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बढ़ रहा है नई फिल्मों में पुराने गानों का चलन, कुमार सानू और अनु मलिक ने दिया इस पर रिएक्शन

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर कई बार ये इल्जाम लगता आया है कि उनमें रचनात्मकता बिल्कुल खत्म हो चुकी है। जिस तरह से पुरानी फिल्मों को दोबारा उसी कहानी के साथ दिखाया जा रहा है वह कुछ फैंस को पसंद नहीं आ रहा है। फिल्मों से ज्यादा तो 80 और 90 के दशक के गानों को रिक्रिएट किया जा रहा है जिस पर हाल ही में सिंगर्स ने प्रतिक्रिया जाहिर की।

By Tanya Arora Edited By: Tanya Arora Updated: Fri, 20 Sep 2024 12:02 PM (IST)
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कुमार सानू और अनु मलिक ने पुराने गानों के रिक्रिएशन पर किया रिएक्ट/ फोटो- Instagram
प्रियंका सिंह, मुंबई डेस्क। तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई है...फिल्म सड़क (1991) का यह गाना इन दिनों राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी की फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो के ट्रेलर में सुनाई दे रहा है...तो जिगरा के टीजर में बजता है फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है...।

इसी तरह फिल्म जवान में पुराने गाने बेकरार करके हमें यूं ना जाइए पर थिरकते दिखे शाह रुख खान तो गाइड में वहीदा रहमान पर फिल्माए गाने आज फिर जीने की तमन्ना है... का अजय देवगन अभिनीत फिल्म भोला में प्रयोग किया गया। चलिए जानते हैं पुराने गानों को दोबारा फिल्मों में रिक्रिएट किया गया।

ध्वनि भानुशाली की फिल्म में रीक्रिएट किए गए दो गाने 

अजीब दास्तां है ये कहां शुरू कहां खत्म....वर्ष 1960 में प्रदर्शित फिल्म दिल अपना और प्रीत पराई में डॉक्टर की भूमिका में नायक राज कुमार और नादिरा की शादी की पार्टी में जब उन्हीं के अस्पताल की नर्स व प्रेमिका मीना कुमारी टूटे दिल के साथ यह गाना गाती हैं तो दर्शकों के दिलों में भी उनके लिए एक तड़प का अहसास होता है। वहीं फिल्म चलती का नाम गाड़ी में किशोर कुमार का गाया गाना एक लड़की भीगी भागी सी...में महसूस होती है मस्ती।

ये दोनों गाने इन दिनों सुनाई दे रहे हैं ध्वनि भानुशाली अभिनीत नई फिल्म कहां शुरू कहां खत्म के म्यूजिक में। इन गानों के साथ पुरानी पीढ़ी ने युवावस्था को जिया तो रेडियो व चित्रहार के दौर में वे गाने स्वयं में संपूर्ण मनोरंजन हुआ करते थे। स्मृतियों में बसे वे गाने जब सामने आते हैं तो मन-मस्तिष्क को कुछ क्षणों के लिए बांध लेते हैं। वहीं नई कहानी को भी उनके माध्यम से एक संदर्भ मिलता है। शायद यही वजह है कि मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, आशा भोसले के गाए बेहद लोकप्रिय गानों को नई फिल्मों में नए अंदाज में प्रयोग करने का चलन बढ़ा है।

गानों में गुंथी कहानी

पुरानी फिल्मों में गाने भी कहानी को आगे बढ़ाते थे। गानों में नायक-नायिका के मध्य एक संवाद होता था। करण जौहर ने फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में उन्हीं गानों के माध्यम से धर्मेंद्र और शबाना आजमी के पात्रों की अधूरी प्रेम कहानी को शब्द दिए। लंबे अंतराल के बाद जब वे मिलते हैं तो गाना बजता है अभी ना जाओ छोड़कर...। वहीं रणवीर सिंह और आलिया भट्ट के बीच रोमांस गढ़ने के लिए उन्होंने 1966 में आई फिल्म मेरा साया से झुमका...गाने का इस्तेमाल किया, पर रीमिक्स अंदाज में। व्हाट झुमका...गाना नई पीढ़ी की जुबां पर चढ़ गया।

राजकुमार राव अभिनीत फिल्म विक्की विद्या का वो वाला वीडियो फिल्म में तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई है...और दलेर मेंहदी का गाया गीत ना ना ना ना नारे...जैसे गानों का प्रयोग हुआ है। पिछले वर्ष सनम बेवफा के गाने अच्छा सिला तूने दिया के रीमिक्स वर्जन में दिखे राजकुमार राव कहते हैं कि नई पीढ़ी तक कई लोकप्रिय गाने नहीं पहुंच पाए हैं। उन्हें रीक्रिएट करना अच्छा कदम है। हालांकि कुछ क्लासिक गाने अनछुए ही रहें तो बेहतर है।

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आज भी गुनगुनाते हैं लोग

गायक कुमार सानू अपने गानों के रीक्रिएशन को जीत मानते हैं। वह कहते हैं कि जिस तरह का गीत-संगीत हमारे स्वर्णिम दौर में बना करता था, वैसे गाने आज कम बन पा रहे हैं। नए गायक अलग अंदाज में उन्हें गा रहे हैं, लेकिन ये भी सच है कि रीक्रिएशन में वो गहराई नहीं होती है। वहीं संगीतकार अनु मलिक कहते हैं कि हिंदुस्तान के रोम-रोम में मेलोडी है।

जितने भी पुराने गाने हैं, चाहे वे लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी, कल्याणजी-आनंदजी, आरडी बर्मन के हों, उन्होंने संगीत में मेलोडी को बरकरार रखा था। इसलिए लोग उन्हें आज भी गुनगुनाते हैं। अब बॉर्डर 2 फिल्म में मेरा मौलिक गाना संदेशे आते हैं..., ऐ जाते हुए लम्हों... फिर गूंजेगा। खुशी होती है कि ऐसा काम किया है कि लोग याद करते हैं।

नया संगीत गढ़ने की चुनौती

रीमिक्स गानों पर गीतकार समीर कहते हैं कि कई बार लगता है कि क्या यह रचनात्मकता की कमी है। जब फिल्म नई हो सकती है तो गाने क्यों नहीं। नई पीढ़ी नया सोच, नई संस्कृति, नई भाषा लेकर आती है। उन्हें उनके साथ बढ़ने देना चाहिए। आज की पीढ़ी को पुराने गाने सुनने हैं तो वे ढूंढ़कर सुन लेंगे।

अब जैसे सड़क फिल्म का गाना विक्की विद्या का वो वाला वीडियो में मौलिक रूप में लिया गया है। वह गाना लिखना मेरे लिए मुश्किल था। पाकिस्तानी गाने आहिस्ता आहिस्ता...की तर्ज पर उसे बनाना था, लेकिन शब्द मौलिक लिखने थे। तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई है...गाने के बोल मौलिक थे, इसलिए लोगों को याद रह गया।

kumar sanu

तुलना होना तय है

जब भी पुराने गाने को रीक्रिएट किया जाता है तो मौलिक और रीमिक्स के बीच तुलना शुरू हो जाती है। कुमार सानू कहते हैं कि इससे बचने का तरीका है कि जब किसी गाने को रीक्रिएट करने के लिए चुना जाए तो मूल गायक को भी गाना बनाते समय साथ रखा जाए। इससे नए गायक पर दबाव कम हो जाएगा। यह नैतिक तौर पर भी सही है कि जिस गायक, गीतकार-संगीतकार के कारण गाना प्रसिद्ध हुआ था, उनको श्रेय मिले।

समीर कहते हैं कि हम रीक्रिएशन को लेकर सख्त नियम बनाने के प्रयास में लगे हैं। जो लोग गानों को रीक्रिएट कर रहे हैं, उन्हें मूल शब्दों को नहीं छेड़ना चाहिए। वहीं अनु कहते हैं कि गाने रीक्रिएट करें, पर मौलिक संगीतकारों को इतनी इज्जत तो दें कि उनका नाम भी उसमें दें। मैं हमेशा अपने रिक्रिएटेड गानों में अपना नाम डालने के लिए कहता हूं।

नए अंदाज में पुराने गाने

नई फिल्मों में पुराने गानों का प्रयोग पहले भी हुआ है। उदाहरण के लिए फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 में ये जवानी है दीवानी..., फिल्म बैड न्यूज में मेरे महबूब मेरे सनम... गदर 2 में उड़ जा काले कावां...,बागी 2 में एक दो तीन..., हाउसफुल में आपका क्या होगा जनाबे आली..., केजीएफ : चैप्टर 1 में गली गली में फिरता है...।

डियर जिंदगी में सदमा फिल्म का गाना ऐ जिंदगी गले लगा ले..., फन्ने खां में बदन पे सितारे लपेटे हुए..., जुड़वा 2 में चलती है क्या नौ से बारह समेत अनगिनत गानों को रिक्रिएट किया गया है। इनमें काम करने वाले कलाकार खुश होते हैं कि उन्हें किसी आइकॉनिक गाने का हिस्सा बनने का मौका मिला तो वहीं कई बार मौलिक गाने से छेड़छाड़ पर लोगों की नाराजगी भी दिखी।