पंचायत की 'क्रांति' से मिर्जापुर की 'बीना' तक..., छुपी रुस्तम हैं ये हसीनाएं, एक बन चुकी हैं रामायण की मंथरा
हिंदी सिनेमा में ऐसे कई कलाकार हैं जो सालों से काम कर रहे हैं लेकिन उनकी परफॉर्मेंस पर नजर नहीं गई। किसी को 15 साल तक संघर्ष करना पड़ा तो किसी को 17 साल। इस आर्टिकल में आपको उन पांच अभिनेत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सालों मेहनत के बाद अब जाकर कामयाबी का रस चखा है। न
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। फिल्मी दुनिया में आकर नाम कमाने की इच्छा रखने वालों की कमी नहीं है, लेकिन पहचान हासिल करना आसान नहीं होता है। लीड रोल निभाने वालों पर तो ध्यान चला जाता है, लेकिन कम ही कैरेक्टर आर्टिस्ट होते हैं जिन पर ऑडियंस की नजर पड़ती है। इस साल कई ऐसी अभिनेत्रियों की किस्मत चमकी, जो सालों से इंडस्ट्री में काम कर रही हैं लेकिन पहचान को तरस रही थीं। चलिए उनके बारे में बताते हैं...
छाया कदम (Chhaya Kadam)
छाया कदम को आमिर खान की निर्मित फिल्म 'लापता लेडीज' से पॉपुलैरिटी मिली है। फिल्म में मंजू माई के किरदार में उन्हें खूब पसंद किया गया। यही नहीं, उनकी फिल्म 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' को कान्स 2024 (Cannes 2024) में बेस्ट फिल्म के लिए ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ज से नवाजा गया। हालांकि, भले ही उन्हें पहचान अब मिली हो, लेकिन वह पिछले 15 सालों से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं।
छाया कदम ने करियर की शुरुआत 2009 में मराठी शॉर्ट फिल्म 'पटाचा पानी' से की थी। उन्होंने 2013 में अजय देवगन स्टारर 'सिंघम रिटर्न्स' (Singham Returns) से बॉलीवुड में डेब्यू किया। वह 'रन', 'अंधाधुन', 'अंति- द फाइनल ट्रुथ' और 'गंगूबाई काठियावाड़ी' जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। वह 'मडगांव एक्सप्रेस' में भी नजर आई थीं।
सुनीता राजवार (Sunita Rajwar)
'पंचायत' और 'गुल्लक' जैसे वेब सीरीज में नजर आ चुकीं सुनीता राजवार को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। 'पंचायत 3' में प्रधान के खिलाफ लड़ने वालीं 'क्रांति' या फिर 'गुल्लक' में पड़ोसन बिट्टू की मम्मी का किरदार निभाना हो, सुनीता ने अपनी उम्दा परफॉर्मेंस से दर्शकों की तारीफें बटोरी हैं। हालांकि, वह भी कोई कच्ची खिलाड़ी नहीं हैं। वह लंबे समय से इंडस्ट्री में हैं, लेकिन पॉपुलैरिटी अब जाकर मिली है।
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (National School of Drama) से पढ़ चुकीं सुनीता पिछले 17 साल से बॉलीवुड में हैं। उन्होंने अपना करियर अभय देओल और नेहा धूपिया स्टारर फिल्म 'एक चालीस की लास्ट लोकल' में गैंगस्टर चकली बनकर शुरू किया था। उन्होंने 'हिस्स' और 'पाप का अंत' जैसी फिल्मों के अलावा 'रामायण: सबके जीवन का आधार' (मंथरा का किरदार), 'हिटलर दीदी' (जमुना दाई), 'संतोषी मां' समेत कई टीवी शोज में भी काम किया है।
यह भी पढ़ें- Panchayat में प्रधान के पीछे पड़ीं भूषण की 'पत्नी' ने छीना था Neena Gupta से बड़ा रोल, 'मंजू देवी' को लग गई थी आग
कनि कुसरुति (Kani Kusruti)
कान्स 2024 में 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' के लिए चर्चा बटोर रहीं कनि कुसरुति ने पायल कपाड़िया निर्देशित फिल्म में प्रभा का रोल निभाया है। वह पिछले 15 साल से इंडस्ट्री में एक्टिव हैं। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है, जिसके लिए उन्हें प्रशंसा तो मिली लेकिन पॉपुलैरिटी नहीं। कनि फिल्मों में आने से पहले थिएटर आर्टिस्ट थीं। वह केरल में कई ड्रामों में लीड रोल निभा चुकी हैं।
साल 2009 में आई मलयालम फिल्म 'केरल कैफे' से कनि की किस्मत चमकी। फिर वह 'शिकार द हंट' में नजर आईं। साल 2019 में उन्हें फिल्म 'बिरयानी' के लिए केरल स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था। वह मॉस्को इंटरनेशनल फिल्म अवॉर्ड में भी इसी फिल्म के लिए ब्रिक्स अवॉर्ड जीत चुकी हैं। वह हुमा कुरैशी स्टारर 'महारानी' सीरीज में भी नजर आ चुकी हैं।
गीता अग्रवाल शर्मा (Geeta Agarwal Sharma)
बेहतरीन अदाकाराओं की बात हो और गीता अग्रवाल शर्मा का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता है। सालों से इंडस्ट्री में काबिज अभिनेत्री को विक्रांत मैसी स्टारर फिल्म '12वीं फेल' (12th Fail) और 'लापता लेडीज' से पहचान मिली है। गीता ने अपना करियर टीवी से शुरू किया था। वह पहली बार 'कैसा ये इश्क है' में नजर आई थीं।
फिर उन्होंने 2007 में फिल्मों की ओर रुख किया और 'फोटो' (Foto) मूवी की। भले ही उन्होंने कई फिल्मों और सीरीज में उम्दा किरदार निभाया है, लेकिन उन्हें पहले वो पहचान नहीं मिली थी, जो अब मिली है। वह 'भाग मिल्खा भाग' और OMG 2 में भी नजर आ चुकी हैं।
रसिका दुग्गल (Rasika Dugal)
रसिका दुग्गल भी लंबे समय से इंडस्ट्री में हैं, लेकिन उन्हें पहचान मिली हिट सीरीज 'मिर्जापुर' (Mirzapur) से। सीरीज में वह बीना त्रिपाठी बनकर खूब चर्चा में रहीं। भले ही रसिका को 'मिर्जापुर' के लिए जाना जाता है, लेकिन वह पिछले 17 साल से इंडस्ट्री में कई बेहतरीन भूमिका निभा चुकी हैं। उन्होंने फिल्म 'अनवर' (2007) में छोटा-मोटा रोल निभाकर एक्टिंग शुरू किया। फिर वह 'नो स्मोकिंग', 'औरंगजेब', 'किस्सा', 'ट्रेन स्टेशन' और 'तू है मेरा संडे' जैसी फिल्मों में काम किया है।
करीब 11 साल तक इंडस्ट्री में संघर्ष करने के बाद रसिका को फिल्म 'मंटो' के लिए तारीफें मिली। वह स्क्रीन अवॉर्ड में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट भी हुई थीं। 'मिर्जापुर' (Mirzapur 3) से कामयाबी हासिल करने के बाद रसिका ने 'मेड इन हेवन', 'दिल्ली क्राइम' और 'आउट ऑफ लव' जैसी सीरीज में काम किया।
यह भी पढ़ें- 'मंजू देवी' के बाद अब लगेगी 'कालीन भैया' की महफिल, 'पंचायत 3' में छिपा है Mirzapur 3 का क्लू, आपको मिला?