) है या फिर शरीर में फैला हुआ है।

ठीक कैसे होती है 

इस बीमारी का आमतौर पर ट्रीटमेंट कीमोथैरेमी के जरिए ही होता है। कई बार पीईटी स्कैन भी किया जाता  है लेकिन अगर यह बीमारी दिमाग में फैली है तो इसका पता इस स्कैन से नहीं चलता। इम्यूनो हिस्ट्रो केमेस्ट्री के बाद इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी मिल पाती है। जहां तक बात ट्रीटमेंट की है तो इसमें काफी समय लगता है। इस बात पर भी यह निर्भर करता है कि बीमारी शरीर के किस हिस्से में है। यह बीमारी अमूमन फैलने वाली होती है जिसका ट्रीटमेंट लंबे समय तक चलता है। ट्रीटमेंट के दौरान कई बार एेसी बीमारी में रेडिएशन का उपयोग भी किया जाता है। 

पिछले दिनों इरफ़ान ने बयान दिया था "ऐसा होता है कि आप कभी सोकर जागते हैं और जिंदगी आपको झकझोर कर रख देती है। मेरी जिंदगी के बीते पंद्रह दिन कुछ ऐसे ही गुजरें हैं। यह किसी सस्पेंस स्टोरी से कम नहीं लग रहे। जिस तरह से मुझे दुर्लभ कहानियां पसंद आती हैं, ठीक उसी तरह मुझे लगता है कि एक दुर्लभ बीमारी ने मुझे तलाशा है। मैंने कभी गिव अप नहीं किया है और मैंने हमेशा अपनी च्वाइस के लिए लड़ाई की है। आगे भी करूंगा। इस वक़्त मेरा परिवार और मेरे फ्रेंड्स साथ हैं और हम सभी एक साथ इससे रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मेरी यह गुजारिश है कि आप कुछ भी अनुमान न लगायें। मैं खुद एक हफ्ते से दस दिन के अंदर में मेरी स्थिति की कहानी आप तक पहुंचा दूंगा, जब मेरी बीमारी को लेकर आगे की जांच पड़ताल पूरी हो जाये और रिपोर्ट्स आ जायें।"

बाद में उनकी पत्नी सुतापा सिकदर ने भी पोस्ट किया था कि लोग इस बारे में जानकारी लेने में अपनी कीमती ऊर्जा न ख़र्च करें। मेरा बेस्ट फ्रेंड और पार्टनर एक योद्धा है , वो राह में आने आने वाली हर बाधा को बड़ी ही शालीनता से पार कर रहे हैं। मैं आपके फोन और संदेश का जवाब नहीं दे पा रही हूं इसके लिए मुझे खेद है। पूरी दुनिया से इरफ़ान के लिए हो रही प्रार्थना और चिंता के लिए मैं आपकी आभारी हूं। जीवन की बहती धारा और उसके संघर्ष को पार कर उसकी जीत पर ध्यान लगाएं। मेरा परिवार भी जल्द ही इस प्रक्रिया में शामिल होगा। मैं इस समय इस 'युद्धभूमि' में रणनीति पर ध्यान दे रही हूं, जिस युद्ध में मुझे फतह करनी है l ये सब इतना आसान नहीं लेकिन परिवार, दोस्त और इरफ़ान के फैन्स की एकजुटता मुझे इस जीत को सुनिश्चित करने की उम्मीद जगा रहे हैं"l

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