Kishori Amonkar Birth Anniversary: महाराष्ट्र में जन्मीं किशोरी आमोनकर ने दुनिया भर में पहुंचाई 'जयपुर घराने' की शान
लता मंगेशकर से लेकर आशा भोसले और श्रेया घोषाल जैसी गायिकाओं ने अपनी मधुर आवाज से हमेशा ही श्रोताओं का दिल जीता हैं। इन नामों में एक नाम हैं शास्त्रीय संगीतकार किशोरी आमोनकर का भी है जिन्होंने जयपुर घराने के संगीत को दुनियाभर में लोकप्रिय किया। 10 अप्रैल को किशोरी ताई की बर्थ एनिवर्सरी है इस खास मौके पर जानिये उनकी जिंदगी से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। किशोरी अमोनकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम थीं, जिन्होंने अपने शास्त्रीय संगीत से हर किसी के मन मोह लिया। उन्होंने 'जयपुर घराने' के संगीत को दुनियाभर में लोकप्रियता दिलाई। 10 अप्रैल 1932 को महाराष्ट्र में जन्मी किशोरी आमोनकर संगीत के क्षेत्र में एक बड़ा नाम रही हैं।
आज उनका जन्मदिन हैं। भारत की सर्वश्रेष्ठ शास्त्रीय संगीतकारों में से एक किशोरी आमोनकर की संगीत की शिक्षा-दीक्षा बचपन में ही शुरू हो गयी थी। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको पता होगा।
किशोरी अमोनकर की मां ही थीं उनकी पहली गुरु
संगीत सीखने के लिए जहां कई लोग बाहर जाकर गुरु से दीक्षा लेते हैं, तो वहीं किशोरी ताई के लिए उनकी पहली गुरु उनकी मां ही बनीं। उनकी मां मोगुबाई कुर्डीकर खुद भी अपने जमाने की मशहूर गायिका रही हैं। ऐसे में उन्होंने संगीत की शुरूआती दीक्षा अपनी मां से घर पर ही ली।यह भी पढ़ें: Bollywood Playback Singing: बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगिंग का इतिहास गहरा, जानिए कब और कैसे हुई शुरुआत?
वह 'जयपुर घराने' की शिष्या थीं, जिन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को दुनियाभर में फैलाया। वह मुख्य तौर पर क्लासिकल में 'ख्याल', 'ठुमरी' और 'भजन' गाती थीं। किशोरी आमोनकर ने अपने करियर में अलग-अलग तरह के क्लासिकल स्टाइल को लेकर हमेशा एक्सपेरिमेंट किया है।
किशोरी ताई ने अपने एक इंटरव्यू में ये बताया था कि उनकी मां एक बहुत ही सख्त टीजर थीं, वह छोटी-छोटी लाइनें गाती थीं, जिन्हें किशोरी रिपीट करती थीं। जब वह अपनी मां के साथ दुनियाभर में मां के साथ ट्रेवल करती थीं, तो उस समय उन्होंने तानपुरा बजाना सीखा था। उन्होंने अलग-अलग घरानों की म्यूजिक महारथियों से भी क्लासिकल संगीत की शिक्षा ली थी।