Javed Akhtar: पुराने गानों के रैप चलन पर जावेद अख्तर ने कसा तंज, कहा- 'ये ताज महल में डिस्को जैसा है'
ये महान गायकों लेखकों संगीतकारों के यादगार गाने हैं आपको उनका सम्मान करना चाहिए। यह एक सांस्कृतिक विरासत है। आप इसे रिवाइव करना चाहते हैं जरूर करें। आप चाहते हैं कि कोई और इसे नए ऑर्केस्ट्रा और अरेंजमेंट के साथ गाए इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
By Vaishali ChandraEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Mon, 30 Oct 2023 09:23 AM (IST)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। जावेद अख्तर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने उम्दा काम के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अब तक कई सुपरहिट गाने लिखे है। नेशनल अवॉर्ड, पद्म श्री और पद्म भूषण सहित उन्होंने कई सम्मान जीते हैं।
जावेद अख्तर ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में पुराने क्लासिक गाने के रीमिक्स चलन पर बात की। उन्होंने इसे गानों के साथ छेड़छाड़ बताया।
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ताज महल में डिस्को सॉन्ग
जावेद अख्तर ने साइरस सेज में बातचीत के दौरान कहा कि पुराने गानों को फिर से जिंदा करने से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन गानों में जो कमर्शियल पहलू जोड़ दिए जाते हैं, वो पूरा मजा किरकिरा कर देते हैं। इस तरह की चीजें करना ताज महल में डिस्को सॉन्ग जैसा है।
क्या बोले जावेद अख्तर ?
जावेद अख्तर ने कहा, "अतीत को याद करना, उसे महत्व देना, उसकी जिंदगी को बनाए रखने में कुछ भी गलत नहीं है। ये बढ़ावा देने वाली चीज है, लेकिन पुरानी चीजों को पैसा कमाने के लिए इस्तेमाल करना अच्छी बात नहीं है। कम से कम उसकी गरिमा तो बनाए रखें। आप सुंदर बोल और अच्छे अर्थ वाला कोई गाना लेते है और फिर उसमें अपने अजीबों-गरीबों अंतरे जोड़ देते हैं। ऐसा नहीं होता। ये अजंता में साइकेडेलिक लाइट या ताज महल में डिस्को संगीत डालने जैसा है। ऐसा करना ठीक नहीं है।"
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