Amitabh Bachchan के बाद जावेद अख्तर ने Sunny Deol को बनाया था हिंदी सिनेमा का 'एंग्री यंग मैन'
सलीम-जावेद की जोड़ी ने हिंदी सिनेमा को कई आइकॉनिक फिल्में दीं मगर एक वक्त ऐसा आया जब यह जोड़ी टूट गई और अलग-अलग फिल्मों का लेखन करने लगे थे। अलग होने के बाद जावेद की फिल्मों में एंग्री यंग मैन वाले तेवर बने रहे। सनी देओल के एक्शन की शुरुआत जावेद अख्तर की लिखी फिल्मों के साथ ही हुई थी।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। सलीम-जावेद ने हिंदी सिनेमा को एंग्री यंग मैन दिया, जो अमिताभ बच्चन के निभाये किरदारों के जरिए सामने आया। जंजीर, दीवार, त्रिशूल, काला पत्थर जैसी फिल्मों के जरिए सत्तर और अस्सी के दौर में हिंदी सिनेमा को उनका ये रूप देखने को मिला, जिसने अमिताभ के करियर को आसमान में पहुंचा दिया था।
अमिताभ और सलीम-जावेद की कहानी सब जानते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि सनी देओल के एंग्री यंग मैन अवतार को सबसे सामने लाने का क्रेडिट जावेद अख्तर को जाता है। चलिए, आपके बताते हैं कैसे?
सनी को जावेद अख्तर ने बनाया था अर्जुन
सनी देओल ने बतौर अभिनेता अपने करियर की शुरुआत बेताब फिल्म से की थी, जिसे राहुल रवैल ने निर्देशित किया था। यह रोमांटिक ड्रामा फिल्म थी, जिसमें थोड़ा-बहुत एक्शन था। सनी के साथ फिल्म में अमृता सिंह फीमेल लीड थीं। यह उनका भी डेब्यू था। धर्मेंद्र ने फिल्म का निर्माण किया था। बॉक्स ऑफिस पर बेताब हिट रही थी। इस फिल्म के लेखक जावेद अख्तर थे।यह भी पढे़ं: Sunny Deol की SDGM में हुई रणदीप हुड्डा की एंट्री, बर्थडे पर मेकर्स ने किया एलानइसके बाद सनी की तीन फिल्में सोहनी महिवाल, सनी और मंजिल मंजिल रिलीज हुई थीं, मगर जिस फिल्म ने ढाई किलो के हाथ वाले सनी देओल को दर्शकों से रू-ब-रू करवाया, वो थी 1985 में आई अर्जुन। पहली बार दर्शकों ने सनी का अंगारों वाला अवतार देखा था। इस फिल्म का निर्देशन भी राहुल रवैल ने किया था, जबकि स्क्रिप्ट जावेद अख्तर ने लिखी थी।
राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ युवाओं की लड़ाई की इस कहानी में सनी ने बेरोजगार अर्जुन मालवंकर का किरदार निभाया था, जो भ्रष्ट राजनेता शिवकुमार चोगले के झांसे में आकर क्राइम करने लगता है। इस फिल्म में सनी के वो तेवर देखने को मिले थे, जो इससे पहले नहीं देखे गये थे।