Jnanpith Award 2024: लिरिसिस्ट और पोएट गुलजार को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार, जानें किसे दिया जाता है यह पुरस्कार
Jnanpith Award 2024 हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में टैलेंट की खान गुलजार को ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। ज्ञानपीठ चयन समिति ने यह एलान किया है। उनके साथ ही संस्कृत विद्वान जगतगुरु रामभद्राचार्य को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह अवॉर्ड किसे दिया जाता है और इसका क्या महत्व है आइये इस पर एक नजर डालते हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Jnanipath Award: हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए प्रसिद्ध, गीतकार गुलजार (Gulzar) और संस्कृत विद्वान जगतगुरु रामभद्राचार्य का नाम 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को घोषणा की की इन दो दिग्गजों को इस पुरस्कार के लिए सम्मानित किया जाएगा।
गीतकार के साथ-साथ प्रसिद्ध कवि भी हैं गुलजार
गुलजार लोकप्रिय गीतकार होने के साथ ही इस युग के बेहतरीन उर्दू कवियों में से भी एक हैं। इससे पहले उन्हें 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्मभूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।
ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, "यह पुरस्कार दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संस्कृत साहित्यकार जगतगुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार का चयन किया गया है।"
क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार?
ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य का अहम और सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। इस अवार्ड की स्थापना 1961 में की गई थी। 1965 में पहली बार मलयालम कवि जी. शंकर गुरु को यह पुरस्कार दिया गया था। ज्ञानपीठ पुरस्कार केवल भारत के नागरिक को ही दिया जाता है, जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखित हो।