Kalki Koechlin का खुलासा, मां बनने के बाद गुजरीं थीं डिप्रशन से, खुद के शरीर से होने लगी थी चिढ़ और...
कल्कि पिछले साल सात फरवरी को एक प्यारी सी बेटी की मां बनीं हैं। ये बच्ची उनकी और उनके ब्वॉयफ्रेंड गाय हर्शबर्ग की है। एक बार फिर कल्कि ने अपने प्रेग्नेंसी डेज को याद करते हुए कई सारी बातें का खुलासा किया है।
By Priti KushwahaEdited By: Updated: Sat, 08 May 2021 09:51 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कल्कि केकलां इंडस्ट्री की उन एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं जो अपनी बात को बेबाकी से कहने में पीछे नहीं हटती। कल्कि ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया। वह अपनी प्रोफेशनल लाइफ से कहीं ज्यादा अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहती हैं। कल्कि पिछले साल सात फरवरी को एक प्यारी सी बेटी की मां बनीं हैं। ये बच्ची उनकी और उनके ब्वॉयफ्रेंड गाय हर्शबर्ग की है। एक बार फिर कल्कि ने अपने प्रेग्नेंसी डेज को याद करते हुए कई सारी बातें का खुलासा किया है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत सी समस्याएं होती हैं लेकिन इस पर बात नहीं की जाती है।
हिन्दुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कल्कि केकलां ने कहा, 'अपनी प्रेग्नेंसी के दिनों को मैं लाइफ के यादगार मेमोरीज की तरह नहीं देखती बल्कि ये एक छोटी सी नई शुरुआत है। मैंने इसे इसलिए लिखा कि मैंने देखा है कि बहुत कम लोग है जो प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली दिक्कतों और परेशानियों के बारे में खुलकर बात करते हैं। हम केवल यह सुनते हैं कि यह बहुत सुखद अनुभव होता है। यकीनन ये एक सुखद अनुभव है लेकिन एक प्रेग्नेंट महिला को इस दौरान व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक परिवर्तन भी देखने पड़ते हैं। लोग सोचते हैं कि अगर आप मां होने के अपने कड़वे अनुभवों को बताएंगे तो यह आपको आपके बच्चे से दूर कर देता है।'
कल्कि ने आगे कहा, 'इसकी शुरुआत उस वक्त हुई जब उल्टियां होने की वजह से मेरी बुरी हालत थी। अचानक से जैसे मैंने अपनी सारी ऊर्जा खो दी थी। मैं उस दौरान न ही मैं कुछ कर पा रही थी ना ही सोच पा रही थी। यहां तक कि मुझे अपने शरीर से ही चिढ़ होने लगी थी। क्योंकि यह हमेशा काफी थका देने वाला था। मैं अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही थी।'
कल्कि ने इसी इंस्टरव्यू में अपने डिप्रेशन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, 'मैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन (बच्चे के जन्म के बाद का डिप्रेशन) से गुजर रही थी। और इसे बहुत थकावट के रूप में नहीं कहा जाना चाहिए। ऐसे तब होता है जब कोई इंसान हर दो घंटे में जग जाए, हर रात और पूरे दिन जागता रहे तो उसे डिप्रेशन हो जाता है। नींद की कमी एक यातना के रूप में है। लोग इस पर बात नहीं करते कि यह कितना मुश्किल है।'