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सिंगर Kumar Sanu को है बॉलीवुड इंडस्ट्री से शिकायत, बोले - आजकल के गायक एक ही तरह के गाने गाते हैं

कुमार शानु को बॉलीवुड का किंग ऑफ मेलोडी कहा जाता है। उनके गीतों में जो खनक और देसीपना है वो शायद ही आजकल के सिंगर्स में नजर आए। सिंगर ने 90 के दशक के कई पॉपुलर गानों को अपनी आवाज दी। हाल ही में उन्होंने इंडस्ट्री में अपने काम और इज्जत को लेकर बात की। सिंगर ने कहा कि लोगों को गाना पसंद आता है लेकिन काम नहीं देते।

By Surabhi Shukla Edited By: Surabhi Shukla Updated: Thu, 08 Aug 2024 02:15 PM (IST)
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कुमार सानू ने बॉलीवुड इंडस्ट्री पर उठाया सवाल

एंटरटेनमेंट डेस्क,नई दिल्ली। कुमार शानु की आवाज ने संगीत प्रेमियों के लिए 90 के दशक को और भी खास बना दिया। उनके पुराने क्लासिक गीत जैसे चुरा के दिल मेरा, दो दिल मिल रहे हैं,चोरी चोरी जब नजरें मिली और अन्य आज भी खूब पसंद किए जाते हैं। उनका लेटेस्ट गाना साल 2015 में आई फिल्म दम लगा के हईशा से 'दर्द करारा' था। इसके अलावा फिल्म 'सिम्बा' के गाने आंख मारे को भी उनकी आवाज को रिक्रिएट किया गया था।

कुमार सानू ने जताया दुख

वहीं जब एक्टर से पूछे गया कि इन दिनों हम उनके गानों को ज्यादा क्यों नहीं सुनते। इस पर एक्टर ने इमोशनल होकर जवाब दिया। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा,"मेरा सफर अभी तक बहुत अच्छा हो रहा है, इंडस्ट्री में हर कोई मेरा सम्मान करता है। पर सबसे बड़ी बात है कि लोग सम्मान करते हैं। प्यार भी देते हैं, हमारा गाना भी सुनते हैं लेकिन मुझे नहीं पता कि वे हिंदी फिल्मों में और गानों के लिए मेरी आवाज का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे हैं।'

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कुमार शानु ने आगे कहा, 'मैं जब सामने होता हूं तो सब इतना प्यार दिखाते हैं। पता नहीं ये रियल भी है या फेक। फिलहाल ये जो भी हो लेकिन मुझे इंडस्ट्री से रिस्पेक्ट बहुत मिली।'

सभी एक ही तरह से गाते हैं

इससे पहले एक पोर्टल से बातचीत में शानु दा ने इस बात पर चर्चा की थी कि केवल कुछ ही गायक प्लेबैक सिंगिंग की मोनोपोली ही क्यों बनाकर रख पाए जबकि आने वाले सिंगर्स लगातार इसके लिए स्ट्रगल करते रहते हैं। सिंगर ने कहा,“आज बहुत सारे गायक हैं लेकिन दुख की बात है कि वे सभी एक ही तरह से गाते हैं।” आप उन्हें दोष नहीं दे सकते क्योंकि वह कंपोजीशन, जॉनर और स्टाइल पर काम कर रहे हैं। यही कारण है कि सुनने वालों को लगता है कि एक ही गायक सारे गाने गा रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि वे सभी प्रतिभाशाली हैं, लेकिन दुख की बात है कि उनमें कोई व्यक्तित्व नहीं है।"

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