Jaya Prada: इस दिग्गज फिल्मकार ने जया प्रदा को बताया था 'सिनेमा का सबसे हसीन चेहरा', जीतेंद्र संग हिट रही जोड़ी
जया प्रदा ने अपना फिल्मी सफर तेलुगु सिनेमा से शुरू किया था और 1979 में सरगम से हिंदी फिल्मों में पारी शुरू की थी। हालांकि 1984 में आई तोहफा से वो हिंदी फिल्मों की भी बड़ी अभिनेत्रियों में शामिल हो गईं। अस्सी का दौर जया और जीतेंद्र की फैमिली ड्रामा फिल्मों के लिए भी जाना जाता है जब कई साउथ निर्देशक हिंदी सिनेमा में किस्मत आजमा रहे थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने जया प्रदा (Jaya Prada) को फरार घोषित किया है और पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। दक्षिण और हिंदी सिनेमा में कई दशक गुजारने के बाद जया प्रदा ने सियासी पर्दे पर अपना हुनर दिखाने की कोशिश की।
संसद के दोनों सदनों की सदस्य रहीं। जया की सियासी पारी चाहे जो रही हो, मगर सिनेमा में उनकी मौजूदगी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक जमाने में जया प्रदा सिनेमा की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में गिना जाता था।
भारतीय सिनेमा के सबसे प्रखर फिल्मकारों में में से एक सत्यजीत रे (Satyajit Ray) ने खुद जया को भारतीय सिनेमा का सबसे खूबसूरत चेहरा कहा था। हालांकि, दोनों ने कभी साथ में फिल्म नहीं की थी।
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सरगम से किया हिंदी सिनेमा में डेब्यू
आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 3 अप्रैल 1962 को जन्मी जया प्रदा का असली नाम ललिता रानी राव था। 1974 में आई तेलुगु फिल्म भूमि कोसम से उन्होंने अभिनय की पारी शुरू की थी। इस फिल्म में हिंदी सिनेमा के लीजेंड्री एक्टर अशोक कुमार ने भी एक भूमिका निभाई थी।
अगले 5 सालों तक जया प्रदा ने मुख्य रूप से तेलुगु सिनेमा में कई फिल्मों में प्रमुख या सहायक भूमिकाएं निभाईं। 1979 में सरगम फिल्म से जया ने हिंदी सिनेमा में पारी शुरू की, जिसमें ऋषि कपूर उनके हीरो बने।इस फिल्म में जया ने मूक किरदार निभाया था, जो बेहतरीन नर्तकी है। सरगम (Sargam) का निर्देशन के विश्वनाथ ने किया था। यह उनकी 1976 की फिल्म सीरी सीरी मुव्वा का हिंदी रूपांतरण थी।
डेब्यू के बाद जया तेलुगु फिल्मों के साथ हिंदी सिनेमा में भी निरंतर काम करती रहीं। हालांकि, हिंदी फिल्मों की संख्या साल में एक या दो ही रहती थी। धीरे-धीरे हिंदी सिनेमा में जया की खूबसूरती छाने लगी, इसके साथ ही हिंदी फिल्मों में उनकी मौजूदगी भी बढ़ने लगी।