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अपनी मखमली आवाज से लोगों के दिलों में उतर जाते थे जगजीत सिंह, बेटे की अचानक मौत से टूट गए थे गजल सम्राट

जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के रोपड़ जिले से था। जगजीत सिंह की शुरुआती पढ़ाई गंगानगर में हुई और बाद में आगे की पढ़ाई करने के लिए वह जालंधर चले गए।

By Anand KashyapEdited By: Updated: Tue, 08 Feb 2022 10:08 AM (IST)
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गजल सम्राट जगजीत सिंह : Instagram : jagjitsinghofficial
नई दिल्ली, जेएनएन। अपनी मखमली आवाज से संगीत प्रेमियों के दिलों को जीने वाले गजल सम्राट जगजीत सिंह का जन्मदिन 8 फरवरी को होता है। जगजीत सिंह ने यूं तो अपने करियर में कई गजलों को अपनी आवाज से और भी खूबसूरत बना दिया था, लेकिन उन्होंने फिल्मी गानों से भी खूब नाम कमाया था। जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में हुआ था।

उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के रोपड़ जिले से था। जगजीत सिंह की शुरुआती पढ़ाई गंगानगर में हुई और बाद में आगे की पढ़ाई करने के लिए वह जालंधर चले गए। जगजीत सिंह पिता सरदार अमर सिंह धमानी एक सरकारी कर्मचारी थे और संगीत में रूचि रखते थे। जगजीत सिंह को संगीत उनके पिता से ही विरासत में मिला। साल 1965 में वह मुंबई आ गए थे। इसके बाद 1967 में उनकी मुलाकात गजल गायिका चित्रा से हुई। इसके दो साल बाद 1969 में दोनों शादी कर ली।

जगजीत सिंह-चित्रा एक साथ कई गजल समारोह में हिस्सा लेते थे और गजलें गाते थे। दोनों संगीत कार्यक्रमों में अपनी जुगलबंदी से समां बांध देते। जगजीत सिंह और चित्रा एक बेटा विवेक था, जिसकी मौत साल 1990 में एक कार हादसे में हो गई थी। उस समय विवेक की उम्र 18 साल की ही थी। इकलौते बेटे की मौत ने चित्रा को पूरी तरह से तोड़ दिया था और उन्होंने इसके बाद गायकी से दूरी बना ली।

जगजीत सिंह को करीबियों का मानना था कि उनकी गजलों में महसूस होने वाली तड़प व दुख साफ दिखने लगा था। उनकी पहली एलबम 'द अनफॉरगेटेबल्स' साल 1976 में आई थी जो काफी हिट साबित रही थी। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने जब फिल्मों के लिए गजल गानी शुरू की तो देखते-देखते वह हर किसी की पहली पसंद बन गए।

'झुकी-झुकी सी नजर बेकरार है कि नहीं', 'तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो', 'तुमको देखा तो ये ख्याल आया', 'प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है', 'होश वालों को', 'होठों से छू लो तुम', 'ये दौलत भी ले लो', 'चिठ्ठी न कोई संदेश' जगजीत सिंह की खास गजलें में से एक हैं। जगजीत सिंह के नाम 150 से ज्यादा एल्बम को अपनी गजलों को खूबसूरत बनाया था।