'रामायण के लक्ष्मण' सुनील लाहरी को फिर आया आदिपुरुष के मेकर्स पर गुस्सा, बोले- इनको डूब कर मर जाना चाहिए
Sunil Lahiri on Adipurush रामानंद सागर की रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी ने को एक बार फिर प्रभास सैफ अली खान कृति सेनन की आदिपुरुष के निर्माताओं पर गुस्सा आया है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- फिल्म देखने के बाद मुझे इतनी शर्मा आई कि लगा अब मैं पर्दा ही फाड़ दूं।
By Ruchi VajpayeeEdited By: Ruchi VajpayeeUpdated: Thu, 22 Jun 2023 08:08 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। ओम राउत की आदिपुरुष रिलीज के साथ ही दर्शकों के गुस्से का शिकार हो गई। अब, अनुभवी कलाकार सुनील लहरी, जिन्होंने रामानंद सागर की महाकाव्य सीरीज 'रामायण' में लक्ष्मण की भूमिका निभाई है थी, ने आदिपुरुष को देखने के बाद अपनी प्रतिक्रिया साझा की हैं।
'लक्ष्मण' को फिर आया गुस्सा
एएनआई से बात करते हुए सुनील लहरी ने फिल्म देखने के बाद अपने विचार शेयर किए। उन्होंने कहा, "मुझे ये फिल्म किसी भी एंगल से पसंद नहीं आई। सिर्फ दो ही चीजें मुझे पसंद आईं, एक तो बैकग्राउंड म्यूजिक पसंद आया, वो ठीक था और सिनेमैटोग्राफी अच्छी थी, बस। बाकी कैरेक्टराइजेशन से ले के पिक्चराइजेशन तक... इनका कुछ सर पर नहीं था।"
अदिपुरुष के मेकर्स पर भड़के सुनील लहरी
उन्होंने आगे इस फिल्म के इरादे और टारगेट ऑडियंस पर सवाल उठाया, "मुझे नहीं पता बच्चों से लेकर बड़े, जो भी मॉडर्नाइजेशन की बात करते हैं जो...ये कोई आधुनिक फिल्म नहीं है। किस एंगल से आधुनिक फिल्म है। टैटू बनाने से पिक्चर मॉडर्न हो जाती है क्या? मुझे नहीं पता कि वे क्या कहना चाह रहे थे। मुझे फिल्म से बहुत सारी उम्मीदें थीं।"ओम राउत को जमकर सुनाई खरी-खोटी
सुनील ने खुलासा किया कि उन्होंने फिल्म देखने से पहले कोई बयान देने से इनकार कर दिया था। लेकिन इसे देखने के बाद उन्हें इसके बारे में अपने विचार साझा करने में शर्म महसूस हुई। उन्होंने यह भी बताया कि उनके अलावा फिल्म देखने वाले बाकी लोग भी फिल्म से उतने ही नाराज थे। इंद्रजीत के साथ भगवान हनुमान के विवादास्पद संवाद को देखने के दौरान सुनील ने अपने विचार भी साझा किए और कहा, "न केवल एक कलाकार के रूप में, एक इंसान और देश के नागरिक के रूप में"।"लगा कि मैं पर्दा फाड़ दूं"
सुनील ने आगे कहा, " एक कलाकार और नागरिक होने के नाते मुझे लगा कि मैं पर्दा फाड़ दूं। हनुमान जी सर पीट रहे होंगे, कि किस तरह का डायलॉग बुलवा रहे हो मेरे किरदार से। हनुमान जी को पूजा जाता है। उनको (निर्माताओं को) ख्याल नहीं आया लिखने से पहले। ये क्या बंबईया फुटपाथ भाषा का इस्तेमाल करते हैं"।