सलीम खान के साथ मिलकर जावेद अख्तर ने हिंदी सिनेमा में बनाया था अपना नाम, दीं ये ब्लॉकबस्टर फिल्में
जावेद अख्तर भारत के मशहूर लेखक के अलावा हिंदी सिनेमा के दिग्गज गीतकार और कहानीकार हैं। उन्होंने कई फिल्मों में शानदार गाने लिखने से लेकर बेहतरीन डायलॉग्स भी लिखे हैं। जावेद अख्तर 70 और 80 के दशक से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं।
By Anand KashyapEdited By: Updated: Mon, 17 Jan 2022 07:13 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। जावेद अख्तर भारत के मशहूर लेखक के अलावा हिंदी सिनेमा के दिग्गज गीतकार और कहानीकार हैं। उन्होंने कई फिल्मों में शानदार गाने लिखने से लेकर बेहतरीन डायलॉग्स भी लिखे हैं। जावेद अख्तर 70 और 80 के दशक से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं। वह अब तक सिनेमा को कई शानदार फिल्में और गाने दे चुके हैं। जावेद अख्तर का जन्म जन्म 17 जनवरी 1945 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ है।
जावेद अख्तर के पिता निसार अख्तर बॉलीवुड गीतकार और कवि थे और उनकी मां सफिया अख्तर भी एक सिंगर, टीचर और लेखिका थीं। जावेद अख्तर का असली नाम जादू है। उनके पिता की कविता थी, 'लम्हा-लम्हा किसी जादू का फसाना होगा' से उनका यह नाम पड़ा था। जावेद नाम जादू से मिलता-जुलता, इसलिए उनका नाम जावेद अख्तर कर दिया। उनकी पूरी पढ़ाई मध्य प्रदेश और लखनऊ से हुई थी।
जावेद अख्तर हिंदी सिनेमा के शुरुआती दिनों में सलमान खान के पिता सलीम खान के साथ पार्टनरशिप की थी। सलीम-जावेद की जोड़ी ने कई सुपरहिट फिल्में हिंदी सिनेमा को दी है। दोनों की दोस्ती 'सरहदी लुटेरा' के सेट पर हुईl सलीम खान इस फिल्म में अभिनेता थे। वहीं, जावेद अख्तर फिल्म के डायलॉग राइटर थे। इन दोनों की जोड़ी को उस दौर में सलीम-जावेद की जोड़ी से जाना जाता था।
इन दोनों की जोड़ी ने वर्ष 1971-1982 तक करीबन 24 फिल्मों में साथ किया, जिनमें सीता और गीता, शोले, हाथी मेरे साथी, यादों की बारात, दीवार जैसी फिल्मे शामिल हैं। उनकी 24 फिल्मों में से करीबन 20 फ़िल्में बॉक्स-ऑफिस पर ब्लाक-बस्टर हिट साबित हुई थी। 1987 में प्रदर्शित फिल्म मिस्टर इंडिया के बाद सलीम-जावेद की सुपरहिट जोड़ी अलग हो गई। इसके बाद भी जावेद अख्तर ने फिल्मों के लिए संवाद लिखने का काम जारी रखा।
फिल्मों के अलाव जावेद अख्तर अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं। जावेद अख्तर ने पहली शादी अभिनेत्री हनी ईरानी से की थी। इन दोनों की पहली मुलाकात फिल्म 'सीता और गीता' के सेट पर हुई थी। इस फिल्म में हनी सर्पोटिंग रोल प्ले कर रही थी। दोनों एक-दूसरे की तरफ आकर्षित हो रहे थे। एक इंटरव्यू में हनी ने कहा था कि एक बार ताश खेलते हुए जावेद हार रहे थे। मैंने जावेद से कहा था- लाओ मैं तुम्हारे लिए कार्ड निकालती हूं। तब जावेद ने कहा अगर पत्ता अच्छा निकला तो मैं तुमसे शादी कर लूंगा। खुशकिस्मती से पत्ता अच्छा निकला। जावेद ने हनी से कहा चलो शादी कर लेते हैं। हनी उस वक्त सिर्फ 17 साल की थी और जावेद उनसे 10 साल बड़े थे।
1970 में जावेद का दिल कैफी आजमी की बेटी और मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी पर आ गया। शबाना भी जावेद अख्तर से प्यार कर बैठीं। हालांकि, वह जानती थीं कि वह पहले से शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी थे। ऐसे में दोनों का एक होना नामुमकिन था, लेकिन जावेद अख्तर शबाना आजमी से शादी करने का फैसला कर चुके थे। 6 साल के अफेयर के बाद जावेद और शबाना ने साल 1984 में शादी कर ली।