Jubliee: यह थे हिंदी सिनेमा के असली 'जुबली कुमार', राजेश खन्ना से पहले कोई नहीं तोड़ पाया हिट का रिकॉर्ड
Jubliee वेब सीरीज जुबली ओटीटी प्लेफॉर्म पर धूम मचा रही है। हर तरफ बस जुबली की ही चर्चा है। ऐसे में हम आपको याद दिला दें कि हिन्दी सिनेमा के जुबली कुमार थे जिन्होंने एक के बाद एक 6 से ज्यादा हिट फिल्में दी थीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। वेब सीरीज 'जुबली' इन दिनों सुर्खियां बटोर रही है। सीरीज की कहानी तब की है जब भारत को नई-नई आजादी मिली थी। फिल्म कंपनियों का डाउनफॉल शुरू हो चुका था और इंडस्ट्री में फिल्म स्टूडियो नए सुपरस्टार की तलाश में जुट गए थे। कैसे एक आम से युवक को तराश कर ग्लैमर वर्ल्ड का सिरमौर बनाया जाता है, इसकी कहानी है 'जुबली'।
कौन से बॉलीवुड के पहले जुबली कुमार
पर क्या आपको पता है कि कौन था बॉलीवुड का असली 'जुबली कुमार'... 60 और 70 के दशक में ये टाइटल राजेंद्र कुमार को दिया गया था। आज ओटीटी और 1000 करोड़ कमाने वाली फिल्मों के युग में चाहे ये बड़ी बात नहीं हो, पर 60 के उस दशक में फिल्मों का सिल्वर जुबली होना बड़ी बात थी। उस युग में अगर फिल्म लगातार 25 हफ्तों तक सिनेमा हॉल में चल जाती थी, तो उसे सिल्वर जुबली कहते थे।
मदर इंडिया थी पहली हिट फिल्म
राजेंद्र कुमार को साल 1957 में आई मदर इंडिया की कामयाबी के बाद से ही पहचान मिल गई थी। हालांकि फिल्म की सफलता का सारा क्रेडिट नरगीस लेकर चली गई, सुनील दत्त और राजेंद्र कुमार के हिस्से कुछ खास नहीं आया। लेकिन मदर इंडिया उनकी पहली हिट फिल्म जरूर बन गई थी। इसके बाद साल 1959 की फिल्म "धूल के फूल' से राजेंद्र कुमार के हिट फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया।
कैसे पड़ा 'जुबली कुमार' नाम
इसके बाद तो राजेंद्र कुमार ने घराना, दिल एक मंदिर, मेरे महबूब, संगम, आई मिलन की बेला, आरजू, सूरज, झुक गया आसमान, तलाश और गवांर जैसी हिट फिल्में दी। बैक-टू-बैक इनकी 6 से ज्यादा फिल्में हिट रहीं। ये सभी सिनेमाघरों में 25 हफ्तों से भी ज्यादा समय तक चलीं। इसी के चलते राजेंद्र कुमार को 'जुबली कुमार' कहा जाने लगा। उस वक्त जुबली कुमार की तूती बोलती थी। फिल्म में उनका होना मात्र ही इस बात की गारंटी था कि वो हिट होनी ही होनी है। साल 1999 में इस बेहतरीन सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
राजेश खन्ना ने खरीदा था बंगला
राजेद्र कुमार ने अपनी बेटी के नाम पर अपने बंगले का नाम डिम्पल रखा था। ये उन दिनों की बात है जब राजेश खन्ना फिल्मों में आए ही थे। उनसे किसी ने कहा कि राजेंद्र कुमार का बंगला काफी लकी है, जो इसे खरीदेगा उसकी किस्मत भी चमक जाएगी। राजेश खन्ना ने इसे खरीदा और नाम दिया 'आशिर्वाद'। इस बंगले में रहते हुए ही राजेश खन्ना ने एक के बाद एक हिट फिल्में देकर राजेंद्र कुमार का रिकॉर्ड तोड़ दिया।