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Kavita Krishnamurthy ने बताई अपने नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी, बताया पहले क्या था उनका नाम

Kavita Krishnamurthy कविता कृष्णमूर्ति ने महज 9 साल की उम्र में मशहूर गायिका लता मंगेशकर के साथ अपना पहला बांग्ला गाना गाया था जिसके बाद वह एक गायिका बनने का सपना देखने लगीं थीं और उनका ये सपना वक्त के साथ-साथ पूरा भी हुआ लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका असली नाम शारदा कृष्णमूर्ति था ।

By Aditi Yadav Edited By: Aditi Yadav Updated: Wed, 31 Jan 2024 09:35 PM (IST)
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कविता कृष्णमूर्ति का नाम असली नाम (Photo Instagram)
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Kavita Krishnamurthy: इंडस्ट्री में आज के दौर में यूं तो कई बेहतरीन सिंगर हैं, लेकिन जब-जब कविता कृष्णमूर्ति का नाम सामने आता है कि उनके आगे किसी को नाम नहीं होता। वह बेहतरीन गायकों में शुमार हैं। महज 9 साल की उम्र में मशहूर गायिका लता मंगेशकर के साथ अपना पहला बांग्ला गाना गाया था, जिसके बाद वह एक गायिका बनने का सपना देखने लगीं थीं और उनका ये सपना वक्त के साथ-साथ पूरा भी हुआ।

आज हर कोई उनकी आवाज का दीवाना है, लेकिन बेहद कम लोग यह जानते हैं कि उनका असली नाम 'शारदा' कृष्णमूर्ति है, जो उन्हें जन्म के समय दिया गया था। सालों बाद अब उन्होंने बताया कि आखिर क्यों उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा था।

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कविता कृष्णमूर्ति ने क्यों बदला अपना नाम

कविता कृष्णमूर्ति (Kavita Krishnamurthy) का जब जन्म हुआ तो उनका नाम 'शारदा' कृष्णमूर्ति रखा गया था। हालांकि, कुछ सालों तक वह इसी नाम से जानी गई, लेकिन फिर एक वक्त आया जब उन्होंने दिवंगत गायक, संगीतकार और निर्माता हेमंत कुमार के कहने पर अपना नाम बदला। एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि, "वास्तव में, मैं शारदा हूं। मेरे कॉलेज के दोस्त अभी भी मुझे शारदा कहते हैं।

मुझे बहुत अच्छे से याद है कि मैं मुंबई में बिड़ला ऑडिटोरियम नामक एक सभागार में गा रही था। तब जब मेरे नाम की घोषणा की गई, मैं मंच पर गई और दर्शकों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। 'तितली उड़ी, तितली उड़ी, तितली उड़ी' जिसे दूसरी शारदा जी ने गाया है। उन लोगों को लगा वो मैं ही हूं, लेकिन ऐसा ही थी।

आगे उन्होंने बताया कि, मैं उस वक्त भले ही कॉलेज में हुआ करती थी, लेकिन मेरा पूरा व्यवहार एक स्कूल गर्ल जैसा था। मैं उन दिनों बहुत डरपोक (डरी हुई) रहती थी। मैं स्टेज पर जाती थी और कहती थी आप जो शारदा समझ रहे हैं मैं वो 'शारदा' नहीं हूं। मेरी ये बात उन दिनों 'हेमंत दा' को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने कहा, 'चोलबे ना चोलबे ना नाम बदलो पहले' (यह काम नहीं करेगा, पहले अपना नाम बदले) और फिर उन्होंने अपना नाम कविता रख लिया।

'मांग भरो सजना' गाने से की थी शुरुआत

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साल 1980 में कविता ने 'मांग भरो सजना' गाने से अपने करियर की शुरुआत की। उसके बाद कविता ने साल 1985 में आई फिल्म प्यार झुकता नहीं में बतौर प्लेबैक सिंगर गाना गाया। उसके बाद फिल्म मिस्टर इंडिया में हवा हवाई और करते हैं हम प्यार मिस्टर इंडिया से, गाना गाया।

इन गानों के बाद कविता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। कविता कृष्णमूर्ति को 50 हजार से अधिक गाने के पीछे की आवाज का श्रेय दिया जाता है।