सैफ अली खान (Saif Ali Khan)
Saif Ali Khan Profile सैफ अली खान क्रिकेट लीजेंड नवाब मंसूर अली खान पटौदी और वेटरन एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर के बेटे हैं मगर उन्होंने अपनी पहचान को विस्तार दिया और आज अपनी अभिनय क्षमता के लिए जाने जाते हैं। सैफ का करियर रोमांटिक फिल्मों से शुरू हुआ मगर बाद में उन्होंने अपनेी एक्टिंग का अंदाज बदला और प्रयोगधर्मी कलाकार बन गये।
By Vaishali ChandraEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Wed, 16 Aug 2023 12:19 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Saif Ali Khan Profile: सैफ अली खान ने बतौर एक्टर बॉलीवुड में लम्बा सफर तय किया है। रोमांटिक किरदारों से शुरुआत करके सैफ ने इमोशनल ड्रामा, एक्शन और कॉमेडी फिल्मों में यादगार किरदार निभाये हैं।
खासकर, ब्लैक कॉमेडी फिल्मों में उनका जवाब नहीं। सैफ इंडस्ट्री में अपने किरदारों के साथ प्रयोग करने के लिए भी जाने जाते हैं। उनका जन्म 16 अगस्त, 1970 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता मंसूर अली खान एक भारतीय क्रिकेटर थे, जबकि मां शर्मिला टैगोर एक बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। सैफ पटौदी नवाब परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
- सैफ अली खान का एजुकेशन
- सैफ अली खान का बॉलीवुड डेब्यू
- सैफ अली खान का करियर ग्राफ
- सैफ अली खान का ओटीटी डेब्यू
- सैफ अली खान पर्सनल लाइफ
- सैफ अली खान के अवॉर्ड्स
सैफ अली खान की एजुकेशन
सैफ अली खान की पढ़ाई की बात करें तो उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सनावर के द लॉरेंस स्कूल से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने आगे पढ़ाई उन्होंने हर्टफोर्डशायर के लॉकर्स पार्क स्कूल से की। वहीं, उच्च शिक्षा के लिए सैफ ने इंग्लैंड के विंचेस्टर कॉलेज को चुना। हालांकि, सैफ अली खान ने अपनी स्कूलिंग के बाद ज्यादा पढ़ाई नहीं की, क्योंकि शुरू से ही उनका रुझान बॉलीवुड में एक्टिंग करियर बनाने में था।
सैफ अली खान का बॉलीवुड डेब्यू
बोर्डिंग स्कूल से ग्रेजुएशन करने के बाद सैफ अली खान भारत लौट आए और दो महीने तक दिल्ली की एक ऐड कम्पनी में काम किया। वहीं, फिल्मों में एक्टिंग की शुरुआत सैफ ने मूवी परंपरा (1993) के साथ की। 90 के दशक में सैफ बतौर सोलो एक्टर हिट फिल्म देने में असफल रहे। उनकी ये दिल्लगी (1994), मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी (1994), कच्चे धागे (1999) और हम साथ-साथ हैं (1999) जैसी मल्टीस्टारर फिल्में ही सफल रही।सैफ अली खान का करियर ग्राफ
साल 2000 में सैफ ने फिल्म क्या कहना (2000) के साथ खुद को स्थापित एक्टर की तरह पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने रोमांटिक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म दिल चाहता है (2001) और कल हो ना हो (2003) के लिए सराहना बटोरी और अवॉर्ड्स भी जीते।कमर्शियली सफल फिल्में हम तुम (2004), परिणीता (2005), सलाम नमस्ते (2005) और तारा रम पम (2007) के साथ सैफ का करियर ग्राफ तेजी से आगे बढ़ा। इसके अलावा उनके खाते में 'लव आज कल', 'कुर्बान', 'कॉकटेल', 'तानाजी' और 'लाल कप्तान' जैसी कई बड़ी फिल्में भी रही।
सैफ अली खान ने एक हसीना थी (2004), बीइंग साइरस (2006) और ओमकारा (2006) जैसी फिल्मों से क्रिटिक्स का भी दिल जीता। बतौर लीड एक्टर उनकी सबसे बड़ी हिट फिल्मों में रेस (2008), लव आज कल (2009), कॉकटेल (2012), रेस 2 (2013) और तानहाजी शामिल है। सैफ की फिल्म गो गोवा गॉन भी एक चर्चित फिल्म है, जो बॉक्स ऑफिस ज्यादा कमाई तो नहीं कर पाई, लेकिन भारत की पहली जॉम्बी फिल्म होने का टैग रखती है।
सैफ की आखिरी फिल्म आदिपुरुष है, जो इसी साल रिलीज हुई। ओम राउत निर्देशित फिल्म में उन्होंने लंकेश का रोल निभाया। प्रभास राघव और सनी सिंह शेष के किरदार में थे, जबकि जानकी बनीं कृति सेनन। यह फिल्म रामायण के कुछ हिस्सों से प्रभावित है। आदिपुरुष बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो सकी। फिल्म की रिलीज से पहले इसके किरदारों, संवादों और प्रस्तुतिकरण को लेकर काफी बवाल हुआ था।