बेंगलुरु तनाव: जावेद अख्तर ने तनवीर हाश्मी को गिरफ़्तारी करने की मांग की
जावेद अख्तर इसके पहले भी कई विषयों में उनका पक्ष रख चुके है और इसके लिए कई बार वह सोशल मीडिया पर आलोचना का भी शिकार हो चुके है।
By Manoj KhadilkarEdited By: Updated: Tue, 19 Jun 2018 01:45 PM (IST)
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई l फिल्म लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने बेंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाले तनवीर हाश्मी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है।
सोशल मीडिया पर लिखे गए एक पोस्ट में जावेद अख्तर ने बेंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव का निर्माण करने के आरोपी तनवीर हाश्मी को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है ‘धर्मनिरपेक्ष होने का अर्थ अल्पसंख्यकों द्वारा किये जा रहे सांप्रदायिक उन्माद को सहना या नजरंदाज करना नहीं है। इस गैरज़िम्मेदार और अपमानजनक मौलवी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए”। गौरतलब है कि तनवीर हाशमी पर इसके पहले भी इस प्रकार के भडकाऊ भाषण देने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
जावेद अख्तर इसके पहले भी कई विषयों में उनका पक्ष रख चुके है और इसके लिए कई बार वह सोशल मीडिया पर आलोचना का भी शिकार हो चुके है। इसके पहले उन्होंने रिहायशी इलाकों में मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग पर विरोध जताया था। ट्विटर पर इस बारे में लिखते हुए उन्होंने मशहूर सिंगर सोनू निगम की बात का समर्थन भी किया थाl सोनू ने लगभग एक साल पहले इसका विरोध किया था और उस पर काफी विवाद भी हुआ था।Secularism doesn’t mean ignoring or tolerating minority communalism . This irresponsible and outrageous cleric Tanveer Hashim should immediately be arrested for trying to create communal tension in Bengaluru .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) June 19, 2018
कुछ दिनों पहले गीतकारों की धरोहर को बचाने की मुहिम के तहत कवि गोपाल दास नीरज से मिलने गए जावेद अख्तर ने कहा था कि इतिहास में हर तरह का दौर आया, मगर यहां की माटी में सांप्रदायिकता का पौधा पनप नहीं पाया। अलगाव और सांप्रदायिकता यहां की जमीन से आए ही नहीं। यहां सांप्रदायिकता नहीं है, इसलिए दंगे होते हैं, जो कराए जाते हैं। जावेद अख्तर ने पिछले दिनों आमिर खान द्वारा महाभारत फिल्म में किरदार निभाने पर एक विदेशी द्वारा की गई टिप्पणी पर जवाब दिया। अख्तर ने दोहराया कि देश के हर इंसान का रामायण और महाभारत से रिश्ता है। अकबर ने महाभारत को सचित्र अनुवादित कर मध्य एशिया के तमाम बादशाहों को भेंट किया। अपने बेटे मुराद को जिंदगी का फलसफा समझाने के लिए महाभारत पढ़ने को दी।यह भी पढ़ें: Box Office: जिसका डर था वो हुआ, पर रेस 3 की कमाई अब इतने करोड़