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Lata Mangeshkar: सुरीली आवाज के लिए मिर्च खाती थीं लता मंगेशकर, स्वर कोकिला के बारे में चर्चित हैं ये किस्से

Lata Mangeshkar Birth Anniversary स्वर कोकिला लता मंगेशकर की सबसे बड़ी ताकत उनकी आवाज थी। इस आवाज के चलते ही उन्होंने पूरी दुनिया में नाम कमाया। लता मंगेशकर ने 70 से अधिक वर्षों तक फिल्म इंडस्ट्री में अहम योगदान दिया जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। लता मंगेशकर की आवाज तो सबने सुनी लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसे किस्से हैं जिसके बारे में कम ही लोगों को जानकारी होगी।

By Karishma Lalwani Edited By: Karishma Lalwani Updated: Thu, 28 Sep 2023 03:13 PM (IST)
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File Photo of Late Singer Lata Mangeshkar

नई दिल्ली, जेएनएन। Lata Mangeshkar Birth Anniversary: अपनी आवाज से दिल में उतरने वाली लता मंगेशकर की 28 सितम्बर को 94वीं जयंती है। शब्दों को सुरों में गूंथने वाली लता जी ने दशकों के सफर में करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बनाया। 

उनकी गायकी में वो जादू था, जिसका आकर्षण उम्र के किसी भी पड़ाव पर कम नहीं होता। आज स्वर कोकिला हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन इनके गाए गानों के जरिये अपने चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं।

लता मंगेशकर की 94वीं जयंती

6 फरवरी, 2022 को लता मंगेशकर का मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के चलते निधन हो गया था। प्यार से 'दीदी' कहलाई जाने वाली लता मंगेशकर को गुजरे डेढ़ साल बीत चुका है, लेकिन उनकी यादें आज भी ताजा हैं। 28 सितंबर को उनकी 94वीं जयंती मनायी जा रही है। इस खास मौके पर जानेंगे, उनके कुछ अनकहे किस्सों के बारे में। 

हिंदी फिल्म के लिए नहीं गाया था पहला गाना

लता मंगेशकर ने अधिकतर गाने हिंदी फिल्मों में गाए हैं। 'मेरी सांसों में तू है समाया' से लेकर 'दो पल रुका' तक, लता मंगेशकर ने बॉलीवुड को कई बेहतरीन गीतों से नवाजा। उन्होंने पांच साल की उम्र में ही गायकी शुरू कर दी थी। जब प्रोफेशनली गाना शुरू किया तो सबसे पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ का ‘नाचू या गड़े’ गाया।

अभिनय में भी आजमाया हाथ

लता मंगेशकर ने शुरुआती करियर में अभिनय में भी हाथ आजमाया था। उन्होंने अपने पिता के मित्र मास्टर विनायक की फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में अभिनय किया था, लेकिन गायकी की तरफ रुझान होने के चलते उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कह दिया। लता मंगेशकर ने अपने पूरे करियर हजारों गानों को आवाज दी। हालांकि, इनकी संख्या को लेकर एक बहस चलती रहती है। 

हरी मिर्ची खाने की थीं शौकीन

लता मंगेशकर खाने-पीने की शौकीन बताई जाती थीं। उनके बारे में ये फैक्ट है कि अपनी सुरीली आवाज को बनाए रखने के लिए वह खूब हरी मिर्च खाया करती थीं। सिंगिंग में दिक्कत न आए, इसके लिए वह चुइंग गम भी चबाया करती थीं। जहां तक बात डाइट की है तो लता मंगेशकर को सीफूड बहुत पसंद था। वह पानी-पूरी, हलवे की भी शौकीन थीं।

(Photo Credit: Lata Mangeshkar Instagram)

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आवाज की वजह से ही रिजेक्ट हुई थीं लता

लता मंगेशकर की आवाज की पूरी दुनिया दीवानी है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब उन्हें इसी आवाज की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया था। दरअसल, मास्टर गुलाम हैदर और लता से जुड़ा का एक चर्चित किस्सा था। फिल्ममेकर शशाधर मलिक 'शहीद' नाम की फिल्म बना रहे थे, जिसमें गुलाम हैदर को संगीत देना था। जब उन्होंने लता मंगेशकर की आवाज शशाधर को सुनाई तो उन्होंने यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि उनकी आवाज बहुत पतली है।

पहले हिट गाने का किस्सा

इस रिजेक्शन से लता मंगेशकर का दिल तो दुखा ही था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 1948 में फिल्म मजबूर में मास्टर गुलाम हैदर ने उनसे एक गाना गवाया। गाने के बोल थे 'दिल मेरा तोड़ा।' इसके बाद लता मंगेशकर की किस्मत बदल गई। वह इंडस्ट्री में जानी-मानी हस्ती बन गईं।