Lata Mangeshkar: अपने ही गाने क्यों नहीं सुनती थीं लता मंगेशकर? सुरों की कोकिला को सताता था इस बात का डर
Lata Mangeshkar स्वर कोकिला लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी मधुर आवाज सदियों तक लोगों के दिलों में बसी रहेगी। लता मंगेशकर की आवाज के करोड़ों लोग दिवाने हैं लेकिन क्या आप जानते हैं स्वर की धनी ये गायिका खुद अपने ही गाए हुए गाने नहीं सुनती थीं? इसके पीछे की वजह का खुलासा खुद सिंगर ने किया था।

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। भारत की स्वर कोकिला के नाम से पहचानी जाने वाली सिंगर लता मंगेशकर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके सुरों की गाथा हमेशा उनकी याद दिलाती रहेगी। भारत रत्न लता मंगेशकर की आवाज कई पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी, उनकी आवाज आज भी लोगों का दिल लेती है लेकिन स्वर कोकिला अपने गाए हुए गाने नहीं सुनती थीं। इसके पीछे की वजह उन्होंने खुद बताई थी।
क्यों अपने ही गाने नहीं सुनती थीं लता मंगेशकर
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजी जा चुकीं लता मंगेशकर ने 1948 से 1987 के बीच करीब 30,000 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी। लग जा गले, ऐ मेरे वतन के लोगों जैसे पॉपुलर गाने आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं। लोगों के दिलों में अपने सुरों से जगह बनाने वाली स्वर कोकिला अपने ही गाने क्यों नहीं सुनतीं इसका जवाब उन्होंने खुद दिया था। एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर ने खुलासा किया था कि रिकॉर्डिंग पूरी होने के बाद वह अपने गाने कभी नहीं सुनतीं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि उन्हें अपने गानों में 'सौ गलतियां' मिलेंगी।
फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया
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लता मंगेशकर मधुर आवाज के साथ अपने विनम्र व्यवहार के लिए जानी जाती थीं। उनका सिंगिंग करियर सात दशकों से भी ज्यादा समय तक चला। उन्होंने केवल 5 साल की उम्र से गाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कई भाषाओं में गाने गाए।
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कौन थे लता मंगेशकर के फेवरेट सिंगर्स
लता मंगेशकर ने 6 फरवरी 2022 को दुनिया को अलविदा कह दिया था। जनवरी की शुरुआत में कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने और निमोनिया होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दिग्गज गायिका का मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।
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