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'रामायण' की 'दुष्ट मंथरा' से 'दहेज' की क्रूर सास तक, ये हैं ललिता पवार के निभाए खलनायिका के दमदार किरदार

Lalita Pawar Iconic Characters Which Made Her Infamously Popular हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में खलनायिकाओं की बात आती है तो वेटेरन एक्ट्रेस ललिता पवार का जिक्र जरुर होता है। रामायण की मंथरा हो या दहेज की क्रूर सास ललिता पवार ने हर बार अपने किरदार में जान डाल दी।

By Vaishali ChandraEdited By: Vaishali ChandraUpdated: Tue, 18 Apr 2023 10:14 AM (IST)
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Lalita Pawar Iconic Characters Which Made Her Infamously Popular, Twitter

नई दिल्ली, जेएनएन। Lalita Pawar Iconic Characters Which Made Her Infamously Popular: बिन मंथरा रामायण कैसी... रामानंद सागर की रामायण में खलनायक के किरदार में रावण को दिखाया गया, लेकिन क्या आपने सोचा कि असल खलनायिका तो मंथरा थी। दुष्ट मंथरा ना कैकेयी के कान भरती और ना राम को वनवास जाना पड़ता।

मंथरा से हुई लोगों को नफरत

रामानंद सागर के इस आइकॉनिक माइथोलॉजिकल ड्रामा को मंथरा ने इतना दिलचस्प बनाया कि देखने वाले सच में मंथरा से नफरत करने को मजबूर हो गए। इस किरदार में दिग्गज अभिनेत्री ललिता पवार ने अपनी अदाकारी से जान फूंकी दी थी। मंथरा के अलावा ललिता पवार ने खलनायिका के कई ऐसे किरदार निभाए, जिन्होंने अभिनेत्री को अमर बना दिया।

फिल्मों में दमदार खलनायिका थीं ललिता पवार

हिंदी सिनेमा में जब भी दमदार खलनायिका की बात होती है तो आज भी ललिता पवार का नाम लिया जाता है। ललिता पवार की बर्थ एनिवर्सरी पर आइए जानते हैं उनके निभाए ऐसे ही कुछ दमदार किरदारों के बारे में...

साइलेंट फिल्मों से शुरू किया करियर

ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण राव शागुन था, जो बड़े सिल्क व्यापारी थे। ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव शागुन है, जिसे उन्होंने बाद में बदलकर ललिता पवार कर दिया। उन्होंने 9 साल की छोटी उम्र से ही अभिनय करना शुरू कर दिया था। ललिता पवार ने एक्टिंग की शुरुआत साइलेंट फिल्मों से की और बाद में मुख्य अभिनेत्री के तौर पर कई फिल्मों में काम किया, लेकिन एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दी।

एक थप्पड़ ने बदल दी ललिता पवार की जिंदगी

1942 में आई फिल्म जंग-ए-आजादी में ललिता पवार के को-एक्टर भगवान दादा को एक सीन में उन्हें थप्पड़ मारना था। इस दौरान एक्टर ने ललिता पवार को इतना जोरदार थप्पड़ मारा कि उनका चेहरा और बाईं आंख खराब गई। सालों के इलाज के बाद थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन अब उनकी खूबसूरती में दाग आ गया था, कैमरे पर उनकी एक आंख हमेशा छोटी दिखती थी। ऐसे में उन्हें लीड रोल्स ऑफर होना बंद हो गए।

बुरे वक्त में भी खुद को संभाला

फिल्म इंडस्ट्री को लगा कि ललिता पवार अब एक्टिंग की दुनिया में वापस कभी नहीं आएंगी। तभी उन्होंने शानदार वापसी का फैसला किया और नायिका ना सही, खलनायिका बनकर वापसी की। 1944 में आई फिल्म रामशास्त्री में उन्होंने गुस्‍सैल सास की भूमिका निभाई, जो लोगों को खूब पसंद आया। इसके बाद ललिता पवार ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और अपने करियर में कई यादगार किरदार निभाए।

सौ दिन सास के

1980 में आई सौ दिन सास के एक फैमिली ड्रामा फिल्म थी, जिसमें ललिता पवार ने एक क्रूर सास का किरदार निभाया था। फिल्म में आशा पारेख, रीना रॉय, देवेन शर्मा, मनमोहन क्रीषन और राज बब्बर जैसे कलाकार अहम किरदारों में थे। फिल्म में ललिता पवार घर की बड़ी बहू (आशा पारेख) को खूब टॉर्चर करती हैं, लेकिन छोटी बहू के किरदार में नजर आई रीना रॉय उन्हें कड़ी टक्कर देती हैं।

दहेज

1950 में आई इस फिल्म में भी ललिता पवार कठोर सास के किरदार में नजर आई थीं। नाम के अनुसार फिल्म में दहेज की कू प्रथा को दिल छू लेने वाले अंदाज में दिखाया गया था। फिल्म में ललिता पवार के साथ पृथ्वीराज, करण दीवान, जयश्री, उल्हास, केशवराव दाते और मुमताज बेगम भी थे हैं। दहेज में जयश्री की शादी ललिता पवार के बेटे से होती। फिल्म में ललिता ने ऐसी सास का किरदार निभाया था, जो दहेज के लिए अपनी बहू को प्रताड़ित करती है। मसाले और ड्रामा से भरी इस फिल्म में ललिता पवार ने गजब की अदाकारी की है।

मिस्टर और मिसेज 55

गुरु दत्त और मधुबाला की लव स्टोरी वाली ये फिल्म 1955 में रिलीज हुई थी। मिस्टर और मिसेज 55 में ललिता पवार ने मधुबाला की लालची चाची का किरदार निभाया था, जो मधुबाला की प्रॉपर्टी हथियाना चाहती है और इसलिए गुरु दत्त संग उसकी शादी में रुकावट बनती है। यहां तक कि वो मधुबाला की नकली शादी करवाने की भी कोशिश करती है।

प्रोफेसर

ललिता पवार इस फिल्म में सख्त गार्जियन का किरदार में नजर आई थीं। 1962 में प्रोफेसर की कहानी की बात करें तो दार्जिलिंग में रहने वाली ललिता पवार के ऊपर दो बड़ी और दो छोटी लड़कियों की जिम्मेदारी है। प्रोफेसर में ललिता का सारा गुस्सा और जली-कटी इन चार लड़कियों को झेलना पड़ता है। ललिता को चारों लड़कियों के लिए एक टीचर की तलाश है, जिसकी उम्र 50 से ऊपर है। फिल्म में शम्मी कपूर टीचर के किरदार में नजर आए, जो झूठ बोलकर और तिकड़बाजी करके टीचर बनते हैं।

संपूर्ण रामायण

रामानंद सागर की रामायण से पहले ललिता पवार ने 1961 में रिलीज हुई फिल्म संपूर्ण रामायण में मंथरा का किरदार निभाया था। फिल्म में उनके साथ महिपाल, अनीता गुहा, एमबी व्यास, सुलोचना काटकर जैसे कलाकार भी थे। संपूर्ण रामायण का डायरेक्शन बाबुभाई मिस्त्री ने किया था। इस फिल्म के बाद ललिता पवार ने रामानंद सागर की रामायण में दुष्ट मंथरा का आइकॉनिक किरदार निभाया।