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Kaifi Azmi Birth Anniversary: जब भरी महफिल में कैफी आजमी को 'बद्तमीज' कहा था पत्नी ने, यहीं से शुरू हुई थी लव स्टोरी

महज 11 साल की उम्र में कैफी आजीमी ने अपनी पहली कविता लिखी थी। आपको बता दें कि शायराना मिजाज के कैफी आजमी 1942 में हुए महात्मा गांधी के भारत छोड़ा आंदोलन से काफी प्रेरित थे।

By Priti KushwahaEdited By: Updated: Tue, 14 Jan 2020 01:48 PM (IST)
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Kaifi Azmi Birth Anniversary: जब भरी महफिल में कैफी आजमी को 'बद्तमीज' कहा था पत्नी ने, यहीं से शुरू हुई थी लव स्टोरी
नई दिल्ली, जेएनएन। देश के प्रसिद्ध कवि, गीतकार और कार्यकर्ता कैफी  आजमी की आज 101वीं जयंती है। इस खास मौके पर न सिर्फ कैफी आजमी के परिवार वालों ने बल्कि गूगल ने भी उन्हें याद किया है। बता दें कि कैफी आजमी के 101वीं जयंती  पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें बेहतरीन तोहफा दिया। कैफी आजमी का जन्म उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में हुआ​ था। उनका पूरा नाम सैयद अतहर हुसैन रिजवी यानी कैफी आजमी था। उन्होंने अपने लेखन के जरिए खूब नाम कमाया। कैफी आजमी ज्यादातर प्रेम की कविताएं लिखने के लिए जाने जाते थे। इसके अलावा वह बॉलीवुड गीत, पटकथा लिखने में माहिर थे। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में अपनी पहली कविता लिखी थी। 

 

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And the Kaifi Azmi birth centenary celebrations come to a close with a google doodle . Thank you to all those who came together to make it such a satisfying year

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आपको बता दें कि शायराना मिजाज के कैफी आजमी 1942 में हुए महात्मा गांधी के भारत छोड़ा आंदोलन से काफी प्रेरित थे। जितना कैफी आजमी की शायरियां, गीत और कविताएं दिलचस्प रही हैं उतना ही उनकी और शौकत आजमी की प्रेम कहानी।

 

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You left us this day 16 years ago Abba but continue to surround us like the air we breathe..#Kaifi Azmi

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आपको जानकार हैरानी होगी की उनकी पत्नी शौकत आजमी ने उन्हें भरी महफिल में 'बद्तमीज' कहा था। दरअसल, कैफी आजमी हैदराबाद में एक मुशायरे में अपनी नज्म 'उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे' सुना रहे थे। इस नज्म की पहली लाइन 'उठ' शौकत आजमी की पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि ये किस तरह क शायर है जिसे तमीज से बात तक करना नहीं आता है। 'उठ' की जगह 'उठिये' नहीं कह सकते थे। उन्होंने यह तक कहा कि 'कैसा बद्तमीज शायर है!' इसे तो अदब के बारे में कुछ नहीं आता। कौन इसके साथ उठकर जाने को तैयार होगा? लेकिज जब शौकत ने उनकी पूरी ​नज्म सुनी तो वह चुप रह गई थीं।  इस नज्म का असर यह हुआ कि बाद में वही लड़की जिसे कैफी साहाब के 'उठ मेरी जान' कहने से आपत्ति थी वह उनकी पत्नी शौकत आजमी बनी।

 

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Happy #Fathers Day

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यहां पढिए वो नज्म...

'उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे,

क़द्र अब तक तेरी तारीख़ ने जानी ही नहीं,

तुझमें शोले भी हैं बस अश्क़ फिशानी ही नहीं,

तू हक़ीकत भी है दिलचस्प कहानी ही नहीं,

तेरी हस्ती भी है इक चीज़ जवानी ही नहीं,

अपनी तारीख़ का उन्वान बदलना है तुझे,

उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे,'